वित्तीय अनियमितता में गोगांव के प्रधान का वित्तीय और प्रशासनिक अधिकार सीज
Mirzapur News - जिगना, हिन्दुस्तान संवाद। डीपीआरओ संतोष कुमार ने विकास कार्यों में वित्तीय अनियमितता एवं सरकारी

जिगना, हिन्दुस्तान संवाद। डीपीआरओ संतोष कुमार ने विकास कार्यों में वित्तीय अनियमितता एवं सरकारी धन के दुरुपयोग के मामले में दोषी पाई गई छानबे ब्लाक के गोगांव गांव की ग्राम प्रधान सियादुलारी के समस्त वित्तीय व प्रशासनिक अधिकार सीज कर दिया है। उन्होंने ग्राम पंचायत के खाता संचालन के लिए तीन सदस्यीय टीम के गठन का निर्देश दिया है। एक सप्ताह के अंदर समिति गठित कर अनुमोदन कराने के निर्देश दिए हैं। जिससे गांव का विकास कार्य न बाधित होने पाए। वहीं सरकारी धन की बंदरबांट करने वाले प्रधान एवं सचिवों में हड़कंप मचा हुआ है।
गांव निवासी बृज बिहारी पांडेय, प्रमोद सिंह, वीरेंद्र बहादुर सिंह ने 24 सितम्बर 2024 को शपथ पत्र प्रस्तुत कर प्रधान व सचिव पर विकास कार्यों के नाम पर वित्तीय अनियमितता व सरकारी धन के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए कार्यवाई की मांग की थी। डीएम प्रियंका निरंजन ने जिला समाज कल्याण अधिकारी (विकास) एवं बाण सागर के सहायक अभियंता (प्रथम) को आरोपों के सत्यापन के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया था। दूसरी ओर डीपीआरओ ने सचिव को कारण बताओ नोटिस जारी किया था।
तकनीकी टीम के स्थलीय निरीक्षण व सत्यापन रिपोर्ट में शिकायतकर्ताओं के 75 फीसदी आरोप सही पाए गए। प्रधान एवं सचिव वित्तीय अनियमितता में दोषी पाए गए। अंतिम रूप से आरोप मुक्त होने तक प्रधान सियादुलारी को वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकारों से वंचित करते हुए समस्त खातों के संचालन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दिया गया है। साथ ही विस्तृत जांच के लिए डीडीओ को नोडल अधिकारी एवं एई पीडब्ल्यूडी को तकनीकी अधिकारी नामित किया गया है। डीएम ने एक पखवाड़े के अंदर रिपोर्ट तलब किया है।
आखिर सचिव के खिलाफ कब होगी कार्रवाई
मिर्जापुर। विकास कार्यों में वित्तीय अनियमितता के आरोप में डीएम के निर्देश पर डीपीआरओ ने जांच कराके छानबे ब्लाक के ग्राम प्रधान का वित्तीय अधिकार सीज कर दिया। वहीं ग्राम सचिव के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसको लेकर लोग सवाल उठा रहे है।
गांव के विकास कार्यों के लिए बैंक खाते का संचालन ग्राम प्रधान और सचिव के संयुक्त हस्ताक्षर से होता है। ऐसे में गड़बड़ी के लिए दोनों जिम्मेदार है। जब ग्राम प्रधान का वित्तीय अधिकार छीन लिया गया तब सचिव को क्यों छोड़ दिया गया। डीपीआरओ संतोष कुमार से जब इस संबंध में बात की गई तो उनका कहना था कि आज रविवार है। सोमवार को कार्यालय खुलने पर अभिलेख का निरीक्षण करने के बाद ही कोई जानकारी दे पाएंगे। डीपीआरओ का यह बयान लोगों के गले नहीं उतर रहा है।
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