असिस्टेंट प्रोफेसर हिन्दी के प्रश्नों पर की आपत्ति
Prayagraj News - उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग द्वारा 17 अप्रैल को आयोजित असिस्टेंट प्रोफेसर (हिंदी) परीक्षा के प्रश्न पत्र पर अभ्यर्थियों ने आपत्ति जताई है। उन्होंने सवालों की अस्पष्टता और पाठ्यक्रम में असंतुलन...

प्रयागराज मुख्य संवाददाता उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग की ओर से प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर (हिंदी) भर्ती के लिए 17 अप्रैल को आयोजित लिखित परीक्षा की उत्तरमाला जारी होने के बाद अभ्यर्थियों ने आपत्ति की है। अभ्यर्थियों का कहना है कि एक प्रश्न पूछा गया था 'वर्ष 2021 का साहित्य अकादमी पुरस्कार किसे दिया गया?' आपत्ति यह है कि जब साहित्य अकादमी पुरस्कार 24 भाषाओं में दिया जाता है तो सवाल स्पष्ट होना चाहिए था कि हिंदी भाषा में साहित्य अकादमी किसको मिला? इसी प्रकार एक प्रश्न था कि प्रशासन में बिग डाटा एनालिटिक्स के प्रमुख उपयोग क्या हैं? इसके सही उत्तर में चुनाव परिणामों की भविष्यवाणी करना भी बताया गया है।
इस पर आपत्ति है कि प्रशासन बिग डाटा एनालिटिक्स के जरिए चुनाव परिणामों की भविष्यवाणी नहीं करता है। लिहाजा इस प्रकार के प्रश्न पूछने का औचित्य ही क्या है। कुछ छात्रों का कहना है कि पूर्व निर्धारित पाठ्यक्रम में आठ से दस हजार की किताबें ठूंसी गई थीं और परीक्षा में पाठ्यक्रम औचित्यहीन नजर आया। एमए पास विद्यार्थियों से प्राइमरी स्तर के विद्यार्थियों जैसा प्रश्न पूछा गया था। 80 फ़ीसदी प्रश्न विशुद्ध गाइडनुमा थे। दूसरी ओर प्रश्न वस्तुओं में असंतुलन थी था। देवनागरी से ही तीन प्रश्न, यूनीकोड से दो प्रश्न और बोलियों में बघेली से ही दो प्रश्न पूछे गए थे।
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