Meerut murder case What medicines did Muskan buy to make Saurabh unconscious Bill revealed मेरठ हत्याकांड: मुस्कान ने सौरभ को बेहोश करने के लिए कौन-कौन सी खरीदी थीं दवाएं? सामने आया बिल, Uttar-pradesh Hindi News - Hindustan
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मेरठ हत्याकांड: मुस्कान ने सौरभ को बेहोश करने के लिए कौन-कौन सी खरीदी थीं दवाएं? सामने आया बिल

  • मेरठ हत्याकांड को लेकर हर दिन नए-नए खुलासे हो रहे हैं। उधर पुलिस भी अपनी जांच पड़ताल में जुटी है। रविवार को पुलिस ने ड्रग विभाग के अफसरों के साथ मिलकर उस मेडिकल स्टोर पर भी छापेमारी की।

Dinesh Rathour लाइव हिन्दुस्तान, मेरठSun, 23 March 2025 08:34 PM
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मेरठ हत्याकांड: मुस्कान ने सौरभ को बेहोश करने के लिए कौन-कौन सी खरीदी थीं दवाएं? सामने आया बिल

मेरठ हत्याकांड को लेकर हर दिन नए-नए खुलासे हो रहे हैं। उधर पुलिस भी अपनी जांच पड़ताल में जुटी है। रविवार को पुलिस ने ड्रग विभाग के अफसरों के साथ मिलकर उस मेडिकल स्टोर पर भी छापेमारी की, जहां से हत्यारोपी मुस्कान ने सौरभ को बेहोश करने के लिए दवाईयां खरीदी थीं। मेडिकल स्टोर का वो बिल भी सामने आया है जिसमें दवाइयों के नाम और उनकी संख्या का जिक्र है। बिल मुस्कान ने अपने नाम से बनवाया था।

खैर नगर स्थित ऊषा मेडिकल स्टोर पर रविवार को पुलिस ड्रग विभाग की टीम के साथ पहुंची। टीम ने स्टोर संचालक से पूछताछ के बाद मुस्कान से जुड़ी जानकारी जुटाई। इस दौरान पता चला कि मुस्कान सौरभ की हत्या में शामिल किए गए बेहोश के इंजेक्शन यहीं से खरीदे थे। मुस्कान ने डॉ. अरविंद कुमार देशवाल को दिखाकर एक पर्चा बनवाया था। इस पर्चे में हेरफेर कर मुस्कान ने इसका फोटो अपने मोबाइल में सुरक्षित किया। एक मार्च की दोपहर एक बुजुर्ग को लेकर मुस्कान खैरनगर में उषा मेडिकल स्टोर पर पहुंची थी। मोबाइल में दवा का पर्चा दिखाकर मुस्कान ने तीन दवाएं मिजोलैम इंजेक्शन-5 एमएल, डायजीन टेबलेट और तागारा टेबलेट खरीदी थी। इन्हीं दवाओं का इस्तेमाल कर सौरभ को बेहोश कर उसकी हत्या की गई। मुस्कान ने पुलिस पूछताछ में इसका खुलासा किया, जिसके बाद पुलिस ने उषा मेडिकल स्टोर पहुंचकर छानबीन की।

दवाइयों का बिल

दूसरी ओर, रविवार दोपहर करीब 1.30 बजे ड्रग विभाग की पांच सदस्यों की टीम उषा मेडिकल स्टोर खैरनगर पहुंची। यहां छानबीन शुरू की गई और मिजोलैम की बिक्री का रिकार्ड मांगा गया। नशे या ड्रग के रूप में इस्तेमाल होने वाली तमाम दवाओं को लेकर रिकार्ड की छानबीन की गई। ड्रग विभाग की टीम को मुस्कान द्वारा खरीदी दवाओं का बिल मिल गया। इसके बाद टीम ने मेडिकल स्टोर का एक साल का दवाओं का खरीद-फरोख्त का रिकार्ड सुरक्षित किया है और जांच शुरू कर दी है। ड्रग-नशे के रूप में इस्तेमाल की जाने वाली हर दवा का रिकार्ड मांगा है और खरीद-फरोख्त पर रोक लगा दी है।

अस्पताल में इस्तेमाल होने वाली दवा कैसे दे दी

मुस्कान ने खुद को डिप्रेशन का शिकार बताकर डॉक्टर से पर्चे पर नींद की गोली लिखवाई थी। मुस्कान ने डाक्टर के पर्चे पर मिजोलैम इंजेक्शन लिखा। मिजोलैम इंजेक्शन का प्रयोग अस्पताल के आईसीयू और ऑपरेशन थियेटर में मरीजों को बेहोश करने के लिए किया जाता है। यह इंजेक्शन डॉक्टर अपने पर्चे पर नहीं लिख सकते। ऐसे में ऊषा मेडिकल स्टोर संचालक ने डाक्टर के पर्चे पर इंजेक्शन दे दिया।

ड्रग इंस्पेक्टर प्रियंका चौधरी ने बताया, उषा मेडिकल स्टोर पर टीम ने तीन घंटे छापेमारी की। जांच के दौरान वह बिल मिल गया जिसमें मुस्कान को दवाएं दी गईं। मिजोलैम इंजेक्शन ऑपरेशन थियेटर में इस्तेमाल होता है। इसे कोई डॉक्टर अपने पर्चे पर नहीं लिखता है। ऐसे में मेडिकल स्टोर पर लापरवाही बरती गई इंजेक्शन खरीदार को दे दिया गया। जांच कराई जा रही है। नशे-ड्रग के रूप में इस्तेमाल होने वाली दवाओं के खरीद-फरोख्त पर रोक लगा दी है। ड्रग कमिश्नर को रिपोर्ट भेजी गई है।

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जेल जाते ही अकेले हुई मुस्कान

जिला कारागार के नशा मुक्ति केंद्र में कत्ल की आरोपी मुस्कान का नशा उतरने लगा है। उसे अहसास हो रहा है कि माता-पिता उसका साथ नहीं देंगे। ऐसे में उसने जेल अफसरों से मदद की गुहार लगाई है। मुस्कान ने वरिष्ठ जेल अधीक्षक को पत्र लिखकर खुद के लिए सरकारी वकील की मांग की है, ताकि उसकी तरफ से केस लड़ा जा सके। सौरभ राजपूत की हत्या के आरोप में जेल की सलाखों के पीछे पहुंची मुस्कान का नशा उतरने लगा है। उसे अब जेल की सलाखें डराने लगी हैं। जेल सूत्रों की मानें तो मुस्कान ने वरिष्ठ जेल अधीक्षक डा. वीरेश राज शर्मा से मुलाकात कर कहा कि वह एकदम अकेली हो गई है। उसका कोई नहीं है। मम्मी और पापा बहुत नाराज हैं जो उसका मुंह भी नहीं देखना चाहते है। वह उसे जेल से नहीं निकालेंगे। चार दिन हो गए, उससे वह मिलने भी नहीं आए हैं। उसका कहना है कि उसे वकील दिलाया जाए जो उसका केस लड़ सके। वरिष्ठ जेल अधीक्षक ने मुस्कान से लिखित में पत्र लिया है और मदद का भरोसा दिलाया है।

हर दो घंटे में मुस्कान कर रही नशे के लिए हंगामा

जिला कारागार की बैरक नंबर 12 में पहुंची मुस्कान बेचैन है। हालांकि चिकित्सक उसकी निगरानी कर रहे हैं। सूत्रों की मानें तो वह नशे की मांग कर रही है। उसे संभालना मुश्किल हो रहा है। वरिष्ठ जेल अधीक्षक ने तीन लोगों की टीम को मुस्कान की निगरानी के लिए लगाया है जो उसकी हर वक्त निगरानी करते हैं। हर दो घंटे बाद मुस्कान जेल में नशे के लिए बखेड़ा कर रही है।