अयोध्या तक फैला था नकली नोट कारोबार का जाल, पुलिस ने मारा छापा; मास्टर माइंड समेत दो गिरफ्तार
गोंडा में पुलिस ने शनिवार को नक़ली नोट छापने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस अवैध कारोबार के मास्टरमाइंड समेत दो आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया है।

यूपी के गोंडा में पुलिस ने शनिवार को नक़ली नोट छापने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस अवैध कारोबार के मास्टरमाइंड समेत दो आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया है। इनके पास से ढेर सारे नक़ली नोट समेत रुपए छापने के अनेक उपकरण, केमिकल, पेपर और कुछ अधूरे छपे हुए नोट भी बरामद हुए हैं । पुलिस के हत्थे चढ़े दोनों आरोपियों को लखनऊ के एएसजी न्यायालय के समक्ष शनिवार को रिमांड के लिए प्रस्तुत किया गया। दोनों आरोपी पूर्व में भी नकली नोट छापने के जुर्म में जेल जा चुके हैं और इनके विरुद्ध पुलिस द्वारा गैंगस्टर की कार्रवाई की गई थी।
थानाध्यक्ष अभय सिंह ने बताया कि मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर पुलिस टीम द्वारा नवाबगंज कस्बे के बढ़ई पुरवा वार्ड और अयोध्या के रामघाट में स्थित कमरों की तलाशी ली गई। तलाशी के दौरान इन कमरों से नक़ली भारतीय करेंसी और बड़े पैमाने पर करेंसी बनाने वाले उपकरण बरामद हुए। पुलिस ने इस अवैध धंधे के मुख्य आरोपी अर्जुन गोस्वामी पुत्र मनोहर को गिरफ्तार किया है। अर्जुन करनैलगंज कोतवाली क्षेत्र के कुम्हौरा गांव का रहने वाला है। वहीं दूसरा आरोपी विश्वनाथ सिंह पुत्र भगवती सिंह नवाबगंज के तुलसीपुर मांझा गांव का निवासी है। दोनों आरोपियों के विरुद्ध नक़ली नोट छापने के आरोप में आठ धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।
आरोपियों को गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम
नकली नोट छापने वाले आरोपीयों को गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम में थानाध्यक्ष अभय सिंह, एसआई उत्कर्ष पाण्डेय और विभव सिंह समेत सिपाहियों में सुनील यादव, रोशन सिंह, राम अवतार, अरविंद यादव, सुरेन्द्र कुमार, अभिषेक यादव, विनय राय महिला आरक्षी अर्चना सिंह, नीलू सिंह के नाम शामिल हैं।
नकली नोट छापने के मामले में पहले भी दोनों आरोपी हुए थे गिरफ्तार
नकली नोट छापने के मामले में शनिवार को नवाबगंज पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपी चार साल पहले भी नगर कोतवाली पुलिस ने इसी आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। आरोपियों के ऊपर गैंगस्टर की कार्रवाई भी की गई थी पर जेल से बाहर आने के कुछ दिनों के बाद दोनों ने फिर से नवाबगंज और अयोध्या में अपना ठिकाना बनाते हुए छपाई के सभी उपकरण, केमिकल, कागज आदि जुटाकर नकली नोट छापने का काम करने लगे थे। गिरफ्तार आरोपी अर्जुन इस काले कारोबार का मास्टर माइंड बताया जाता है और नकली नोट छापने में उसे महारत हासिल है। दूसरा आरोपी इन रुपयों को बाजार में खपाने का काम करता था।