Peaceful Eid-ul-Azha Prayer in Meerut with Emphasis on Education and Sacrifice अमन चैन की दुआ, देश के लिए कुर्बान होने का जज्बा जरूरी, Meerut Hindi News - Hindustan
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अमन चैन की दुआ, देश के लिए कुर्बान होने का जज्बा जरूरी

Meerut News - मेरठ में ईद-उल-अजहा की नमाज कड़ी सुरक्षा के बीच शांति से अदा की गई। शहर काजी डॉ. जैनुस सालिकीन ने तालीम पर जोर दिया, जबकि कारी शफीकुर्रहमान ने कुर्बानी और देशभक्ति की बात की। नमाज के दौरान हजारों लोग...

Newswrap हिन्दुस्तान, मेरठSun, 8 June 2025 03:41 AM
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अमन चैन की दुआ, देश के लिए कुर्बान होने का जज्बा जरूरी

मेरठ। ईद-उल-अजहा की नमाज शनिवार को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शांतिपूर्ण तरीके से अदा की गई। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने चप्पे-चप्पे पर फोर्स की तैनाती की, वहीं सड़क पर नमाज अदा नहीं की गई। ईद की नमाज में शहर काजी डॉ. जैनुस सालिकीन ने अमन चैन की दुआ कराई, साथ ही मुसलमानों की तालीम (शिक्षा) पर जोर दिया। वहीं कारी शफीकुर्रहमान ने तकरीर में कहा कि वतन पर कुर्बान होने के लिए जज्बा जरूरी है। ईद की नमाज के दौरान बारगाह-ए-इलाही में एक साथ हजारों सिर झुके। दिल्ली रोड स्थित शाही ईदगाह में हजारों की संख्या नमाजियों ने ईद उल अजहा की नमाज अदा की।

कारी शफीकुर्रहमान ने तकरीर कर शिक्षा और भाईचारे का संदेश दिया। कहा कि हम वतन के लिए अपनी जान कुर्बान करने के लिए भी तैयार हैं। तकरीर के बाद शहर काजी सालीकिन सिद्दीकी ने ईद की नमाज पढ़ायी। नमाज से पहले उन्होंने कहा कि इस्लाम में ब्याज लेना और देना, यहां तक कि ब्याज लिखना भी हराम है। शहर काजी ने नमाज के बाद दुआ और खुतबा पढ़ाया। शनिवार को सुबह से ही शाही ईदगाह के बाहर भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात किया गया। ड्रोन से चप्पे पर नजर रखी गई। सड़क पर नमाज न हो इसको लेकर पुलिस प्रशासन की ओर से पूरी तैयारी की गई थी। मौके पर एडीजी भानू भास्कर, डीएम डॉ. वीके सिंह, एसएसपी डा. विपिन ताडा, एडीएम सिटी ब्रजेश कुमार सिंह, एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह समेत पुलिस, प्रशासन के अधिकारी मौजूद रहे। शांतिपूर्ण नमाज होने के बाद अधिकारियों ने राहत की सांस ली। नमाज के बाद लोगों ने एक दूसरे को ईद की मुबारक बाद दी। नमाज के बाद डीएम, एसएसपी ने लोगों को ईद की मुबारकबाद दी। तालीम कामयाब जिंदगी का आधार और गारंटी : शहर काजी ईद की नमाज में शहर काजी डॉ. जैनुस सालिकीन ने मुसलमानों की शिक्षा पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि तालीम कामयाब जिंदगी का आधार और गारंटी है। शहर काजी की तकरीर की खास बात यह रही कि उन्होंने पैगम्बर मुहम्मद द्वारा सैकड़ों साल पहले दिए गए खुतबे के आठ बिंदुओं को तफसील के साथ नमाजियों के समक्ष रखा। उन्होंने कहा कि इंसानी जान, माल और इज्जत की हिफाजत करना भी हमारा दायित्व है। कहा कि तालीम (शिक्षा) के मार्ग से ही मुसलमानों को उनका हक और अधिकार मिलेगा। भारत हमारा मुल्क है। इसमें आपसी भाईचारे के साथ रहने का काम किया जाए। आपसी भाईचारे के साथ हमें देश में रहना है। हम सभी लोगों को अपने शहर की स्वच्छता पर भी ध्यान देना है। कुर्बानी करने के बाद अवशेष सड़कों पर खुले में नहीं फेंकने हैं। कहा कि हमारे यहां ब्याज लेना और देना हराम है। कुछ लोग ब्याज पर ही मोबाइल आदि सामान खरीद रहे हैं, कृपया वह ऐसा ना करें। केवल और केवल ईमानदारी के साथ रोजगार करने और आपसी भाईचारे को कायम रखने के लिए काम करें। देश के लिए कुर्बानी को रहें तैयार : कारी शफीक ईद की नमाज से पूर्व तकरीर में कारी शफीकुर्रहमान कासमी ने ईद उल अजहा के मसाइल बयां किए। उन्होंने कहा कि खुदा को कुर्बानी पसंद है, इसलिए उसने हजरत इब्राहिम और हजरत इस्माइल के कुर्बानी वाले जज्बे को मुसलमानों के लिए जरूरी कर दिया। कारी शफीक ने मुसलमानों का यह भी आह्वान किया कि वह अपने अंदर मुल्क के प्रति वफादारी और कुर्बानी के जज्बे को और मजबूत करें। अपनी 20 मिनट की तकरीर में उन्होंने इस बात को लेकर रोष व्यक्त किया कि ईद उल अजहा का पर्व आते ही कुछ लोग जानवरों की कुर्बानी को लेकर तरह तरह की चर्चा करने लगते हैं, जो गलत है। इस पर लगाम लगनी चाहिए। कहा कि देश के लिए मुसलमान कुर्बानी के लिए हमेशा से तैयार रहे हैं और आगे भी तैयार रहेंगे। उन्होंने मीट कारोबार पर कहा कि हमारा देश दुनिया का दूसरा बड़ा देश है, जो पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा मीट सप्लाई करता है। सरकार की इजाजत के बगैर मुल्क से बाहर एक जानवर तो क्या, एक टुकड़ा भी नहीं जा सकता। तकरीबन 5000 करोड़ रुपए का कारोबार देश के लोगों का होता है। कारी शफीक ने कहा कि मुसलमानों को अपना किरदार सही पेश करके गलतफहमियां और प्रोपेगेंडा को दूर करना पड़ेगा। मुसलमान एजुकेशन की लाइन में बच्चों को बेहतर करें : कासमी ईदगाह लिसाड़ी में नमाज से पहले कारी अफ्फान कासमी ने कहा कि आज का दिन हमारी जिंदगी में फर्माबरदारी और आत्म समर्पण का सबक देता है, इसलिए अपने आप को मुकम्मल तौर पर दीन और अल्लाह के हुकुम के मुताबिक जिंदगी गुजारनी चाहिए। आज मुसलमान देश और दुनिया में इसलिए पीछे है कि उसने एजुकेशन और तकनीक को बिल्कुल छोड़ दिया। मुसलमान जब तक एजुकेशन की लाइन में अपने बच्चों को आगे नहीं बढ़ाएगा, उसका हाल बेहतर नहीं होगा। दुनिया की हर कौम जो शिक्षा में आगे बढ़ी, वही तरक्की कर सकी है, इसलिए अपने बच्चों पर ध्यान आकर्षित करने की जरूरत है। कुर्बानी से गंदगी न फैलाएं शाही ईदगाह पर काजी हस्सान कासमी काजी शरीयत दारुल कजा ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ पर्सनल लॉ बोर्ड ने ईद की नमाज से पहले खिताब में कहा कि कुर्बानी अल्लाह के लिए होती है। वह अल्लाह का हक है। अगर उसमें कुछ कमी होगी तो अल्लाह माफ कर देंगे, लेकिन अगर कुर्बानी करके हमने गंदगी फैलाई, उसके अवशेष को वहीं छोड़ दिया या खून से सड़क गंदी कर दी तो हमारी कुर्बानी से हमें सवाब की जगह गुनाह मिलेगा। यह कुर्बानी हमारे लिए पुण्य की जगह दंड का जरिया बन जाएगी।

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