किसानों का 31.40 करोड़ दबाए बैठी राणा चीनी मिल
Rampur News - गन्ना की खेती करने वाले किसानों को भुगतान न मिलने से परेशान हैं। राणा चीनी मिल पर 31.40 करोड़ रुपये बकाया हैं। किसानों ने 2024-25 सत्र में 116.24 लाख कुंतल गन्ना बेचा, जिसमें से केवल 392.22 करोड़...

गन्ना की खेती करने के बाद भी किसानों के हाथ खाली हैं। इसका प्रमुख कारण चीनी मिलों की बकायेदारी है। राणा चीनी मिल अभी भी किसानों का 31.40 करोड़ दबाए बैठी है। भुगतान न होने की स्थिति में किसान रुपयों के अभाव में उधार की जिंदगी जी रहे हैं। पेराई सत्र 2024-25 में किसानों ने चीनी मिलों को कुल 116.24 लाख कुंतल गन्ने की आपूर्ति की। करीब 423.62 करोड़ रुपये गन्ना मूल्य में 392.22 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है। रुद्र बिलास सहकारी चीनी मिल और त्रिवेणी चीनी मिल ने किसानों को पूरा गन्ना मूल्य का भुगतान कर दिया है। मगर राणा चीनी मिल गन्ना किसानों का भुगतान करने में देरी कर रही है। इस चीनी मिल पर अभी भी 31.40 करोड़ रुपये बाकी है। बकाया भुगतान न करने की स्थिति में चीनी मिल डिफाल्टर साबित हो रही है। गन्ना बेचने के बाद भी किसान खाली हाथ हैं। इस पैसे के लिए किसान कभी मिल तो कभी गन्ना समिति के कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं। भुगतान के लिए किसान चक्कर काट रहे हैं। जिला गन्ना अधिकारी शैलेश कुमार मौर्य का कहना है कि चीनी मिल को भुगतान के लिए कह दिया है। जल्द पूरा भुगतान हो जाने की उम्मीद है।
--14 दिनों में भुगतान का नियम
चीनी मिलों को किसानों से खरीदे गए गन्ने का भुगतान 14 दिनों के अंदर करने का नियम है। प्रदेश के मुख्यमंत्री के निर्देश हैं कि सभी चीनी मिल किसानों का समय से भुगतान करें। लेकिन राणा चीनी मिल किसानों के गन्ने का बकाया भुगतान करने में लापरवाही बरत रही है।
423.62 करोड़ रुपये का खरीदा गया गन्ना
चीनी मिल - खरीद कीमत - भुगतान - बकाया
त्रिवेणी - 199.64 - 199.64 - कुछ नहीं
राणा - 175.61 - 144.21 - 31.40
रुद्र बिलास- 48.37 - 48.37 - कुछ नहीं
योग - 423.62 -392.22 - 31.40
नोट : उक्त धनराशि करोड़ रुपये में है।
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