Farmers Demand New Cooperative Building in Madhuban as Old Structure Becomes Dangerous मर्यादपुर सहकारी समिति का भवन जर्जर, नए भवन की मांग, Mau Hindi News - Hindustan
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मर्यादपुर सहकारी समिति का भवन जर्जर, नए भवन की मांग

Mau News - मधुबन तहसील के फतहपुर मंडाव ब्लाक में करीब 15 गांवों के किसानों को सहकारी भवन से खाद और बीज मिलते हैं। लेकिन, जर्जर भवन की स्थिति के कारण किसानों को खतरा है। बारिश के दिनों में समस्या और बढ़ जाती है।...

Newswrap हिन्दुस्तान, मऊSat, 17 May 2025 01:20 AM
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मर्यादपुर सहकारी समिति का भवन जर्जर, नए भवन की मांग

मऊ। मधुबन तहसील क्षेत्र अंतर्गत फतहपुर मंडाव ब्लाक क्षेत्र के करीब 15 गांवों के किसानों को बेहतर सुविधा मिल सके, इसी उद्देश्य से मर्यादपुर में 1980 में साधन सहकारी भवन स्थापित किया गया था। यहां से किसानों को सस्ते दाम पर खाद और बीज उपलब्ध कराया जाता है, लेकिन देखरेख के अभाव में समय बीतने के साथ यह सहकारी भवन काफी जर्जर अवस्था में पहुंच गया है। अब हालात ऐसे हो गए हैं कि लोग उस भवन के समीप जाने से डरते हैं। गोदाम में उतरने वाले खाद और बीज के भी खराब होने का खतरा अलग से बना रहता है।

सबसे ज्यादा दिक्कत बरसात के दिनों में होती है। क्षेत्रीय लोगों ने उक्त जर्जर भवन को धराशाई कर नया भवन बनाने की मांग की है। शुक्रवार को ‘हिन्दुस्तान टीम किसानों की इस बड़ी समस्या से जुड़े मामले की पड़ताल करने मर्यादपुर स्थित सहकारी समिति भवन के परिसर में पहुंची तो उसकी बदहाली सामने आ गई। फतहपुर मंडाव ब्लाक क्षेत्र के लगभग 15 गांवों के हजारों किसानों को बेहतर सुविधा मिल सके। इसको लेकर लगभग चार दशक पूर्व मर्यादपुर में साधन सहकारी समिति का भवन स्थापित किया गया था। शुरुआती दिनों में क्षेत्र के महुवीं, अल्लीपुर, लखनौर, गुरुम्हा, ढिलई फिरोजपुर आदि गांवों के किसान इस केन्द्र पर पहुंचकर सस्ते दाम पर खाद और बीज लेते हैं। क्षेत्र के किसान बताते हैं कि बाजार से सस्ते दाम पर साधन सहकारी समिति से बीज उपलब्ध हो जाती है, लेकिन जैसे-जैसे गोदाम जर्जर होते गए, यहां की समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। सबसे बड़ी परेशानी बरसात के दिनों में होती है। गोदाम में रखे खाद और बीज को बचाने में समिति के सचिव को भारी परेशानी उठानी पड़ती है। तेज बारिश में छत टपकने से गोदाम में पानी आ जाता है। जिससे खाद और बीज के नुकसान होने की आशंका बढ़ जाती है। ऐसे में प्लास्टिक से ढंककर खाद और बीज को बचाने का प्रयास करते हैं। क्षेत्रीय किसानों ने जनप्रतिनिधियों से लेकर विभागीय अधिकारियों के यहां शिकायत दर्ज कराई, लेकिन जनप्रतिनिधियों के साथ ही सरकार में बैठे अधिकारी भी किसानों की समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए दिखाई नहीं पड़ रहे हैं। किसानों का कहना है कि सरकार को इस समस्या का संज्ञान लेना चाहिए, जिससे किसानों को राहत मिल सके। सहकारी समिति के जर्जर भवन से खतरे की आशंका प्रबल फतहपुर मंडाव ब्लाक क्षेत्र अंतर्गत मर्यादपुर में लगभग चार दशक पहले से संचालित साधन सहकारी भवन काफी जर्जर स्थिति में पहुंच गया है, जिससे खतरे की आशंका बनी हुई है। भवन में कार्यरत कर्मचारी और आने वाले किसान भयभीत रहते हैं। भवन की दीवारों एवं छतों ने प्लास्टर छोड़ दिया है। दरवाजे और खिड़कियों की दशा भी दयनीय एवं लुंजपुंज हो गई है। ऐसे में कभी भी अप्रिय घटना होने का अंदेशा बना रहता है। सचिव का कहना है कि तेज बारिश के बीच सबसे बड़ा भय भवन के गिरने का बना हुआ है, परंतु इस ओर किसी का ध्यान नहीं है। पेयजल की व्यवस्था नहीं होने से होती है परेशानी साधन सहकारी समिति मर्यादपुर जहां जर्जर भवन के चलते किसानों के साथ ही तैनात कर्मियों के लिए परेशानी का सबब बना है, वहीं पेयजल की व्यवस्था नहीं होने से आए दिन यहां पहुंचने वाले किसानों को परेशानी उठानी पड़ती है। इस समय पड़ रही भीषण गर्मी के बीच समिति पर पहुंचने वाले किसानों को पेयजल के लिए भी तरसना पड़ता है। यही नहीं अधिकतर समितियों का यही हाल है। किसानों के साथ ही कर्मियों को भी प्यास लगने पर इधर उधर से पानी की तलाश करनी पड़ती है। किसानों ने परिसर में बाउंड्री वाल और पेयजल की व्यवस्था करने की भी मांग की। हमारी भी सुने सरकार ने जिस मकसद से साधन सहकारी समिति को स्थापित किया है, वह किसानों के लिए पर्याप्त होता हुआ दिखाई नहीं पड़ रहा है। 45 वर्ष से अधिक हो गए इस भवन को स्थापित हुए, लेकिन अबतक इस समिति में कोई बदलाव नहीं किया जा सका है। - आनन्द मल्ल मर्यादपुर में संचालित सहकारी समिति के भवन की सुरक्षा खुद नहीं है। भवन पूरी तरह से जर्जर हो गया है। किसानों के लिए आने वाला बीज भी रखे-रखे खराब हो जाता है। खराब बोरियां यदि जिस किसान को मिल गई तो उसकी फसल भी खराब हो जाती है। - नीरज यादव साधन सहकारी समिति मर्यादपुर तो कभी-कभी ऐसा हो जाता है कि कई दिनों तक संघर्ष के बाद बीज मिलता है। हालांकि, सब्सिडी मिलने से बाजर से सस्ता पड़ता है। जिम्मेदारों को किसानों की समस्या पर ध्यान देना चाहिए। - लालबाबू तिवारी समय-समय पर धान-गेहूं का बीज मिल जाता है। मार्केट से सस्ते रेट पर मिल जाता है, लेकिन जर्जर भवन से के चलते किसानों को आए दिन भय बना रहता है कि कहीं कोई बड़ी घटना न हो जाय। - अविनाश यादव फसल के समय साधन सहकारी समिति के कार्यालय पर किसानों की भारी भीड़ लगती है। घंटा-घंटा लोग लाइन में खड़े रहते हैं। इस पर सरकार को ध्यान देना चाहिए और जर्जर भवन की मरम्मत जनहित में आवश्यक है। - सूरज कुमार चौबे साधन सहकारी समिति पर खेती के लिए बढ़िया बीज आता है। इसलिए यहां किसानों की भीड़ ज्यादा होती है, लेकिन मजबूरी में लाइन लगाकर लेना पड़ता है। सब्सिडी काटकर मार्केट से सस्ते दाम पर मिल जाती है। जर्जर भवन को बेहतर बनाना होगा। - अमित मिश्रा बारिश के दिनों में होती है परेशानी लगभग चार दशक पूर्व बना सहकारी समिति का भवन पूरी तरह से जर्जर हो गया है। सबसे भयानक स्थिति बारिश के दिनों में होती है। प्लास्टिक से ढककर खाद और बीज को बचाया जाता है। भवन की स्थिति से अवगत कराते हुए विभागीय अधिकारियों के यहां पत्र प्रेषित किया गया है। -धनंजय दूबे, सचिव, साधन सहकारी समिति, मर्यादपुर

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