Uttar Pradesh Assembly Committee Reviews Departmental Works in Pilibhit बैठक में समिति के सामने उठा ईको सेंसिटिव जोन का मुद्दा, Pilibhit Hindi News - Hindustan
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बैठक में समिति के सामने उठा ईको सेंसिटिव जोन का मुद्दा

Pilibhit News - विधायन समिति के सभापति ने विभिन्न विभागों के कार्योँ की समीक्षा कीबैठक में समिति के सामने उठा ईको सेंसिटिव जोन का मुद्दाबैठक में समिति के सामने उठा ईक

Newswrap हिन्दुस्तान, पीलीभीतThu, 12 June 2025 04:56 AM
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बैठक में समिति के सामने उठा ईको सेंसिटिव जोन का मुद्दा

पीलीभीत, संवाददाता। गांधी सभागार में उत्तर प्रदेश विधानसभा की प्रतिनिहित विधायन समिति की बैठक सभापति विपिन कुमार डेविड की अध्यक्षता में हुई। इस दौरान समिति के गणेश चंद्र एवं अजीत कुमार शर्मा संयुक्त सचिव उपस्थित रहे। समिति ने विभिन्न विभागों के कार्यों की समीक्षा कर निर्देश दिए। इसमें इको सेंसिटिव जोन तय न हो पाने को लेकर भी चर्च हुई। बैठक में राज्य कर विभाग, नगर विकास विभाग, पंचायती राज विभाग, राजस्व विभाग, लोक निर्माण विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, वन विभाग, पर्यटन विभाग, बेसिक शिक्षा विभाग, परिवहन विभाग, चिकित्सा एवं शिक्षा विभाग तथा भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग के जनपदीय अधिकारियों के साथ विभागीय कार्यों की गहन समीक्षा कर विचार-विमर्श किया गया।

सभापति ने सहायक आयुक्त व्यापार कर को निर्देशित किया कि व्यापारियों के साथ समय-समय पर बैठकें करें और उनकी समस्याओं का प्राथमिकता पर समाधान किया जाए। शहर में स्वच्छता के लिए डास्टबिन लगवाए जाएं। देश की अर्थव्यवस्था में व्यापारियों और किसानों की भूमिका महत्वपूर्ण है। अधिशासी अधिकारियों द्वारा गृहकर, स्मार्ट रोड तथा राजस्व वसूली जैसे विषयों पर समिति को जानकारी दी गई। अधिशासी अधिकारियों को निर्देश दिये डोर टू डोर डोर कूड़ा उठाया जाए। गर्मी को देखते हुए सड़कों पर पानी का छिडकाव कराया जाए। भवनों में वर्षा जल संचयन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए और तालाबों की स्थिति की भी नियमित समीक्षा हो। राजस्व विभाग की समीक्षा के दौरान 5 वर्ष से अधिक समय से लंबित राजस्व वादों की समीक्षा करते हुए सभापति ने निर्देश दिए कि इन मामलों को मिशन मोड में निस्तारित किया जाए। डीपीआरओ को समिति ने निर्देश दिए कि गांवों में खुली बैठकों का आयोजन किया जाए। बैठक में जनपद/तहसीलों के आवासीय व अनावासीय भवनों के चालू निर्माण कार्य की प्रगति एवं स्वीकृत धनराशि के उपयोगिता प्रमाण पत्र समीक्षा की। मुख्यमंत्री कृषक दुघर्टना कल्याण योजना के सम्बन्ध में जानकारी ली गई। अवगत कराया गया कि योजना के तहत 1631 आवेदन प्राप्त हुए, जिसमें 1151 स्वीकृत किए जा चुके है और 939 दावों का भुगतान किया जा चुका है। स्वामित्व योजना की प्रगति जानी। उन्होंने आंगनबाड़ी केन्द्रों की जानकारी ली। पर्यटन अधिकारी को निर्देश दिए कि पर्यटन स्थलों पर बेंच, सीढ़ियों एवं अन्य आधारभूत सुविधाओं का बेहतर निर्माण कराया जाए। सीएमओ को निर्देशित किया कि अधिकाधिक लोगों को गोल्डन कार्ड से लाभान्वित किया जाए। सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर उपलब्ध दवाओं की सूची हिंदी भाषा में प्रदर्शित की जाए। मेडिकल कॉलेज के मरीजों को ओपीडी व भर्ती संबंधी सेवाएं समय से एवं गुणवत्तापूर्ण मिलें। सभापति को जानकारी दी गई कि 2024-25 में मेडिकल कालेज में एमबीबीएस छात्र-छात्राओं की 100 है, जो अध्ययनरत हैं। मेडिकल कालेज व चिकित्सालय के संचालन के लिए शासन द्वारा कुल 1360 पद सृजित हैं, जिसमें 721 नियमित, 4 प्रतिनियुक्ति एवं 669 आउटसोर्स है। समिति ने आरटीओ को निर्देशित किया कि हाईवे पर स्थित अवैध कट बंद कराए जाएं और ब्लैक स्पॉट का तकनीकी मूल्यांकन कर सुधार कराया जाए। दो पहिया वाहन चालकों को हेलमेट पहनने एवं यातायात नियमों के प्रति जन जागरुकता अभियान चलाया जाए। सभापति ने स्पष्ट किया कि जनता सर्वोपरि है। जनता के राजस्व से ही प्रदेश व देश की व्यवस्था संचालित होती है। सभी योजनाओं का लाभ पात्र व्यक्तियों तक समयबद्ध रूप से पहुंचे। अंत में सभापति ने परिसर में पौधारोपण किया। इस मौके पर बीसलपुर के विधायक विवेक वर्मा, डीएम ज्ञानेन्द्र सिंह, एडीएम (वि/रा), ऋतु पूनिया, डीएफओ मनीष सिंह, लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियन्ता, बीएसए समेत मौजूद रहे। मियांवाकी उद्यान विकसित करने के निर्देश वन विभाग की समीक्षा के दौरान डीएफओ ने अवगत कराया कि वर्ष 2025-26 में जिले में 3661700 पौधों का रोपण का लक्ष्य प्राप्त हुआ है। वन विभाग द्वारा 250000 व अन्य विभागों को 3411700 पौधों का रोपण किया जाना है। पौधों के रोपण के लिए वन विभाग द्वारा 253146 व अन्य विभागों द्वारा 224860 गड्ढों का खुदान किया जा चुका है। डीएफओ को निर्देशित किया गया कि जनपद में छोटे-छोटे मियांवाकी उद्यान विकसित किए जाएं, जिससे पशु-पक्षियों को आश्रय मिले एवं जल संरक्षण में वृद्धि हो। इस कार्य में जनसहभागिता सुनिश्चित की जानी चाहिए।

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