गेंदा की खेती से महक रही गन्ने की फसल
Pilibhit News - डीसीओ खुशी राम ने बीसलपुर के ग्राम मरौरी खास में किसान अनिल सिंह की सहफसली खेती का दौरा किया। अनिल ने गन्ने के साथ गेंदा की सहफसल लगाकर एक नई दिशा प्रस्तुत की है। इससे उन्हें नियमित आमदनी हो रही है और...

पीलीभीत, संवाददाता। डीसीओ खुशी राम ने सहकारी गन्ना विकास समिति बीसलपुर के ग्राम मरौरी खास का भ्रमण किया। किसान अनिल सिंह ने पारंपरिक गन्ना खेती को नवाचार के साथ जोड़ते हुए गन्ना के साथ गेंदा की सहफसल कर एक मिसाल पेश की। शरदकालीन गन्ना बोने के बाद किसान अनिल सिंह ने पहले गन्ने के साथ मटर की खेती की। मटर की फसल कटने के तुरंत बाद उसी खेत में फरवरी माह मे गेंदा लगाया। अलग बात यह है कि गेंदा के फूलों की मांग स्थानीय बाज़ार में अत्यधिक है, जिससे यह फूल रोजाना खेत से ही बिक जाते हैं। किसान को नियमित आमदनी प्राप्त हो रही है।
वहीं खेत की भूमि का भी अधिकतम उपयोग हो रहा है। गन्ना और गेंदा की इस सहफसली व्यवस्था से उन्हें पारंपरिक खेती की तुलना में कहीं अधिक लाभ मिल रहा है। डीसीओ ने बताया कि गेंदा की जड़ें मिट्टी को भुरभुरी बनाती हैं। उसमें कीट-प्रतिरोधक क्षमता भी विकसित करती हैं, जिससे गन्ने की फसल को भी अप्रत्यक्ष रूप से लाभ मिलता है। गेंदा के पौधों की खुशबू से कई प्रकार के कीट दूर रहते हैं, जिससे रसायनिक कीटनाशकों की आवश्यकता कम हो जाती है। डीसीओ ने इस मॉडल की सराहना की है और अन्य किसानों को भी गन्ने के साथ सहफसली खेती को अपनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। कृषि विज्ञान केंद्र एवं गन्ना विभाग इस मॉडल को प्रोत्साहित करने की योजना बना रहा है। प्रगतिशील किसान अनिल सिंह अन्य किसानों के लिए एक नई दिशा और प्रेरणा बन गया है, जिससे एक ओर किसानों की आमदनी बढ़ेगी और दूसरी ओर खेती अधिक टिकाऊ और लाभकारी होगी। इस मौके पर ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक मनोज साहू, सचिव राजेश कुमार,जीएम केन सुग्रीव पाठक, जीएम केन आरके सिंह गन्ना किसान रवि गंगवार, गुरनाम सिंह, दिलबाग सिंह, नेमपाल, अवनीश, सर्वेश व अन्य लोग मौजूद रहे।
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