अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान को SC से फिर मिली राहत, अंतरिम जमानत रहेगी जारी
महमूदाबाद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर गिरफ्तारी से सुरक्षा की मांग की थी। शीर्ष अदालत ने पहले उन्हें अंतरिम जमानत प्रदान की थी, जिसकी अवधि अब बढ़ा दी गई है।

सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा के अशोका यूनिवर्सिटी में राजनीतिक विज्ञान विभाग के प्रमुख और एसोसिएट प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को दी गई अंतरिम जमानत की अवधि को बढ़ा दिया है। यह जमानत ऑपरेशन सिंदूर पर उनके एक सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर दर्ज मामले से संबंधित है। देश की सर्वोच्च अदालत ने कहा कि अगली सुनवाई तक अंतरिम राहत जारी रहेगी।
आज सुनवाई के दौरान हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि SIT का गठन कर दिया गया है। एसआईटी ने जांच शुरू कर दी है। जस्टिस सूर्यकांत ने सुनवाई के दौरान आपने जिस ढंग से अली खान के ख़िलाफ़ FIT दर्ज किया है, मानवाधिकार आयोग ने भी इस मामले का संज्ञान लिया है।
अली खान के वकील ने आशंका जाहिर की कि इसी बहाने एसआईटी पता नहीं और क्या-क्या जांच करेगी। इस पर कोर्ट ने स्पष्ट किया कि एसआईटी केवल सोशल मीडिया पोस्ट से जुड़े विवाद मामले की ही जांच करेगी। कोर्ट ने कहा कि एसआईटी की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में जमा होगी। अगले आदेश तक अली खान की अंतरिम जमानत जारी रहेगी।
आपको बता दें कि अली खान महमूदाबाद ने हाल ही में सोशल मीडिया पर ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ा एक पोस्ट शेयर किया था, जिसके बाद उनके खिलाफ कथित तौर पर राष्ट्रविरोधी गतिविधियों और असंवेदनशील टिप्पणी करने के आरोप लगाए गए थे। इस पर उनके खिलाफ पुलिस केस दर्ज हुआ और गिरफ्तारी की आशंका बनी।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
महमूदाबाद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर गिरफ्तारी से सुरक्षा की मांग की थी। शीर्ष अदालत ने पहले उन्हें अंतरिम जमानत प्रदान की थी, जिसकी अवधि अब बढ़ा दी गई है। अदालत ने यह भी संकेत दिया कि वह इस मामले में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और शैक्षणिक स्वायत्तता जैसे पहलुओं पर भी विचार करेगी।
अशोका यूनिवर्सिटी के कई शिक्षकों और छात्रों ने अली खान महमूदाबाद के समर्थन में आवाज उठाई है। उनका कहना है कि यह मामला अभिव्यक्ति की आजादी और शोध की स्वतंत्रता पर एक गंभीर खतरे का संकेत देता है।
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