यूपी में न्यायिक इन्फ्रास्ट्रक्चर का कायाकल्प करने की तैयारी, नए भवनों का निर्माण कराएगी योगी सरकार
- न्यायिक प्रणाली को सशक्त करने की दिशा में योगी सरकार ने एक बार फिर बड़ा कदम उठाया है। हाल ही में पेश किए गए यूपी के मेगा बजट 2025-26 में न्याय विभाग के लिए सरकार करीब 800 करोड़ रुपये खर्च करके प्रदेश की अदालतों का कायाकल्प करने जा रही है।

न्यायिक प्रणाली को सशक्त करने की दिशा में योगी सरकार ने एक बार फिर बड़ा कदम उठाया है। हाल ही में पेश किए गए यूपी के मेगा बजट 2025-26 में न्याय विभाग के लिए सरकार करीब 800 करोड़ रुपये खर्च करके प्रदेश की अदालतों का कायाकल्प करने जा रही है। इस धनराशि से न केवल न्यायिक प्रणाली को आधुनिक बनाने की दिशा में उल्लेखनीय मदद मिलेगी, बल्कि अधिवक्ताओं और न्यायिक अधिकारियों का कल्याण भी योगी सरकार की उच्च प्राथमिकता पर है। योगी सरकार इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के लिए नए भवन के निर्माण के लिए करीब 150 करोड़ रुपए खर्च करेगी। यह लखनऊ बेंच पर बढ़ते कार्यभार और बुनियादी सुविधाओं की कमी को दूर करने की दिशा में बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा।
माना जा रहा है कि नए भवनों के निर्माण से न केवल न्यायिक प्रक्रिया में तेजी आएगी, बल्कि वादियों को भी बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। इसी तरह, प्रदेश के विभिन्न जनपदों में नई अदालतों की स्थापना भी सरकार की प्राथमिकता में है। योगी सरकार इसके लिए 120 करोड़ रुपये खर्च करेगी। ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में न्याय तक पहुंच को आसान बनाने के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है। सरकार की मंशा है कि इससे स्थानीय स्तर पर मुकदमों के निपटारे में तेजी आएगी और लोगों को लंबी दूरी तय करने की जरूरत कम होगी।
अधीनस्थ न्यायालयों की सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता
योगी सरकार की प्राथमिकता में अधीनस्थ न्यायालयों की सुरक्षा भी शामिल है। इसके लिए सीसीटीवी कैमरे और अन्य सुरक्षा उपकरणों की स्थापना की जाएगी। सरकार इसके लिए करीब 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। हाल के वर्षों में न्यायालय परिसरों में सुरक्षा संबंधी घटनाओं को देखते हुए यह कदम समय की मांग भी है। इससे न केवल न्यायिक अधिकारियों और कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि आम जनता का भरोसा भी बढ़ेगा। वहीं इसके अलावा न्यायमूर्तियों और न्यायिक अधिकारियों के लिए आवासीय सुविधाओं पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसके लिए योगी सरकार 352 करोड़ रुपये से अधिक धनराशि खर्च करने जा रही है। बेहतर आवास सुविधाएं प्रदान करने से न्यायिक अधिकारियों का कार्यक्षेत्र में मनोबल बढ़ेगा और उनकी कार्यक्षमता में भी सुधार होगा।
अधिवक्ताओं का कल्याण सर्वोपरि
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्राथमिकता में अधिवक्ताओं का कल्याण सर्वोपरि है। सरकार अधिवक्ता कल्याण निधि न्यासी समिति को 20 करोड़ रुपये का अनुदान देगी। इसमें युवा अधिवक्ताओं के लिए 5 करोड़ रुपये का कॉर्पस फंड, किताबों और पत्रिकाओं के लिए 10 करोड़ रुपये तथा अधिवक्ता चैंबर के निर्माण और अन्य सुविधाओं का विकास किया जाएगा। यह इस बात का संकेत है कि सरकार अधिवक्ता समाज के हितों के प्रति संवेदनशील है। खासकर युवा अधिवक्ताओं के लिए यह सहायता उनके करियर की शुरुआत में महत्वपूर्ण सहारा प्रदान करेगी।