Muslim MP Sarfaraz Ahmed visited the temple and Shashi Tharoor praised him बुलाने वालों को ऐतराज नहीं तो जाने वालों को क्यों होगा, मंदिर जाकर बोले मुस्लिम सांसद, India News in Hindi - Hindustan
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बुलाने वालों को ऐतराज नहीं तो जाने वालों को क्यों होगा, मंदिर जाकर बोले मुस्लिम सांसद

शशि थरूर ने लिखा, 'बहुदलीय सांसदों का प्रतिनिधिमंडल पनामा सिटी में भारतीय संस्कृति केंद्र गया और वहां सुंदर मंदिरों में दर्शन किए। यह देखना बहुत ही भावुक क्षण था जब हमारी मुस्लिम सहकर्मी सरफराज अहमद अपने हिंदू और सिख सहकर्मियों के साथ मंदिर पहुंचे।

Nisarg Dixit लाइव हिन्दुस्तानWed, 28 May 2025 10:28 AM
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बुलाने वालों को ऐतराज नहीं तो जाने वालों को क्यों होगा, मंदिर जाकर बोले मुस्लिम सांसद

भारतीय सांसदों का प्रतिनिधिमंडल गुयाना के बाद पनामा पहुंचा है। कांग्रेस सांसद शशि थरूर की अगुवाई वाला यह दल मंदिर दर्शन करने गया था। खास बात है कि इसमें मुस्लिम सांसद सरफराज अहमद भी शामिल हैं, जो दर्शन करने मंदिर गए थे। अहमद के इस फैसले की थरूर ने जमकर सराहना की है। उन्होंने इससे जुड़ी कुछ तस्वीरें भी साझा की हैं।

थरूर ने लिखा, 'बहुदलीय सांसदों का प्रतिनिधिमंडल पनामा सिटी में भारतीय संस्कृति केंद्र गया और वहां सुंदर मंदिरों में दर्शन किए। यह देखना बहुत ही भावुक क्षण था जब हमारी मुस्लिम सहकर्मी सरफराज अहमद अपने हिंदू और सिख सहकर्मियों के साथ मंदिर पहुंचे। बाद में उन्होने कहा, 'जब बुलाने वालों को कोई ऐतराज नहीं, तो जाने वालों को ऐतराज क्यों होगा?'

कौन-कौन है प्रतिनिधिमंडल में शामिल

इस प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों में सरफराज अहमद (झारखंड मुक्ति मोर्चा), जी एम हरीश बालयोगी (तेलुगु देशम पार्टी), शशांक मणि त्रिपाठी (भारतीय जनता पार्टी), भुवनेश्वर कलिता (भारतीय जनता पार्टी), मिलिंद देवरा (शिवसेना), तेजस्वी सूर्या (भारतीय जनता पार्टी) और अमेरिका में भारत के पूर्व राजदूत तरनजीत संधू शामिल हैं।

पाकिस्तान को घेरा

पनामा विधानसभा अध्यक्ष डाना कास्टानेडा के साथ बैठक में कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, 'हम सभी अलग-अलग राजनीतिक पृष्ठभूमि और भारत के अलग-अलग हिस्सों से आते हैं लेकिन हम राष्ट्रीय उद्देश्य में एकजुट हैं... 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद हमने यह देखने के लिए इंतजार किया कि क्या पाकिस्तान सरकार इस भयानक अपराध के अपराधियों के खिलाफ कोई कार्रवाई करेगी।'

उन्होंने कहा, 'जब स्पष्ट रूप से कुछ नहीं किया गया, तो दो सप्ताह बाद, 7 मई को हमने पाकिस्तान के अंदर आतंकवादी ठिकानों के ज्ञात मुख्यालयों पर हमला किया। हमें युद्ध शुरू करने में कोई दिलचस्पी नहीं थी लेकिन हमें लगा कि आतंकवादी कृत्य को दंडित किए बिना नहीं छोड़ा जाना चाहिए...।'

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