अयोध्या के रामलला पर सोने-चांदी की बारिश, 3 महीने में भक्तों ने समर्पित किये 85 किलो से ज्यादा जेवर
अयोध्या के रामलला पर सोने-चांदी की बारिश हो रही है। तीन महीने में ही भक्तों ने 85 किलो से ज्यादा सोना-चांदी रामलला को समर्पित की है। नवम्बर 2024 से फरवरी 2025 के बीच 334 भक्तों ने यह जेवर दान किए हैं।

अयोध्या के राम मंदिर में विराजमान रामलला को भक्तों की तरफ से खूब सोना-चांदी समर्पण किया जा रहा है। भक्ति भाव व श्रद्धा भाव से किए जाने वाले इस समर्पण में अब तक दानदाताओं ने शुद्धता पूर्ण धातुओं का ही समर्पण किया है। इसकी पुष्टि भारत सरकार की संस्था सिक्योरिटी प्रिंटिंग एण्ड मिटिंग कारपोरेशन आफ इंडिया लिमिटेड (एसपीएमसीआईएल) कर चुकी है। नवम्बर 2024 से फरवरी 2025 यानी तीन महीने में ही भक्तों ने 85 किलो से ज्यादा सोना-चांदी दान दी गई है। इसमें दो किलोग्राम 370 ग्राम सोना और 83 किलोग्राम 330 ग्राम चांदी समर्पित की है।
यह जानकारी श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के ट्रस्टीज की बीते सात जून की बैठक में तीर्थ क्षेत्र महासचिव चंपत राय की ओर से दी गयी। उन्होंने बताया कि यह समर्पण देश के अलग-अलग प्रांतों से आए 334 रामभक्तों ने की ओर से की गयी। तीर्थ क्षेत्र की ओर से इन धातुओं का समर्पण करने के लिए तीर्थ यात्री सुविधा केंद्र में काउंटर बनाए गये है। इन काउंटर पर दान के उपरांत सम्बन्धित श्रद्धालुओं को तत्काल कम्प्यूटराईज्ड रसीद दे दी जाती है। फिर भी तीर्थ क्षेत्र सम्बन्धित धातुओं को सोने व चांदी के रूप में तभी स्वीकार करता है जब सम्बन्धित धातुओं को गलाकर उनके शुद्धिकरण की प्रक्रिया पूरी हो जाती है।
एसपीएमसीआईएल से अनुबंध का होगा नवीनीकरण:
श्रद्धालुओं के द्वारा रामलला को समर्पित किए जाने वाले सोने-चांदी के आभूषण, शिलाएं व सिक्के आदि की शुद्धता कितनी है व उसका भार तौल के अनुसार कितना वजन है एवं उसकी उचित लागत कितनी है, इसका परीक्षण करने के लिए तीर्थ क्षेत्र ने भारत सरकार की संस्था सिक्योरिटी प्रिंटिंग एण्ड मिटिंग कारपोरेशन आफ इंडिया लिमिटेड (एसपीएमसीआईएल) को अनुबंधित किया था। इस अनुबंध का एक साल पूरा हो चुका है।
इस अनुबंध के मुताबिक एसपीएमसीआईएल के कर्मचारी यहां तैनात किए गए थे। यह कर्मचारी राम मंदिर के पीएफसी के काउंटर पर बैठते रहे और श्रद्धालुओं द्वारा समर्पित धातुओं को प्राप्त कर उसकी रसीद श्रद्धालुओं को प्रदान करते थे। पुनः धातुओं को गलाकर उनकी शुद्धता परखने के साथ शुद्धिकरण की प्रक्रिया पूरी कर सम्बन्धित धातु ट्रस्ट के सुपुर्द कर देते थे। अब यह व्यवस्था बदलने जा रही है।
बोर्ड ने अपने कर्मचारियों को वापस बुलाया:
बीते सात जून को हुई तीर्थ क्षेत्र के ट्रस्टीज की बैठक में बताया गया कि एसपीएमसीआईएल के बोर्ड ने अनुबंध को आगे बढ़ाने के पहले अपने कर्मचारियों को वापस बुला लिया है। सम्बन्धित काउंटर पर तीर्थ क्षेत्र को अपने विश्वसनीय कर्मचारियों की ड्यूटी लगानी पड़ेगी। हालांकि एसपीएमसीआईएल ने यह सूचित किया है जब भी तीर्थ क्षेत्र द्वारा धातुओं के परीक्षण व शुद्धिकरण के लिए बुलाया जाएगा तो कर्मचारी वहां जाकर काम पूरा करेंगे। इसके चलते भवन-निर्माण समिति चेयरमैन नृपेन्द्र मिश्र ने अनुबंध को नये शर्तों के अधीन नवीनीकृत करने का सुझाव दिया है। इसी के अनुसार पुनः अनुबंध की तैयारी की जा रही है।