बोले एटा: नाम शहर का सुविधाएं गांव से भी बदतर
Mathura News - एटा के जगन्नाथपुरी मोहल्ले में लोग जलभराव, बिजली कटौती और स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं। यहां की नालियां टूटी हुई हैं और साफ पानी की उपलब्धता नहीं है। इस क्षेत्र में लगभग 20,000 लोग इन समस्याओं का...

एटा: शहर की अधिकांश कालोनियां किसी ना किसी समस्या से ग्रसित है। जगन्नाथपुरी में तो ऐसी कोई समस्या नहीं है जो है नहीं। इस कालोनी के लोगों के साथ भेदभाव से लगता है। ना तो बिजली तार ले जाने के लिए पोल लगाए गए ना ही जलभराव की समस्या के लिए कोई समाधान हुआ। नालियां टूटी पड़ी है। कई गलियों का तो हाल ऐसा है कि देखने लगता है कि यह शहर की गलियां नहीं, किसी गांव का मोहल्ला है। इस मोहल्ला के लोगों को शहर जैसी कोई सुविधा नहीं है। कई गलियां में अधूरा ही खरंजा छोड़ दिया गया है।
इससे पानी सड़कों पर बहता रहता है। खाली पड़े प्लाटों में दूषित पानी चलता रहता है। प्लाट वह तालाब का रुप ले चुके है। हर मौसम में पानी भरा रहता है। यहां की नालियां का पानी निकलने के लिए कोई जगह नहीं बनाई गई। इसलिए पानी एक ही स्थान पर जमा रहता है। बीस हजार से अधिक की आबादी इस समस्या से जूझ रही है। जब सीवर लाइन डालने के लिए शहर में प्लान बनाया गया उस समय भी यहां पर कोई सर्वे नहीं हुआ। अब तक यहां पर सीवर लाइन डालने का कोई प्लान नहीं है। बरसात में फैल सकता है बीमारों का प्रकोप:वार्ड नंबर तीन के मोहल्ला जगन्नाथपुरी, शिवओमपुरी, नवीननगर, राधा बिहार, विजयनगर, गोविंदनगर में लंबे समय से जलभराव की स्थिति बनी है। पूरे क्षेत्र में मच्छरों का प्रकोप फैल रहा है। मच्छरों के बढ़ने से इन मोहल्लों में डेंगू, मलेरिया, वायरल फीवर बीमारी फैलने का पूरा अंदेशा बना हुआ है। बरसात से पूर्व जलभराव की समस्या का निस्तारण नहीं किया गया। तब इन मोहल्लों में संक्रामक बीमारियों को फैलने से नहीं रोका जा सकता है। बीमारियां फैलने की स्थिति में जनहानि से भी इंकार नहीं किया जा सकता है। समस्याओं के मकड़जाल में फंसे हैं दस हजार लोग नगर पालिका परिषद के वार्ड नंबर तीन के मोहल्लों में रहने वाले आठ से दस हजार लोग समस्याओं के मकड़जाल में फंसे हुए है। समस्याओं का निस्तारण न होने की वजह से इनको प्रतिदिन किसी न किसी समस्या से जूझना पड़ रहा है। जिसकी वजह से इनकी दिनचर्या और रोजी-रोटी कमाने के कार्य भी प्रभावित होते है। मोहल्ले में रह रहे लोग समस्याओं के साथ जीने को विवश हो गये है। इनके निस्तारण को वह शासन-प्रशासन और नगर पालिका परिषद की ओर टकटकी लगाये हुए हैं। इनके पहल करने पर ही उनको समस्याओं से निजात मिल सकेगी। बार-बार शिकायत करने के बाद भी अधिकारियों को यहां के लोगों की समस्यायें दिखायी नहीं दे रही है। जानबूझकर यहां रह रहे आठ से दस हजार लोगों को समस्याओं से जूझने के लिए छोड़ दिया गया है। परेशान लोग वार्ड सभासद को भला-बुरा कहकर अपनी भड़ास निकाल लेते है। -प्रेमवती देवी आंधी-बारिश के मौसम में वार्ड में अंधेरा व्याप्त हो जाता है। हवा चलने से झूलते विद्युत तारों में फाल्ट हो जाता है। उससे बिजली चली जाती है। बिजली ठीक कराने के लिए यहां के लोगों को कई-कई चक्कर काटने पड़ते है। उसके बाद भी दो-तीन दिन विद्युत फाल्ट दूर कराने में लग जाते है। -अमजद खान, जगन्नाथपुरी वार्ड में जलभराव, शुद्ध पेयजल की समस्या का सीवरेज पड़ने से समाधान हो सकता है। पूरे शहर में सीवरेज डाली जा चुकी है। इस योजना से उनके वार्ड क्षेत्र के आधा दर्जन मोहल्ले वंचित बने हुए है। जल निकासी न होने के कारण यह मोहल्ले जलभराव की समस्या से जूझ रहे है। -बादामश्री, जगन्नाथपुरी आधा दर्जन मोहल्ले में लोग पीने के पानी के लिए निजी संसाधनों पर निर्भर बने हुए हैं। गलियों में लगे हैण्डपंपों का पानी पीने योग्य नहीं है। गंदा पानी भरा रहने से पेयजल दूषित हो गया है। उसके बाद भी पालिका के खराब पेयजल संसाधनों को ठीक कराये जाने का कार्य नहीं हो रहा है। -सुमन, जगन्नाथपुरी वार्ड में पालिका परिषद की ओर से लगाए पीने के पानी के लिए वॉटर कूलर, आरओ वॉटर प्लांट भी खराब पड़े हुए हैं। जिसकी वजह से मोहल्ला के लोगों को शुद्ध पेयजल भी नसीब नहीं हो पा रहा है। हैंडपंपों में जलभराव होने की वजह से दूषित और गंदा पानी आ रहा है। जिससे लोग बीमार पड़ रहे हैं। -प्रेमवती, शिवओमपरी बिजली, सड़क, जलभराव जैसी समस्याओं से पूरे वार्ड के लोग जूझ रहे है। पूरा मोहल्ले में गंदा पानी भरा हुआ है। जिससे मच्छरों से पैदा होने वाली बीमारियां फैलने का पूरा अंदेशा बना हुआ है। यही हाल रहा तो बरसात के दिनों में मोहल्ला में बुखार, डेंगू, मलेरिया के रोगियों की भरमार हो जाएगी। -संदीप सड़कों का बुरा हाल है। ऊबड़-खाबड़ हो गई गलियों से गुजरने में भी दिक्कत हो रही है। पैदल चलने वाले ठोकर लगने से गिरकर चुटैल हो जाते है। कई बार सभासद, नगर पालिका के अधिकारियों को इस बारे में अवगत कराया गया है। उसके बाद भी सड़क निर्माण के लिए कोई पहल नहीं हो रही है। -कल्लू सिंह हमारे मोहल्ले में सुरक्षा भी नहीं है। नालिया टूटी पड़ी है। अधिकांश गलियों में आधा ही खरजा हुआ है। पानी निकासी के लिए नालियां भी नहीं बनाई गई। इससे पानी फेलता रहता है। पानी के निकास के लिए योजना बनाकर नाला बनाना चाहिए। जब तक पानी निकलने की जगह नहीं बनेगी तब तक समाधान नहीं होगा। -नेमवती पूरे शहर में सीवर लाइन डाली गई है। अभी हमारे यहां सीवर लाइन नहीं डाली गई। सीवर लाइन के लिए कितने बार प्रार्थना पत्र दिए। इसके बाद भी सीवर नहीं डाली गई। अभी नालियां गंदगी से अटी पड़ी है। सीवर में भी हमारा मोहल्ला छोड़ दिया गया। हमें शहर से बाहर कर दिया है। सीवर लाइन भी डाल दी जाए। -दिलदार
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।