घायल को गोल्डेन ऑवर में पहुंचाएं अस्पताल, पाएं 25 हजार का इनाम; यूपी में लागू हुई राहवीर योजना; जानें डिटेल
कई बार लोगों को लगता है कि कहीं घायल को अस्पताल पहुंचाने के चलते वे किसी कानूनी पचड़े में न उलझ जाएं। लोगों की इसी हिचक और उदासीनता के चलते बहुत से लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ती है क्योंकि उन्हें समय पर इलाज नहीं मिल पाता। अब इसी हिचक और उदासीनता को खत्म करने के लिए सरकार ने बड़ा फैसला लिया है।

शायद ही कोई ऐसा दिन गुजरता होगा जब सड़क पर हादसे न होते हों। अक्सर ऐसे हादसों के बाद सुनने में आता है कि लोग घायलों को अस्पताल पहुंचाने से कतरा रहे थे। दरअसल, कई बार लोगों को लगता है कि कहीं घायल को अस्पताल पहुंचाने के चलते वे किसी कानूनी पचड़े में न उलझ जाएं। लोगों की इसी हिचक और उदासीनता के चलते बहुत से लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ती है क्योंकि उन्हें समय पर इलाज नहीं मिल पाता। अब इसी हिचक और उदासीनता को खत्म करने के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक योगी सरकार ने केंद्र सरकार की ‘राहवीर योजना’ को उत्तर प्रदेश में भी लागू कर दिया है। योजना के तहत सड़क हादसे में घायल किसी व्यक्ति को गोल्डन ऑवर यानी घटना के एक घंटे के अंदर अस्पताल या ट्रॉमा सेंटर पहुंचाने वाले शख्स को सरकार की ओर से 25 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
क्या है राहवीर योजना
यह मोदी सरकार की एक ऐसी योजना है जिसका उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं में घायल व्यक्तियों को फौरन चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराना है। योजना के तहत यह व्यवस्था की गई है यदि कोई व्यक्ति अपने नागरिक कर्तव्यों का पालन करते हुए सड़क दुर्घटना में घायल किसी व्यक्ति को गोल्डन ऑवर (घटना के एक घंटे के अंदर) अस्पताल या ट्रॉमा सेंटर पहुंचाता है, तो उसे सरकार की ओर से 25,000 रुपये तक की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य लोगों को मानव होने के नाते अपने दिल की आवाज को सुनने और सड़क दुर्घटना में घायल लोगों की मदद करने के लिए प्रेरित करना है।
योजना को लागू करने के पीछे सोच यह है कि यदि घायलों को समय पर अस्पताल पहुंचाया जाएगा तो उन्हें वक्त रहते उचित चिकित्सा सहायता मिल सकेगी और उनकी जान बचने की संभावना कई गुना बढ़ जाएगी। विशेषज्ञों का कहना है कि बहुत से घायलों की जान सिर्फ इसलिए चली जाती है क्योंकि उन्हें समय पर इलाज नहीं मिल पाता है।
उम्मीद है कि इस योजना के लागू होने के बाद लोगों की मानसिकता बदलेगी और घायलों को अस्पताल पहुंचाने को लेकर उनकी हिचक दूर हो जाएगी। योजना को राजधानी लखनऊ समेत पूरे प्रदेश में लागू किया गया है।