महाशिवरात्रि पर मंदिर नहीं ले गए मां-बाप तो 11 साल के बच्चे ने लगा ली फांसी, इकलौते बेटे की मौत से कोहराम
यूपी के सोनभद्र में महाशिवरात्रि पर मंदिर नहीं ले जाने पर 11 साल के बच्चे ने फांसी लगाकर जान दे दी है। बच्चा पांचवीं क्लास में पढ़ता था। इतने छोटे बच्चे के मन में सुसाइड जैसे विचार आने से हर कोई दंग है।

यूपी के सोनभद्र में महाशिवरात्रि के मौके पर एक परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। मंदिर नहीं ले जाने पर 11 वर्षीय बच्चे ने फांसी लगाकर जान दे दी है। इकलौते बेटे की मौत से परिवार में कोहराम मच गया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। मामले की जांच की जा रही है। घटना म्योरपुर थाना क्षेत्र के चागा गांव की है।
चागा गांव निवासी जगन्नाथ बुधवार सुबह को अपनी पत्नी और सात वर्षीय बेटी के साथ मंदिर जाने की तैयारी कर रहे थे। इसी दौरान बेटे ने पांचवीं में पढ़ने वाले 11 वर्षीय बेटे सुदामा ने भी मंदिर जाने की जिद की। बाइक से मंदिर जाने की तैयारी कर रहे जगन्नाथ ने तीन से ज्यादा सवारी से परहेज किया और बेटे को मना कर दिया। पत्नी और बेटी को लेकर वह शिव मंदिर रवाना हो गए।
मंदिर नहीं लेकर जाने से सुदामा बेहद नाराज हो गया। माता-पिता के जाते ही उसने खौफनाक कदम उठा लिया। वायर को गले में लपेट कर बड़ेर से फांसी लगा ली। शाम करीब तीन बजे जगन्नाथ अफनी पत्नी और बेटी को लेकर घर लौटे तो बेटे को फांसी सटका देख सन्न रह गए। तत्काल उसे नीचे उतारा। लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। इकलौते बेटे की मौत से घर में कोहराम मच गया। चीख पुकार सुनकर आसपास के लोग भी पहुंच गए।
ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। चौकी प्रभारी लीलासी शिव कुमार सिंह ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। सुदामा गांव के प्राथमिक स्कूल में कक्षा पांच का छात्र था। इतनी छोटी उम्र के बच्चे के मन में फांसी लगाने जैसा विचार आने से हर कोई अचंभित है। महाशिवरात्रि के मौके पर खुशी का माहौल भी गम में बदल गया है। हर तरफ अब इसी बच्चे की चर्चा हो रही है।