किसान नेता, बेटे और भाई को मारने के लिए की गई थी बड़ी प्लानिंग, जानें फतेहपुर में कब-क्या और कैसे हुआ
- अचानक हुए हमले से विनोद, उनका बेटा और भाई वहीं गिर जाता है। एक-एक कर तीनों को मौत के घाट उतार दिया जाता है। डेयरी और खेतों में मौजूद किसान गोलीबारी देख मौके से भाग निकले। कोई पेड़ की ओट में छिप गया तो कोई नलकूप की कोठरी में घुस गया। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक 20 से अधिक राउंड फायरिंग हुई है।

यूपी के फतेहपुर के तिहरे हत्याकांड को जिस तरह से अंजाम दिया गया, उसको देखते हुए पुलिस का मानना है कि यह वारदात अचानक उपजे गुस्से का नतीजा नहीं है। इसके पीछे पूरी सोची-समझी साजिश रही। मंगलवार की सुबह ट्रैक्टर लेकर गुजरा पूर्व प्रधान मुन्नू सिंह का बेटा पीयूष पहले घर के बाहर झाडू लगा रहे किसान नेता विनोद सिंह उर्फ पप्पू सिंह से विवाद कर उन्हें उकसाता है। इसके बाद वहां से चल देता है। इसी बीच विनोद अपने बेटे और भाई को लेकर बाइक से उसका पीछा करते हैं।
इस बीच पीयूष अपने पिता को सूचना दे देता है। इसी आधार पर मुन्नू सिंह दो बेटों विपुल, भूपेंद्र और गांव के ही सज्जन, राहुल पाठक और अन्य लोगों के साथ अखरी से करीब एक किलोमीटर पहले रमेश सिंह की दूध डेयरी के सामने पहुंच जाते हैं। विनोद सिंह जैसे ही पहुंचते हैं आरोपी उन पर गोली चला देते हैं। अचानक हुए हमले से विनोद, उनका बेटा और भाई वहीं गिर जाता है। इसके बाद एक-एक कर तीनों को मौत के घाट उतार दिया जाता है। डेयरी और खेतों में मौजूद किसान गोलीबारी देख मौके से भाग निकले। कोई पेड़ की ओट में छिप गया तो कोई नलकूप की कोठरी में घुस गया। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक 20 से अधिक राउंड फायरिंग हुई है।
एनकाउंटर और बुलडोजर चलाने की मांग, चार घंटे नहीं उठने दिया शव
फतेहपुर। किसान नेता और उनके बेटे और भाई की हत्या की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची। तब तीनों शव 20 मीटर की दूरी पर पड़े थे। पुलिस ने शव उठवाकर पोस्टमार्टम के लिए भेजना चाहा तो ग्रामीण और परिजन भड़क गए। आरोपियों का एनकाउंटर किए जाने और उनके घर बुलडोजर से ढहाए जाने की मांग करने लगे। पुलिस ने समझाने का प्रयास किया, लेकिन लोग मानने को तैयार नहीं थे। करीब चार घंटे तक माहौल गरम रहा। इस बीच पता चला कि मुख्य आरोपी और उसके दो बेटों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इस पर ग्रामीण थोड़ा नरम पड़े। इस बीच पुलिस ने शवों को छांव में रखवाने की बात कहकर गाड़ी में रखवाकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया।
आरोपियों के घर और जमीन का ब्यौरा मांगा जाने की चर्चा
घटनास्थल पर एडीएम वित्त एवं राजस्व अविनाश त्रिपाठी भी पहुंचे। सूत्रों का दावा है कि एडीजी ने पुलिस अधिकारियों से राजस्व अधिकारियों से बात कर आरोपियों के घर, जमीन का ब्यौरा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। संभव है कि प्रशासन आरोपियों के घर जमीन पर बुलडोजर की कार्रवाई करे।