अब स्लीपर से सीधे एसी सेकेंड में मिल जाएगी बर्थ, जानिए रेलवे का ये नया नियम
रेलवे बोर्ड के निदेशक (पैसेंजर मार्केटिंग) संजय मनोचा ने 13 मई को सभी क्षेत्रीय रेलवे को पत्र भेजकर नए नियम की जानकारी दी है। क्रिस को सॉफ्टवेयर में आवश्यक बदलाव के निर्देश भी दिए गए हैं। अब यदि कुर्सीयान (सेकेंड सिटिंग) का टिकट है और एसी चेयरकार में सीट खाली है तो वह वहीं अपग्रेड हो जाएगा।

Train Berth Upgradation: रेल यात्रियों के लिए राहत भरी खबर है। अब स्लीपर क्लास का वेटिंग टिकट चार्ट बनने के बाद सीट खाली होने पर सीधे सेकेंड एसी तक अपग्रेड हो सकेगा। अब तक यह सुविधा केवल थर्ड एसी तक सीमित थी। चेयरकार में भी टिकट अपग्रेड की सुविधा लागू कर दी गई है।
रेलवे बोर्ड के निदेशक (पैसेंजर मार्केटिंग) संजय मनोचा ने 13 मई को सभी क्षेत्रीय रेलवे को पत्र भेजकर नए नियम की जानकारी दी है। उन्होंने क्रिस को सॉफ्टवेयर में आवश्यक बदलाव के निर्देश भी दिए हैं। अब यदि कुर्सीयान (सेकेंड सिटिंग) का टिकट है और एसी चेयरकार में सीट खाली है तो वह वहीं अपग्रेड हो जाएगा। यही नहीं, एसी चेयरकार का टिकट भी एग्जीक्यूटिव क्लास में बदला जा सकेगा।
नई व्यवस्था के तहत यात्री बिना अतिरिक्त शुल्क हायर क्लास में यात्रा कर सकेंगे। पहले तक केवल थर्ड एसी तक अपग्रेडेशन होता था, लेकिन अब स्लीपर से सेकेंड एसी, सेकेंड सिटिंग से एसी चेयरकार और चेयरकार से एग्जीक्यूटिव क्लास तक टिकट अपग्रेड होंगे। इसी तरह, सेकेंड एसी क्लास के टिकट को भी फर्स्ट एसी में बदला जा सकेगा, यदि सीट उपलब्ध हो। इससे खाली सीटों का बेहतर उपयोग होगा और यात्रियों को बेहतर सुविधा भी मिलेगी।
2006 से लागू है रेलवे की ऑटो अपग्रेडेशन सुविधा: भारतीय रेलवे ने टिकट अपग्रेडेशन की सुविधा वर्ष 2006 में शुरू की थी। इसके तहत यदि किसी यात्री का स्लीपर क्लास का टिकट कंफर्म नहीं होता और चार्ट तैयार होने के बाद सीटें खाली रहती हैं, तो टिकट स्वतः थर्ड एसी में अपग्रेड हो जाता है। यात्रियों को इस सुविधा के लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना होता।
हालांकि, इसका लाभ तभी मिलेगा जब टिकट बुकिंग के समय आईआरसीटीसी वेबसाइट पर ‘ऑटो अपग्रेड’ का विकल्प चुना गया हो। यदि यात्री यह विकल्प नहीं चुनता है, तो उसका टिकट अपग्रेड नहीं होगा। अपग्रेडेशन के बाद यदि कोई यात्री टिकट निरस्त कराना चाहता है, तो उसे वही रिफंड मिलेगा जो मूल श्रेणी के टिकट की बुकिंग राशि के अनुसार तय होता है। यह सुविधा यात्रियों को कम खर्च में बेहतर श्रेणी में यात्रा का अवसर देती है।