यूपी के इस जगह पर 2 साल तक रुके थे पांडव, भीम की है लेटी हुई प्रतिमा
अज्ञातवास के दौरान पांडवों ने दो वर्ष तक श्रावस्ती के मसाढ़ी जलाशय के पास निवास किया था। आज भी यहां भीम की लेटी हुई प्रतिमा स्थापित है। यह जलाशय भीम ताल के नाम से प्रसिद्ध है।

यूपी से श्रावस्ती में विकास क्षेत्र गिलौला के भिखारीपुर मसढ़ी स्थित जलाशय पांडवों को खूब भाया था। इसलिए वनवास के दौरान करीब दो साल तक जलाशय के करीब कुटी बनाकर रहते थे। भीम के नाम पर जलाशय का नाम भिम्भा ताल पड़ा और जलाशय के करीब स्थित मंदिर को भिंभा बाबा मंदिर कहा जाता है।
मान्यता है कि वनवास के समय पांडव पांचों भाइयों समेत माता कुंती ने मसढ़ी जलाशय के पास करीब दो साल तक निवास किया था। मसढ़ी निवासी पप्पू शुक्ल ने बताया कि उन्होंने अपने बाबा से सुना था कि उस समय घना जंगल था जलाशय के पास पांडवों ने कुटी बनाकर रहना शुरू किया था। आज भी उस स्थान पर मंदिर बना है। जिसमें पांडवों के परिवार की मूर्तियां हैं।
यहां पर भीम की लेटी प्रतिमा स्थापित है
गिलौला विकास क्षेत्र के मसढ़ई स्थित भीम का विशालकाय मंदिर है जिसमें पांडव पुत्र भीम गदा समेत लेटे हुए हैं प्राचीन मंदिर एक ऊंचे टीले पर है। जबकि बगल में विशालकाय करीब 500 हेक्टेयर भूमि में फैला एक खूबसूरत जलाशय है। बताया जाता है कि इसी जलाशय से पांडवों को पानी पीने की व्यवस्था मिलती थी। यहां प्राचीन वट वृक्ष और खजूर के वृक्ष आज भी इस बात की गवाही देते हैं। कार्तिक पूर्णिमा पर विशाल मेले का आयोजन होता है।
मंदिर में रात में नहीं रुकते हैं लोग
भिंभा ताल के पास बने मंदिर में दूर-दूर से लोग पूजा पाठ करने आते हैं। इस मंदिर में सोमवार और गुरुवार को भीड़ रहती है। लेकिन रात में लोग नहीं रुकते, मंदिर में कोई पुजारी भी नहीं रुकता है। बताया जाता है कि रात में मंदिर में तरह तरह की आवाज आती रहती हैं। इसलिए लोग रात में नहीं रुकते, लेकिन किसी को नुकसान नहीं होता है।