श्रीराम भक्त शबरी ने झूठे फल खिलाए, हनुमान ने जलाई लंका
Muzaffar-nagar News - श्रीराम भक्त शबरी ने झूठे फल खिलाए, हनुमान ने जलाई लंकाश्रीराम भक्त शबरी ने झूठे फल खिलाए, हनुमान ने जलाई लंकाश्रीराम भक्त शबरी ने झूठे फल खिलाए, हनुम

श्री श्यामा श्याम मंदिर में कथा व्यास पं. गोविंद बृजवासी ने श्रीराम कथा में सीता हरण, सुग्रीव मित्रता व लंका दहन की कथा का प्रसंग सुनाया। कथा वाचक ने बताया कि चित्रकूट मंदाकिनी और ऋषिमुनियों की धरती है ऋषि अगस्त मुनि ने श्रीराम को अस्त्र शस्त्र सौंपे थे। चित्रकूट से श्रीराम सीता और लक्ष्मण सहित पंचवटी दंडकारण्य वन में रहने लगे। एक दिन रावण की बहन सुपर्णखा लक्ष्मण से विवाह की जिद कर बैठी। लक्ष्मण ने उनकी नाक भंग कर दी। रावण ने साधु वेश धर कर माता जानकी का हरण किया। गिद्धराज जटायु माता सीता की मदद के लिए रावण से युद्ध किया।
भील जाती की भक्त सबरी ने राम को झूठे फल खिलाए। श्रीराम की मुलाकात रुद्र अवतार हनुमान जी से हुई। श्री राम ने बाली का वध कर सुग्रीव की मदद की। हनुमान जी सीता माता की खोज में निकले और लंका में रावण पुत्र अक्षय कुमार का वध किया तथा सीमा से भेंट की। रावण ने हनुमान की पूछ में आग लगवाई, उस आग से हनुमान जी ने सोने की लंका को जला डालने की कथा महाराज ने विस्तार से सुनाई। कथा में ललित अग्रवाल, हरीश गोयल हंसराज भारद्वाज, जगमोहन भारद्वाज, राकेश शर्मा, मूलचंद शर्मा, संजीव, सतेंद्र सैनी, सोनू, वाशु सैनी, नाथीराम धीमान, गीता धीमान आदि का सहयोग रहा।
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