एक साथ तीन पदों की जिम्मेदारी संभालेंगे राजीव कृष्ण, 11 सीनियर अफसरों के रहते हुए बने डीजीपी
यूपी के नए डीजीपी राजीव कृष्ण एक साथ तीन पदों की जिम्मेदारी संभालेंगे। उनकी तैनाती के जारी आदेश में लिखा है कि सतर्कता अधिष्ठान के निदेशक और पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के अध्यक्ष पद के साथ-साथ पुलिस महानिदेशक का अतिरिक्त प्रभार भी देने का निर्णय लिया गया है।

यूपी के नए डीजीपी राजीव कृष्ण एक साथ तीन पदों की जिम्मेदारी संभालेंगे। उनकी तैनाती के जारी आदेश में लिखा है कि सतर्कता अधिष्ठान के निदेशक और पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के अध्यक्ष पद के साथ-साथ पुलिस महानिदेशक का अतिरिक्त प्रभार भी देने का निर्णय लिया गया है। राजीव कृष्ण से वरिष्ठ 11 आईपीएस अधिकारियों को छोड़ कर उन्हें इस पद पर तैनाती दी गई है। मूल रूप से नोएडा निवासी राजीव कृष्ण ने रुड़की विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक्स एंड कम्युनिकेशन से इंजीनियरिंग की है। उन्हें दो बार राष्ट्रपति का वीरता पदक मिल चुका है। उनकी सेवानिवृत्ति में चार वर्ष और एक माह का समय शेष है।
ये अफसर राजीव कृष्ण से सीनियर
वर्ष 1989 बैच के आशीष गुप्ता, आदित्य मिश्र, शफी अहसान रिजवी, वर्ष 1990 बैच के दलजीत सिंह चौधरी, रेणुका मिश्र, संदीप सालुंके, बीके मौर्य, तिलोत्तमा वर्मा, एमके बशाल, वर्ष 1991 बैच के आलोक शर्मा व पीयूष आनंद डीजीपी राजीव कृष्ण से सीनियर है।
नौ जिलों में कप्तान रह चुके है
राजीव कृष्ण लखनऊ, मथुरा, आगरा,इटावा और नोएडा समेत नौ जिलों के पुलिस कप्तान रह चुके हैं। इसके अलावा मेरठ रेंज के आईजी, लखनऊ और आगरा जोन के एडीजी रह चुके है। लखनऊ में दो बार पुलिस मुखिया का दायित्य संभाल चुके हैं। वर्ष 2010 में 10 फरवरी को उन्हें डीआईजी/एसएसपी पद पर तैनाती दी गई थी। इटावा में तैनाती के दौरान उन्होंने दस्यु गिरोह का खात्मा किया था। राजीव कृष्ण केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर बीएसएफ में आईजी रहे हैं। इस दौरान उन्होंने भारत-पाक सीमा की बाड़बंदी में अहम भूमिका निभाई। एटीएस का गठन करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका रही थी। उनकी पत्नी मीनाक्षी सिंह वरिष्ठ आईआरएस अधिकारी हैं और लखनऊ स्थित आयकर विभाग मुख्यालय में तैनात हैं।