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महिलाओं में पुरुषों के हार्मोन, खतरे की घंटी बना बढ़ता वजन; 10 साल में 2 गुने हुए पीसीओएस के केस

महिला डॉक्‍टरों का मानना है कि मोटापे पर लगाम, देर से सोने-जागने की आदत में सुधार बहुत जरूरी है। कानपुर में ओब्स एंड गायनी और आईएसओपीएआरबी सोसाइटी की ओर से संयुक्त सेमिनार में अलग-अलग शहरों से आईं महिला डॉक्‍टरों का फोकस पीसीओएस यानी पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम के बढ़ते मामलों को रोकने पर रहा।

Ajay Singh आशीष दीक्षित, कानपुरMon, 28 April 2025 07:26 AM
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महिलाओं में पुरुषों के हार्मोन, खतरे की घंटी बना बढ़ता वजन; 10 साल में 2 गुने हुए पीसीओएस के केस

बदलती लाइफस्टाइल और बढ़ता वजन महिलाओं के लिए न सिर्फ खतरे की घंटी है, बल्कि उनमें पुरुषों के हार्मोन तक बन रहे हैं। 10 साल की बात करें तो देश में पीसीओएस के दोगुने केस हो गए। इससे महिलाओं में बांझपन का भी खतरा बढ़ रहा है।

महिला चिकित्सकों का मानना है कि मोटापे पर लगाम, देर से सोने-जागने की आदत में सुधार बहुत जरूरी है। कानपुर में ओब्स एंड गायनी और आईएसओपीएआरबी सोसाइटी की ओर से संयुक्त सेमिनार में अलग-अलग शहरों से आईं महिला चिकित्सकों का फोकस पीसीओएस यानी पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम के बढ़ते मामलों को रोकने पर रहा।

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पीसीओएस, महिलाओं में एक सामान्य हार्मोनल विकार है, जो अंडाशय के कार्य को प्रभावित करता है। इसमें अंडाशय पर छोटे-छोटे सिस्ट का बनना, मासिक धर्म अनियमितता, और एंड्रोजन (पुरुष हार्मोन) के स्तर में वृद्धि शामिल है।

आईएसओपीएआरबी सोसाइटी अध्यक्ष वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. नीलम मिश्रा ने बताया कि पीसीओएस की चपेट में आने वाली 14-40 साल की उम्र वाली युवतियां और महिलाओं में मुख्य कारण हार्मोनल असंतुलन है, जिसमें महिलाओं में एंड्रोजन का स्तर सामान्य से अधिक हो जाता है। पुरुष हार्मोन स्तर बढ़ने से अंडाशय पर सिस्ट बन जाती हैं। व्यायाम न करना, मोटापा, देर तक जागना, देर से उठना, बाजार का ज्यादा खानपान का बढ़ता चलन इसका मुख्य कारण है।

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60 फीसदी मामले 20 से 25 साल से जुड़े

वरिष्ठ स्त्री रोग चिकित्सक डॉ. सीमा द्विवेदी के मुताबिक महिलाओं में एक आम हारमोनल विकार है, जो प्रजनन आयु की महिलाओं में होता है। 60 फीसदी मामले 20-25 साल की आयु वाली युवती व महिलाओं में होते हैं। सबसे बड़ा कारण यह है कि पीसीओएस के लक्षण, कारण व बचाव के बारे में अधिकांश महिलाएं जानती ही नहीं हैं। इस वजह से चपेट में आने के बाद भी रोग से अनजान रहती हैं।

पीसीओएस के मुख्य लक्षण

- अनियमित मासिक धर्म और पीड़ा

- चेहरे और शरीर पर अधिक बाल

- गर्भवती होने में बार-बार कठिनाई

- लंबे समय तक सिररर्द और मुंहासे

- खून की कमी और अत्यधिक कमजोरी