बोरवेल-ट्यूबवेल हादसों पर सख्ती, यूपी में खुदाई से 15 दिन पहले लेनी होगी अनुमति, नहीं तो होगी कार्रवाई
यूपी में बोरवेल व ट्यूबवेल में गिरकर होने वाली मौतों को रोकने के लिए शहरों में इसकी खुदाई से पहले निकायों से अनुमति लेना अनिवार्य कर दिया है। इसके लिए 15 दिन पहले आवेदन करना जरूरी होगा। इसके बाद ही बोरवेल-ट्यूबवेल लगाया जा सकेगा।

यूपी की योगी सरकार आए दिन बोरवेल व ट्यूबवेल में गिरकर होने वाली मौतों को रोकने के लिए शहरों में इसकी खुदाई से पहले निकायों से अनुमति लेना अनिवार्य कर दिया है। इसके लिए 15 दिन पहले आवेदन करना जरूरी होगा। अनुमति मिलने के बाद इसे लगाया जा सकेगा।
स्थानीय निकाय निदेशक डॉ. अनुज कुमार झा ने इस संबंध में निकायों को निर्देश भेज दिया है। इसमें कहा गया है कि खुदाई कराने वाली सभी एजेंसियों जैसे सरकारी, अर्द्धसरकारी, निजी समेत अन्य का पंजीकरण प्रशासन या अन्य प्राधिकृत अधिकारी के पास कराना होगा। निर्माण के समय बोरवेल व ट्यूबवेल के पास एक साइन बोर्ड लगाना होगा। कुएं की खुदाई या मरम्मत के समय काम कराने वाली संस्था का पूरा नाम व पता लिखा बोर्ड लगवाना होगा। इसमें कटीले तारों की बाड़ या बैरियर लगाना होगा, जिससे दुर्घटना की संभावना खत्म हो जाए।
बोरवेल के पास कंक्रीट का चबूतरा बनाना होगा। बोरवेल के मुंह को स्टील प्लेट के मजबूत ढक्कन से बेल्डिंग या नट बोल्ट से बंद कराया जाएगा। पम्प मरम्मत कराने के समय इसका मुंह खोलने के बाद बंद कर दिया जाएगा। काम पूरा हो जाने पर बोरवेल को मिट्टी, बालू, पत्थर समेत अन्य से नीचे भूमि की सतह तक भर दिया जाएगा।
किसी स्थान विशेष पर खुदाई का काम पूरा हो जाने के बाद जमीन को वैसे ही बना दिया जाएगा जैसे पहले था। बोरवेल व ट्यूबवेल के संबंध में जारी किए जा रहे दिशा-निर्देश का कड़ाई से पालन कराया जाएगा। कोई बोरवेल खुला मिलता है, तो उसे तत्काल बंद कराया जाएगा। इसमें किसी भी तरह से लापरवाही नहीं बरती जाएगी और इसे हर हाल में सुनिश्चित कराया जाएगा।