Maulana Shahabuddin said about UCC interference in Sharia is not acceptable UCC पर चर्चा के बीच ऑल इंडिया मुस्लिम जमात का विरोध, मौलाना शहाबुद्दीन बोले-शरीयत में दखल मंजूर नहीं, Uttar-pradesh Hindi News - Hindustan
Hindi NewsUP NewsMaulana Shahabuddin said about UCC interference in Sharia is not acceptable

UCC पर चर्चा के बीच ऑल इंडिया मुस्लिम जमात का विरोध, मौलाना शहाबुद्दीन बोले-शरीयत में दखल मंजूर नहीं

मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने यूसीसी को लेकर सोशल मीडिया पर विरोध जताया। उन्होंने एक्स पल भाजपा के एक पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी यूसीसी मुसलमानों को मंजूर नहीं है। कहा कि शरीयत में दखलअंदाजी न हो ऐसा कानून बनाया जाए।

Pawan Kumar Sharma वरिष्ठ संवाददाता, बरेलीMon, 21 April 2025 09:32 PM
share Share
Follow Us on
UCC पर चर्चा के बीच ऑल इंडिया मुस्लिम जमात का विरोध, मौलाना शहाबुद्दीन बोले-शरीयत में दखल मंजूर नहीं

ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने एक्स पर भाजपा के एक पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी यूसीसी मुसलमानों को मंजूर नहीं है। कहा कि शरीयत में दखलअंदाजी न हो ऐसा कानून बनाया जाए।

दरअसल, भाजपा ने एक्स पर पोस्ट किया है कि केंद्र सरकार बहुत जल्द यूसीसी कानून बनने पर विचार कर रही है। इसके बाद सोमवार को मौलाना शहाबुद्दीन ने एक वीडियो जारी कर कहा है कि यूसीसी के लागू होने पर तमाम धर्मों के अनुयायियों को ठेस पहुंचेगी। उन्होंने कहा कि भारत में सभी धर्मों के लोग रहते हैं, जिन पर एक कानून नहीं लागू किया जा सकता। मौलाना ने कहा कि गत दिनों उत्तराखंड हुकूमत ने यूसीसी कानून लागू किया है, उसमें आम मुसलमानों से कोई राय नहीं ली गई जबकि संविधान के जिस आर्टिकल का हवाला दिया जा रहा है, उसमें साफ-साफ उल्लेख है कि राज्य सभी धर्मों के लोगों से राय लेकर सहमति बनाएंगे।

ये भी पढ़ें:बारात निकलने से पहले प्रेमिका का हंगामा, बड़े की शादी में छोटा भाई बना दूल्हा
ये भी पढ़ें:ये इतना बड़ा मामला नहीं, आगरा में बच्‍ची से रेप पर ये क्‍या बोल गए रामजीलाल सुमन

वक्फ कानून धार्मिक संस्थाओं की स्वायत्तता को कमजोर कर रहा

उधर, मुस्लिम संगठन जमात-ए-इस्लामी हिंद ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 को “असंवैधानिक” और “पक्षपातपूर्ण” बताते हुए कहा कि अधिनियम हितधारकों की आपत्तियों की अनदेखी और धार्मिक संस्थाओं की स्वायत्तता को कमजोर करता है। संगठन ने सोमवार को जारी एक बयान में यह टिप्पणी की।

बयान में कहा गया है कि संगठन वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 की कड़ी निंदा करते हुए इसे असंवैधानिक, अन्यायपूर्ण और पक्षपातपूर्ण करार देती है। इसके मुताबिक, यह अधिनियम हितधारकों की आपत्तियों की अनदेखी करता है, धार्मिक संस्थाओं की स्वायत्तता को कमजोर करता है तथा संविधान के अनुच्छेद 26 का उल्लंघन करता है।

लेटेस्ट Hindi News, बॉलीवुड न्यूज , बिजनेस न्यूज , क्रिकेट न्यूज पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करे| पाएं Lucknow news , Prayagraj News , Varanasi News , Gorakhpur News , Kanpur News , Aligarh News से जुड़ी ताजा खबरें हिंदी में |