बोले रायबरेली: बिजली संकट
Raebareli News - लो वोल्टेज, ट्रिपिंग और कटौती ने रुलाया रायबरेली। लोकल फॉल्ट, लो वोल्टेज, ट्रांसफार्मरों
लो वोल्टेज, ट्रिपिंग और कटौती ने रुलाया रायबरेली। लोकल फॉल्ट, लो वोल्टेज, ट्रांसफार्मरों में गड़बड़ी बेहतर बिजली आपूर्ति में बाधक बने हैं। सर्दियों में 200 मेगावाट बिजली से काम चल जाता है, लेकिन गर्मी शुरू होते ही मांग 275 मेगावाट तक पहुंच गई है। इसके चलते लो वोल्टेज, ट्रिपिंग, अघोषित कटौती, लाइन में फाल्ट बढ़ गए हैं। गर्मियों के आते ही बिजली को लेकर परेशानी बढ़ गई है। जिले में 54 बिजली उपकेंद्रों के जरिये बिजली आपूर्ति की जाती है। उपकेंद्रों व लाइन स्टाफ भी विभाग में पर्याप्त नहीं है। संविदा कर्मियों के सहारे काम हो रहा है। उपभोक्ताओं को गर्मी में भी बिजली सता रही है। आए दिन के फॉल्ट से लोग परेशान हो रहे हैं। तार टूटने या फिर शार्ट सर्किट हो जाने से शाम होते ही कई इलाके अंधेरे में डूब जाते हैं। गर्मी भर लोग बिजली आपूर्ति को लेकर कहीं न कहीं परेशान रहते हैं। तमाम प्रयासों के बावजूद आपूर्ति पटरी पर नहीं आ रही है।
रायबरेली, संवाददाता। पुराने संसाधनों के जरिये लोगों के घरों तक पहुंचाई जा रही बिजली गर्मी में रुला देती है। मांग अधिक होने से ट्रांसफर्मार, बिजली की लाइन आदि पर लोड बढ़ गया है। इसके चलते लो वोल्टेज, ट्रिपिंग, अघोषित कटौती, लाइन में फॉल्ट बढ़ गए हैं। दिन-रात कटौती होने से लोगों की परेशानी बढ़ गई है। विभाग का बेहतर बिजली आपूर्ति करने का दावा सिर्फ दावा बनकर रह गया है।
जिले में अभी 275 मेगावाट बिजली की आपूर्ति की जा रही है। यह मांग 350 मेगावाट तक जल्द पहुंच जाएगी। बिजली विभाग के संसाधन पुराने हैं। इसके चलते आपूर्ति बाधित होती है। गर्मी शुरू होते ही बिजली आपूर्ति बाधित होने लगी है। लो वोल्टेज, ट्रिपिंग, अघोषित कटौती, लाइन में फॉल्ट बढ़ गए हैं। जिले में हर क्षेत्र के लिए बिजली शेड्यूल निर्धारित है।
इसमें जिला मुख्यालय को 24 घंटे, नगर पंचायत को साढ़े 22 घंटे, ग्रामीण क्षेत्र को 18 घंटे बिजली मिलनी है। इसके बावजूद लोगों खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति बाधित हो रही है। यहां बमुश्किल आठ से दस घंटे ही बिजली मिल पाती है। नगर पंचायत क्षेत्र में भी तीन से चार घंटे की कटौती हो रही है। यही हाल शहर का भी है यहां भी तीन से चार घंटे बिजली कटौती हो रही है। यह समस्या अब रोजमर्रा की दिनचर्या में शुमार हो गई है। कठघर, गदागंज, जगतपुर, सलोन, लालगंज क्षेत्रों में बार-बार बिजली कटौती हो रही है। इससे उपभोक्ताओं को परेशानी हो रही है। जिले में छह लाख के करीब बिजली उपभोक्ता हैं जो बार-बार हो रही बिजली कटौती से परेशान होते हैं। गर्मियों में फॉल्ट होने से बिजली आपूर्ति बाधित हो जाती है।
ग्रामीण और शहर के कुछ क्षेत्रों में ट्रांसफार्मरों पर क्षमता से अधिक भार होने के कारण लो वोल्टेज की समस्या भी आ रही है। ट्रांसफार्मर और तारों की हालत खराब है, जिससे ब्रेकडाउन हो रहा है और पर्याप्त स्टाफ भी नहीं है। तार टूटने या फिर शार्ट सर्किट हो जाने से शाम होते ही कई इलाके अंधेरे में डूब जाते हैं। गर्मी भर लोग बिजली आपूर्ति को लेकर कहीं न कहीं परेशान रहते हैं। तकनीकी फाल्ट या फिर कहीं नई केबिल या तार बिछाने या फिर पेड़ों की छंटाई करने की बात कहकर विभागीय अधिकारी अपना पल्ला झाड़ लेते हैं।
गर्मी में बिजली आपूर्ति को लेकर विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। जहां पर जर्जर तार हैं, उनको बदला जा रहा है। विभाग का दावा है कि 15 मई तक इस काम को पूरा कर लिया जाएगा। ट्रांसफार्मरों की समस्या से निपटने के लिए विभाग ने हर डिवीजन में दो-दो ट्राली ट्रांसफार्मर का इंतजाम किया है। ताकि इमरजेंसी में आपूर्ति सुचारु रखी जा सके। गर्मी के समय में फॉल्ट आने पर ठीक करने के लिए विशेष टीम तैनात रहेगी ताकि जल्द समस्या का समाधान हो सके। उच्च अधिकारियों ने उपकेंद्रों में दिए गए मोबाइल नंबरों को तुरंत उठाने के लिए कहा है ताकि शिकायतकर्ता की समस्या का समाधान हो सके।
गर्मियों में फसलों का होता है नुकसान
रायबरेली। जिले में हर साल गर्मी के मौसम में आग लगने की घटनाओं से सैकड़ों बीघा फसल राख हो जाती है। गर्मी आते ही खेतों में शार्ट सर्किट की वजह से खड़ी फसल के नुकसान होने का दौर शुरू होता है तो फिर थमने का नाम नहीं लेता है। खेत-खलिहान से आग की ऊंची-ऊंची लपटें दिखाई देती है। दमकल कर्मी एक गांव से निकलते हैं तो दूसरे गांव पहुंच जाते हैं। यह आग एक दो मामलों में किसान अथवा किसी अन्य की लापरवाही की वजह ही साबित होती है। बाकी मामलों में बिजली विभाग के लटकते तार व जर्जर तार की घटना की असल वजह बताए जाते हैं। यह कोई एक दो गांव का विषय नहीं है, बल्कि पूरे जिले की स्थिति यही रहती है। गेहूं की कटाई शुरू हो चुकी है। किसान अब ऐन वक्त इस बात को लेकर चिंतित है कि यदि जर्जर तारों को न बदलवाया गया तो आग लगने की घटनाएं फिर होंगी और खेतों व खलिहानों को बचाना मुश्किल हो जाएगा। पिछले साल लगभग सौ से अधिक घटनाएं हुई थीं। अब दिन ब दिन तापमान बढ़ रहा है। खेतों के बीच हाईटेंशन लाइन का तार खींचा गया है। भीषण गर्मी में यही तार टूटकर नीचे गिरने लगते हैं, जिससे हादसे पर हादसे होते हैं।
वोल्टेज में उतार-चढ़ाव से आपूर्ति बाधित
रायबरेली। बिजली आपूर्ति में गड़बड़ी होने से कई तरह की समस्याएं आ सकती हैं, जिनमें अनियमित आपूर्ति, वोल्टेज में उतार-चढ़ाव, और बिजली कटौती शामिल हैं। वोल्टेज में उतार-चढ़ाव से अक्सर घर में प्रयोग हो रहे उपकरण खराब हो जाते हैं। जर्जर और काफी पुराने हो चुके बिजली के तारों को न बदले जाने से आए-दिन गर्मियों में आग लगने की घटनाएं हो रही हैं। इससे खेतों में किसानों की कड़ी मेहनत से तैयार की गई खड़ी फसल पल भर में जलकर खाक हो जाती है। सही जानकारी और पूरे कागजी अभिलेख न होने से सरकारी योजनाओं का किसानों को लाभ भी नहीं मिल पाता है।
शिकायतें
-बिजली विभाग का कोई स्थानीय टोल फ्री नंबर नहीं है। अधिकारियों के फोन समय पर नहीं उठते हैं।
-रिवैप योजना के तहत तार तो बदले जा रहे हैं, लेकिन अभी भी हर उपकेंद्र ऐसे तार मौजूद हैं।
-हर उपकेंद्र पर बिजली कर्मियों का अभाव है। इससे समय पर समस्या का निदान नहीं होता है।
-गर्मियों में अधिकांश ट्रांसफार्मर पर लोड बढ़ जाता है। इसका कोई स्थाई इंतजाम नहीं हैं।
-विभाग में पर्याप्त संसाधनों का अभाव रहता है इससे निपटने के ठोस इंतजाम नहीं हैं।
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सुझाव
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-बिजली विभाग में स्थानीय टोल फ्री नंबर होना चाहिए। जिस पर शिकायत करने पर तुरंत कार्रवाई हो।
-जो भी जर्जर लाइन हैं, उनको प्राथमिकता के आधार पर दुरुस्त किया जाना चाहिए।
-बिजली उपकेंद्र पर बिजली कर्मियों की भर्ती की जाए जिससे लोगों की समस्या का समाधान हो सके।
-गर्मियों में अधिकांश ट्रांसफार्मर पर लोड बढ़ जाता है इसके लिए स्थाई इंतजाम होने चाहिए।
-विभाग में पर्याप्त संसाधनों का अभाव रहता है इससे निपटने के लिए ठोस इंतजाम किए जाए।
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अधिकारी बोले
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गर्मियों में बिजली की कटौती की समस्या से निपटने के लिए विभाग तैयार है। सभी कर्मचारियों को अलर्ट मोड पर रखा गया है। साथ ही बिजली आपूर्ति की डिमांड बढ़ गई है उसी अनुरूप बिजली दी जा रही है। जहां भी फाल्ट की गुंजाइश हो रही है उसे ठीक कराया जा रहा है। किसी उपभोक्ता को कोई दिक्कत हो तो स्थानीय कार्यालय पर संपर्क कर सकता है। समस्याओं का निदान कराया जाएगा।
मुकेश कुमार, अधीक्षण अभियंता द्वितीय मंडल
इनकी भी सुनिए
कई बार जर्जर हो चुके तारों को बदलने के लिए अधिकारियों से मांग की गई, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इसके चलते किसी भी दिन बड़ा हादसा हो सकता है। लगता है अधिकारी हादसे का इंतजार कर रहे हैं। विभाग की ओर से तार बदलने का काम धीमी गति से किया जा रहा है।
धर्मेन्द्र पाण्डेय
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जरा सी आंधी आने पर आपूर्ति बंद कर दी जाती है। शार्ट सर्किट लोगों के लिए मुसीबत बन गए हैं। इससे निदान के लिए कोई काम नहीं किया गया। बिजली विभाग के लोग हादसे के इंतजार में हैं। ऐसा इंतजाम किया जाए जिससे हल्की आंधी आने पर आपूर्ति चालू रहे।
मनोज तिवारी
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हर गर्मी में बिजली आपूर्ति बाधित रहती है। आपूर्ति के संसाधनों पर कोई विशेष काम नहीं होता है। पूरी गर्मी बिजली के लिए लोग परेशान होते हैं। जर्जर तार भी आपूर्ति में बाधक बनते हैं। ऐसे में समस्याओं का प्राथमिकता के आधार पर समाधान किया जाना चाहिए।
कुलदीप सिंह
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गर्मी में रोजाना बिजली कटौती से दो चार होना पड़ता है। दिनभर बिजली ट्रिप की समस्या से उपभोक्ताओं को जूझना पड़ता है। फाल्ट आने पर तुरंत समाधान नहीं होता है। कोई भी कर्मचारी जल्दी मौके पर नहीं पहुंचता है। इससे घंटों बिना बिजली के लोग परेशानी में फंसे रहते हैं।
भोला सिंह
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कहीं-कहीं मोहल्लों और गांवों में बिजली के जर्जर तारों को बदलने का काम चल रहा है। अगर यह काम पूरी तरह से करा दिया जाए तो तार टूटने की घटनाएं कम होंगी। इस काम के होने से लोगों की समस्या का समाधान हो जाएगा और आपूर्ति बेहतर हो जाएगी।
रामशंकर
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कई जगह बिजली की लाइन घरों के ऊपर से होकर गुजरती हैं। गर्मी में तार लटक जाते हैं। ऐसे में हादसे की आशंका बनी रहती है। लोगों के घरों की छत से निकलने वाली लाइनों को शिफ्ट किया जाना चाहिए ताकि हादसा होने की आशंका को खत्म किया जा सके।
रामसनेही
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गर्मी अब दस्तक दे चुकी है। इससे बिजली की खपत बढ़ गई है। ओवरलोड की वजह से तार ज्यादा टूटने तय हैं। घरों में बिजली आपूर्ति का लोड बढ़ने से समस्या और गंभीर हो जाएगी। कई जगहों पर तो बिजली के तार लोगों के मकानों की छतों को छूकर निकले हैं। इससे निजात दिलाई जाए।
लाल बहादुर यादव
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बिजली विभाग सिर्फ़ बिल वसूलता है। लोगों की सहूलियत पर इनका कोई ध्यान नहीं रहता है। लोग परेशान होते रहते हैं पर यह कोई सुनवाई नहीं होती है। जल्द से जल्द सुनवाई होनी चाहिए। ऐसे लगता है हमारी तकलीफों से इनका कोई लेना-देना नहीं है।
शारदा
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बिजली विभाग का बुनियादी ढांचा ही ठीक नहीं है। हम लोग नियमित रूप से अपने बिलों का भुगतान करते हैं। फिर भी शहर के सुभाष नगर में उचित पोल और अच्छी बिजली आपूर्ति नहीं मिलती है। इससे लोग परेशान होते रहते हैं इस पर कोई ध्यान देने वाला नहीं है।
मुन्नू
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बिजली विभाग की सबसे बड़ी दिक्कत है कि समस्या कितनी भी बड़ी हो हर बार सिर्फ़ मरम्मत से ही काम चला दिया जाता है। जल्दी से यह लोग सामान नहीं बदलते इसलिए समस्याएं जल्दी- जल्दी होती हैं। इस पर ध्यान दिया जाना चाहिए।
नितिन
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बिजली समस्याओं की शिकायतें कई बार विभागीय अधिकारियों से की गई, लेकिन उनका समाधान नहीं हो पा रहा है। इससे लोग परेशान होते रहते हैं। उस पर किसी का ध्यान नहीं जाता है। बस बिल वसूली के लिए सब आ जाते हैं। सुविधा नहीं मिल रही है।
सुजीत
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बिजली विभाग सब कुछ जानकर भी अनजान बना रहता है। समस्याओं पर गौर नहीं किया जाता है। विभागीय लोग इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। जल्द ही इस अव्यवस्था को दूर किया जाए। जिससे हम सभी को राहत मिल सके।
राजकिशोर
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जहां तार लटक रहे हैं, वहां कभी भी कोई हादसा हो सकता है मन में घटनाओं का डर बना रहता है। आए दिन तारों के टूटकर गिरने की शिकायतें आ रही हैं। हालांकि गड़बड़ तारों को कहीं-कहीं बदला जा रहा है, लेकिन यह काम तेजी से होना चाहिए।
देवी दयाल
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ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घंटे बिजली मिलनी चाहिए लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है, फाल्ट होने पर पूरे दिन बिजली लापता रहती है, देर शाम अगर फाल्ट होता है तो उसे दूसरे दिन ठीक कराया जाता है, इससे भी आपूर्ति ज्यादा देर तक बाधित रहती है।
राकेश कुमार
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नंबर गेम--
35 लाख के करीब आबादी है पूरे जिले में।
54 बिजली उपकेंद्रों से होती है आपूर्ति।
07 डिवीजन में जिले की बिजली व्यवस्था बांटी गई है।
6 लाख के करीब जिले में बिजली उपभोक्ता हैं।
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