फतेहपुर तिहरे हत्याकांड में एनकाउंटर, 2 और आरोपी गिरफ्तार; दिन दहाड़े खेला था खूनी खेल
- बुधवार को भोर में हुई मुठभेड़ के बाद फतेहपुर पुलिस ने तिहरे हत्याकांड के दो और नामजद आरोपियों को गिरफ्तार किया। मुठभेड़ के दौरान दोनों आरोपी पैर में गोली लगने से घायल हो गए। जिन्हें पुलिस ने गिरफ्तार करते हुए अस्पताल में भर्ती कराया है।

यूपी के फतेहपुर जिले में मंगलवार को हुए तिहरे हत्याकांड में 18 घंटे बाद पुलिस ने एक एनकाउंटर में दो और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में पुलिस ने तीन मुख्य आरोपियों को कल ही गिरफ्तार कर लिया था। बुधवार को भोर में हुई मुठभेड़ के बाद पुलिस ने इन दो नामजद आरोपियों को गिरफ्तार किया। मुठभेड़ के दौरान दोनों आरोपी पैर में गोली लगने से घायल हो गए। जिन्हें पुलिस ने गिरफ्तार करते हुए अस्पताल में भर्ती कराया है।
फतेहपुर के एसपी धवल जायसवाल ने मीडिया को बताया कि खागा कोतवाली के प्रेमनगर बुधवन मार्ग बदलुवापुर मोड़ बरकतपुर के पास इंटेलिजेंस विंग, खागा और थाना औंग पुलिस की संयुक्त टीम चेकिंग कर रही थी। इसी दौरान एक ब्लैक स्कॉर्पियो कार प्रेम नगर से बुधवन की तरफ से आ रही थी जिसमें दो व्यक्ति आते हुये दिखाई दिये पुलिस टीम द्वारा रोकने का इशारा किया गया तो वापस मुड़कर भागने का प्रयास करने लगे।
पुलिस टीम ने घेराबंदी की तो पुलिस टीम पर लक्ष्य कर फायर करने लगे। आत्मरक्षार्थ जवाबी फायरिंग में हत्या में वांछित अखरी निवासी पीयूष सिंह और सज्जन सिंह घायल हो गए। जिन्हें गिरफ्तार करते हुए पुलिस टीम ने इलाज के लिए सीएचसी हथगाम में भर्ती कराया है।
बता दें कि मंगलवार सुबह अखरी गांव में प्रधान पुत्र किसान नेता विनोद सिंह उर्फ पप्पू उनके भाई अनूप सिंह और बेटे अभय सिंह की एक साथ गोलियां से भूनकर हत्या कर दी गई थी। जिसमें गांव के ही पूर्व प्रधान सुरेश सिंह उर्फ मुन्नू सिंह उनके तीन बेटों सहित छह के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। वारदात के कुछ घंटे के अंदर ही सुरेश उर्फ मुन्नू सहित तीन को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।
गांव में विकास करा सबके चहेते बन गए थे पप्पू
मारे गए किसान नेता विनोद सिंह उर्फ पप्पू की मां रामदुलारी गांव की प्रधान थीं। बताया जा रहा है कि यह हत्याकांड प्रधान की रंजिश में हुआ है। प्रधान विनोद सिंह की मां थीं लेकिन पंचायत का कामकाज किसान नेता पप्पू सिंह की देखते थे। गांव की संतोष सिंह का कहना था कि पप्पू सिंह शुरू से भ्रष्टाचार के खिलाफ था। उन्होंने पूर्व प्रधान के गलत कामों का विरोध किया। वह खुल कर मुंह पर विरोध करते थे इस लिए वह लोगों के चहेते बन गए। चुनाव में लोगों ने उन्हें जिताने का काम किया। जितना बीस साल में गांव का विकास नहीं हुआ, उतना अकेले चार साल में गांव चमक गया। उनका हर कोई मुरीद था।