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भारतीय चिंतन में छिपा है वैश्विक समाधान

Meerut News - पंडित दीनदयाल उपाध्याय शोधपीठ और राजनीति विज्ञान विभाग ने दो दिवसीय गोष्ठी का आयोजन किया। गोष्ठी में वैश्विक शांति, आंतरिक शांति, और भारतीय दर्शन पर विचार प्रस्तुत किए गए। वक्ताओं ने भारत की एकात्मता...

Newswrap हिन्दुस्तान, मेरठMon, 12 May 2025 02:22 AM
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भारतीय चिंतन में छिपा है वैश्विक समाधान

पंडित दीनदयाल उपाध्याय शोधपीठ चौधरी चरण सिंह विवि के राजनीति विज्ञान विभाग व भारतीय राजनीति विज्ञान परिषद् के संयुक्त तत्वावधान में वैश्विक शांति एवं एकात्म मानवदर्शन : समकालीन परिप्रेक्ष्य विषय पर दो दिवसीय गोष्ठी का आयोजन हुआ। रविवार को दूसरे दिन के सत्र का आयोजन विवि में चाणक्य सभागार में हुआ। वैश्विक शांति और आंतरिक शांति पर वक्ताओं ने विचार प्रस्तुत किए। उद्घाटन सत्र की शुरुआत अनुसुइया नैन सहायक आचार्य केरल द्वारा की गई। अध्यक्षता प्रो. अनुपम शर्मा आचार्य राजनीति विज्ञान एवं लोक प्रशासन विभाग, डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर ने की। जम्मू से आए सहायक प्राचार्य डॉ. अजय कुमार सिंह ने कहा पश्चिम के दर्शन के विपरीत भारत का दर्शन एकात्मता लिए हुए है।

विशिष्ट वक्ता प्रो असद रज़ा, पुंडुचेरी ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के चिंतन की व्याख्या की। पश्चिम बंगाल से आए प्रो जितेंद्र साहू ने अस्थिर व युद्धरत वैश्विक स्थिति में विश्व शांति पर बात की। प्रो. जनक सिंह मीणा आचार्य, गुजरात ने विषय को सामयिक रूप से अनुकूल बताया। प्रो सुनील महावर बिहार, अध्यक्षीय उदबोधन में प्रो अनुपम शर्मा, डॉ. हरिसिंह ने विचार प्रस्तुत किए। द्वितीय सत्र की औपचारिक शुरुआत आंचल चौहान ने की। डॉ. भूपेंद्र प्रताप सिंह ने अतिथियों का परिचय कराया। इशिता पांडे ने छायाचित्रों को वीडियो प्रेजेंटेशन से प्रस्तुत किया। रजत कोहली ने संगोष्ठी की रिपोर्ट प्रस्तुत की। डॉ. नियाज़ अहमद अंसारी, डॉ. असद रजा, डॉ. के. कविता, प्रो मुकेश मिश्रा ने विचार रखे। प्रो. सोमा भौमिक कुलपति विलियम कैरी विश्वविद्यालय, शिलांग ने कहा भारत हमेशा से वैश्विक सामंजस्य के लिए प्रयासरत रहा है। प्रो डी.रामाकृष्णन मदुरई ने कहा साहित्य ही संस्कृति का दर्पण है। प्रो ए.पी. पाढ़ी पूर्व कुलपति बहरामपुर विवि ने कहा विश्व इस समय अनेक आर्थिक, सामाजिक व राजनीतिक समस्याओं से ग्रस्त है। इन सबका स्थायी समाधान भारतीय चिंतन में है। प्रो रविंद्र कुमार पूर्व कुलपति चौधरी चरण सिंह विवि ने अध्यक्षीय उद्वोधन में कहा भारत निरंतर विश्व व्यवस्था को केंद्रीय भूमिका में आ रहा है। भारत को स्वावलंबी बनाकर विश्वगुरु बनाएं जिसमें सभी नागरिकों का सहयोग हो। प्रो संजीव शर्मा, पूर्व कुलपति महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय मोतिहारी बिहार द्वारा आभार जताया। डॉ जयवीर सिंह, डॉ सुषमा रामपाल, डॉ भूपेंद्र प्रताप सिंह, डॉ देवेन्द्र कुमार, डॉ मुनेश कुमार, डॉ रवि पोसवाल, इशिता पांडे, पवन, गगन, रवीना, सचिन रहे।

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