भगवान बुद्ध का जीवन संघर्ष, ज्ञान व करुणा का है प्रतीक
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बोकारो, परिचय। बुद्ध पूर्णिमा पर कुशवाहा महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के ओबीसी विभाग के कार्यकारी अध्यक्ष कुशवाहा राकेश महतो के नेतृत्व में भव्य झांकी निकाली गई। इस झांकी में भगवान बुद्ध के जीवन, विचारों व शिक्षाओं को प्रदर्शित किया गया। आमजनों को शांति, अहिंसा और करुणा के महत्व से अवगत कराया गया। झांकी के माध्यम से भगवान बुद्ध के संदेशों को जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास किया गया। झांकी के दौरान वातावरण 'बुद्धं शरणं गच्छामि' के जयघोष से गुंजायमान हो उठा। कार्यक्रम का नेतृत्व राकेश महतो ने किया। उन्होंने भगवान बुद्ध के विचारों और दर्शन पर विस्तार से प्रकाश डाला।
कहा कि आज का समय एक ऐसे समाज की मांग कर रहा है, जहां सभी को समान अवसर और सम्मान मिले। भगवान बुद्ध का जीवन संघर्ष, ज्ञान और करुणा का प्रतीक है। उनके बताए हुए अष्टांगिक मार्ग, मध्यम मार्ग और पंचशील सिद्धांत आज भी सामाजिक न्याय और विश्व शांति की नींव हैं। उन्होंने कहा कि समाज को जात-पात, ऊंच-नीच और भेदभाव से ऊपर उठकर एक समतामूलक और न्यायपूर्ण व्यवस्था की ओर बढ़ना चाहिए। बुद्ध के आदर्शों पर चलकर ही हम एक सशक्त और समतामूलक भारत का निर्माण कर सकते हैं। सभी ने भगवान बुद्ध की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उनके आदर्शों को जीवन में अपनाने का संकल्प लिया। मौके पर पर बुद्ध विचार मंच के अध्यक्ष प्रवीण कुमार, उपाध्यक्ष अजय कुमार, सह सचिव विजय कुमार, मृत्युंजय सिंह, अनिता सिंह, विजय लक्ष्मी, गणेश शर्मा, सरिता कुमारी, रेणु शर्मा, अवधेश प्रसाद कुशवाहा, अशोक महतो, महेंद्र प्रसाद सिंह, वींएन मेहता व रामशरण प्रसाद सहित अन्य शामिल हुए।
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