खाद की समस्या को लेकर दिक्कत में किसान
Maharajganj News - महराजगंज, हिन्दुस्तान टीम। खरीफ सीजन में धान की रोपाई चल रही है। लेकिन जिलेभर
महराजगंज, हिन्दुस्तान टीम। खरीफ सीजन में धान की रोपाई चल रही है। लेकिन जिलेभर के किसान मुख्य मौके पर प्राइवेट दुकानों से महंगे रेट पर खाद खरीदने के लिए मजबूर हैं। वहीं दूसरी तरफ प्राइवेट दुकानदार यूरिया के साथ सल्फर, आयरन, जिंक खरीदने के लिए किसानों को बाध्य कर रहे हैं। कृषि विभाग द्वारा सही समय पर किसानों तक डीएपी, एनपीके, यूरिया पहुंचाने के लिए जिलेभर के प्राइवेट दुकानदारों को लाइसेंस जारी किए गए हैं। लाइसेंसी दुकानदारों को खाद की बिक्री करने पर कमीशन मिलता है। वहीं इफको व साधन सहकारी समितियों पर डीएपी, यूरिया की बिक्री की जा रही है।
पर खरीफ सीजन में डीएपी, एनपीके, यूरिया खाद को लेकर किसानों की समस्याएं बढ़ गई है। नगर के इफको केन्द्र पर 12 दिन से खाद नहीं है। साधन सहकारी समितियों से भी किसानों को निराशा मिल रही है। ऐसे में प्राइवेट दुकानों की रूख करने पर किसानों को निर्धारित मूल्य से अधिक कीमत चुकानी पड़ रही है। सदर क्षेत्र के किसान अशोक गुप्ता, रामसिंहासन, पारसनाथ, दयाशंकर आदि ने बताया कि धान की रोपाई किया जाना है। धान की रोपाई में अधिक देरी न हो जाए। ऐसे में खाद के लिए परेशान होना पड़ रहा है। प्राइवेट दुकानदार यूरिया के साथ सल्फर, आयरन, जिंक खरीदने के लिए बाध्य कर रहे हैं। मार्केट में ओवर रेटिंग, जिम्मेदार मौन लाइसेंसी दुकानदारों द्वारा सदर क्षेत्र के सिंहपुर, पकड़ी नौनिया, खुटहा, रसूलपुर आदि चौराहों पर अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर में खाद की ओवर रेटिंग खुलेआम किया जा रहा है। किसान भी समय पर खाद नहीं मिलने पर मजबूरी में खेती-पिछड़ने के डर में अधिक रकम देकर खरीद ले रहे हैं। पर कृषि विभाग के जिम्मेदार मुकदर्शक बने हुए हैं। पकड़ी नौनिया गांव के किसान घिसन गुप्ता,जोखन, राजू धवल,योगेंद्र आदि ने बताया कि समय पर खाद नहीं मिलने पर किसानों को सबसे अधिक पीड़ा लाइसेंसी दुकानदार से हो रही है है। कभी भी निर्धारित मूल्य पर दुकानदार किसानों को खाद नहीं दे रहे हैं। बार्डर क्षेत्र में खाद के लिए परेशानी अधिक नौतनवा क्षेत्र में डीएपी, एनपीके, यूरिया खाद के लिए किसान बड़ी टेंशन में हैं। किसान मजबूरी में लाइसेंसी दुकानों से डीएपी, एनपीके 1600 से 1800 रूपये प्रति बोरी के रेट पर खरीदने को मजबूर हैं। क्षेत्र के किसान प्रेमनारायण शर्मा, बाबूलाल यादव, राजू साहनी, रामप्रकाश बरूण, राकेश जयसवाल, सर्वजीत साहनी आदि का कहना है कि समितियों पर डीएपी खाद न मिलने से काफी परेशानी हो रही है। बिना पीओएस के भी दे रहे खाद बॉर्डर के प्रत्येक उर्वरक व्यवसायी के पास स्टॉक पंजिका, वितरण पंजिका तथा कैशमेमो के साथ ही पीओएस मशीन का होना आवश्यक है। पर अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर में परसामलिक क्षेत्र के दर्जनों चौराहे पर बिना पीओएस मशीन पर अंगूठा लगाये ही खाद की बिक्री की जा रही है। दुकानदार एक बोरी यूरिया के लिए किसानों से 350 से लेकर 450 रूपये तक वसूल ले रहे हैं। यही हाल डीएपी का भी है। एक बोरी डीएपी के लिए 1700 से लेकर 1800 रूपये देने पड़ रहे हैं। खाद की आपूर्ति को जिला प्रशासन का दावा सहकारिता विभाग ने जून, जुलाई, अगस्त, सितम्बर व अक्तूबर महीने में किसानों में खाद की आपूर्ति को लेकर लक्ष्य निर्धारित किया है। सहकारिता विभाग ने पर्याप्त मात्रा में यूरिया, डीएपी एपीके खाद को मंगा कर गोदाम में रखवाने का दावा किया गया है। किसानों में खाद की आपूर्ति को लेकर 65111 एमटी यूरिया, 21000 एमटी डीएपी, 4770 एमटी एपीके व 4351 एमटी एसएपी वितरण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। लेकिन हकीकत कुछ अलग ही आईना दिखा रहा है। एआर कॉआपरेटिव सुनील कुमार गुप्ता ने बताया कि किसानों में खाद की आपूर्ति को कुल 95732 एमटी खाद प्राप्त करने के लिए लक्ष्य निर्धारित किया गया है। यह लक्ष्य जून से लेकर अक्तूबर तक के हैं। सदर क्षेत्र के इमलिया निवासी मारकंडेय पटेल ने बताया कि धान की रोपाई में डीएपी, यूरिया की कमी गंभीर होती जा रही है। सरकार को किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए समय पर खाद उपलब्ध कराना चाहिए। ताकि खेती-बाड़ी से युवाओं को मोहभंग न होने पाए। सदर क्षेत्र के खजुरिया निवासी गिरिजेश कुमार ने बताया कि एक बोरी यूरिया के लिए परेशान होना पड़ रहा है। साधन सहकारी समितियों पर भी खाद नहीं है। भीषण गर्मी में धान की खेती करना कठिन हो गया है। खाद की ओवररेटिंग करने वाले दुकानदारों को बख्शा नहीं जाएगा। दुकानों की लगातार जांच की जा रही है। किसानों द्वारा दुकानदारों को अधिक मूल्य देकर खाद नहीं खरीदनी चाहिए। वीरेंद्र कुमार-जिला कृषि अधिकारी
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