यूपी की 68 माफिया लिस्ट में शामिल सुधीर सिंह के पीछे पड़ी पुलिस, तलाश में ताबड़तोड़ छापे
पुलिस और एसओजी की 8 टीमें माफिया सुधीर सिंह की तलाश में लगी हैं। बताया जा रहा है कि वह सुरक्षित ठिकाने पर पहुंच गया है। हालांकि उसके पहले उसके लोगों ने मुकदमा न दर्ज हो, इसका काफी प्रयास किया था पर जब इसमें नाकामी हाथ लगी तब माफिया गोरखपुर से निकल गया है।

यूपी के 68 माफियाओं की सूची में शामिल गोरखपुर के सुधीर सिंह की तलाश में खजनी पुलिस के साथ ही एसओजी की टीमें भी दबिश डाल रही है। फिलहाल माफिया अभी पुलिस के हाथ नहीं आया है। उधर, पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में लिया है जिनसे पूछताछ की जा रही है। आरोप है कि गोरखपुर के खजनी के बरडार में सरिया व्यापारी किशन जायसवाल की पार्टी में पहुंचे माफिया सुधीर सिंह और उसके साथियों ने बेलीपार के कुसमौल निवासी अंकुर शाही पर हमला कर दिया था। पुलिस सूत्रों के मुताबिक वारदात के बाद माफिया अपने सुरक्षित ठिकाने पर निकल गया है।
हालांकि पुलिस का दावा है कि उसे जल्द ही पकड़ लिया जाएगा। अंकुर शाही की तहरीर पर पुलिस ने माफिया सुधीर सिंह उसके साथी हिमाचल सिंह सहित तीन पर केस दर्ज किया। लेकिन अभी तक माफिया और उसके साथी पुलिस के शिकंजे में नहीं आए हैं।
पुलिस और एसओजी की आठ टीमें माफिया की तलाश में लगी है। बताया जा रहा है कि घटना के बाद से ही वह घर से निकल कर सुरक्षित ठिकाने पर पहुंच गया। हालांकि उसके पहले उसके लोगों ने मुकदमा न दर्ज हो, इसका काफी प्रयास किया था पर जब इसमें नाकामी हाथ लगी तब माफिया गोरखपुर से निकल गया है।
दो साल पहले कोर्ट में सरेंडर किया था सुधीर ने
मई 2023 में माफिया सुधीर को एनबीडब्ल्यू में पुलिस ने जब तलाश शुरू की तब वह 25 मई 2023 को श्यामदेउरवा थाना क्षेत्र में दो दशक पुराने लूट के मुकदमे में महराजगंज में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया। अप्रैल 2003 में श्यामदेऊरवा थाने पर लूट का केस दर्ज हुआ था। इसमें गोरखपुर के सहजनवा निवासी सुधीर सिंह आरोपित था। कोर्ट से उसके खिलाफ वर्ष 2008 में ही एनबीडब्ल्यू वारंट जारी कर दिया गया था।
क्या बोले एसएसपी
एसएसपी राज करन नय्यर ने बताया कि माफिया सुधीर सिंह की तलाश में पुलिस और एसओजी की टीमें लगी हैं। जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
शिकंजा धीमा होते ही फिर सक्रिय होने लगे माफिया
गोरखपुर में सख्ती में ढील होने से माफिया एक बार फिर सक्रिय होने लगे हैं। माफिया सुधीर सिंह की पिछले कुछ दिनों से सक्रियता बढ़ गई थी लेकिन पुलिस को उसकी भनक नहीं थी। खजनी इलाके में सामने आई वारदात के बाद अब एक बार फिर पुलिस और एसओजी सक्रिय हो गई है।
दरअसल, यूपी में क्राइम कंट्रोल के लिए 25 मार्च 2022 को अभियान चलाकर माफियाओं की एक सूची तैयार हुई थी। इस सूची में प्रदेश भर से 68 माफिया चिन्हित किए गए। इसमें गोरखपुर जिले के चार माफियाओं का नाम भी शामिल है। इसमें विनोद उपाध्याय एनकाउंटर में मारा जा चुका है जबकि राकेश यादव, सुधीर सिंह और पूर्व विधायक राजन तिवारी की गतिविधियों पर नजर रखने और उन पर दर्ज मुकदमों में पैरवी कर सजा दिलवाने का दावा किया जाता रहा है।
माफियाओं पर कार्रवाई को लेकर शासन हर सप्ताह समीक्षा करता है। अब तक की समीक्षा में सामने आया है कि गोरखपुर के सभी माफिया पर कुछ न कुछ कार्रवाई तो हुई है लेकिन बाद में यह मान लिया गया कि अब माफिया बाहर नहीं निकालेगा। हाल यह है कि राकेश और सुधीर को आर्म्स एक्ट के मामले में पुलिस ने सजा दिलवाई लेकिन कई अन्य गंभीर मामले में अभी भी ट्रायल चल रहा है और पुलिस की सजा दिलाने की रफ्तार काफी धीमी है।
माफिया के लिए चला ऑपरेशन शिकंजा
गोरखपुर के टॉप टेन माफिया को सजा दिलाने के लिए 2023 से ही कागजों में ऑपरेशन शिकंजा भी चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत माफिया के मुकदमे की पैरवी तेज कर इन्हें सजा दिलाना है। रोजाना इनके मुकदमों की मॉनिटरिंग का जिम्मा अधिकारियों को दिया गया है। उन्हें इन माफियाओं का नोडल बनाया गया है पर इस अभियान में अब सुस्ती दिख रही है।