टेंडर घोटाले में घिरे पीडब्ल्यूडी प्रांतीय खंड के एक्सईएन
Rampur News - पीडब्ल्यूडी के एक्सईएन कृष्णवीर सिंह पर टेंडर प्रक्रिया में अनियमितताओं के आरोप लगे हैं। शिकायत के बाद डीएम ने जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम का गठन किया है। आरोप है कि उन्होंने नियमों का उल्लंघन कर...

ठेकेदारों के साथ गठजोड़ कर नियमों के विपरीत टेंडर जारी करने में पीडब्ल्यूडी के एक्सईएन कृष्णवीर सिंह फंस सकते हैं। एक शिकायत पर डीएम ने जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम का गठन कर दिया है। एक्सईएन के खिलाफ नियमों का उल्लंघन एवं शर्त बदलकर एक विशेष फर्म एमए डेवलपर्स को टेंडर दिए जाने के आरोप लगाते हुए पीएम कार्यालय तक शिकायत की गई है। लोक निर्माण विभाग प्रांतीय खंड के एक्सईएन कृष्णवीर सिंह के खिलाफ तीन मार्च को प्रधानमंत्री के पत्र भेजकर साक्ष्यों के साथ एक शिकायत की गई थी। जिसमें शिकायकर्ता का कहना था कि एक्सईएन अपने पार्टनरी फर्म मैसर्स एमए डेवलपर्स एंड इंजीनियर्स के प्रोपराइटर मसूद खां के साथ मिलकर विभाग में सड़क निर्माण को होने वाले टेंडरों में जमकर घोटाला कर रहे हैं। जहां भी इनका स्थानान्तरण होता है वहां पर इस फर्म को करोड़ों रुपये के टेंडर दिए जाते हैं। रामपुर में तैनाती के बाद से इस फर्म को काफी टेंडर दिए गए हैं। शिकायत करते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग की गई। एक्सईएन के अमरोहा व संभल में तैनाती के दौरान भी संबंधित फर्म को दिए गए टेंडरों पर सवाल उठाकर जांच की मांग की गई है। मामला जिला प्रशासन के संज्ञान में आया तो डीएम ने इसकी जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया है। 19 अप्रल को डीएम ने आदेश जारी करते हुए कमेटी में सीडीओ, वरिष्ठ कोषाधिकारी और अधिशासी अभियंता सिंचाई विभाग को शामिल कर जांच के आदेश किए हैं। डीएम ने कहा कि लोक निर्माण विभाग द्वारा 2024-2025 में किए गए समस्त टेंडर प्रक्रियाओं की गहनता से जांच की जाए। जांच कमेटी से तीन दिन के अंदर जांच आख्या कार्यालय में प्रस्तुत करने के आदेश किए हैं।
--इन आरोपों पर फंसे एक्सईएन
1.मैसर्स एमए डेवलपर्स एंड इंजीनियर्स प्रोपराइटर मसूद खां का पांच करोड़ का अनुबंध प्रांतीय खंड में कम लागत पर कर दिया गया है। जिसमें मोबिलाइजेशन व मशीनरी एडवांस देने की पहले से साठगांठ होने के कारण मोबिलाइजेशन व मशीनरी एडवांस वसूलने की अवधि के अनुरूप वसूले जाने वाले मोबिलाइजेशन एडवांस इंट्रस्ट के क्लाज को पहले से अनुबंध से हटा दिया गया था। जिससे इनके पार्टनर को लाखों रुपये का फायदा पहुंच सके।
2.मुरादाबाद टांडा दढ़ियाल मार्ग एवं मानपुर दढ़ियाल मार्ग के चैनेज 25 से 46.000 में चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण कार्य की लागत 6302.50 लाख के प्रारंभिक आगणन में गलत व भ्रामक सूचनाएं दी गईं। उक्त मार्गों की सीबीआर, पीसीयू, सीवीपीडी व एमएसए के आंकड़ों की जांच मांगी। इसमें अवैध स्वीकृति कराकर पैंसों की बंदरबांट का आरोप पीडब्ल्यूडी के एक्सईएन और संबंधित फर्म एमए ट्रेडर्स पर लगा है।
3.एक आरोप यह भी है कि एक्सईएन के पार्टनर द्वारा सपोर्ट में टेंडर डालने वाली फर्म मैसर्स एमए एसोसिएट इनके सगे भाई की है। नियम है कि दो सगे भाई एक निविदा में भाग नहीं ले सकते मगर रामपुर में एक्सईएन कृ़ष्णवीर सिंह फर्म के साथ पार्टनरी होने के कारण बहुत सारे टेंडर डालकर टेंडर प्राप्त किए गए हैं। इसीलिए इसकी गहनता से जांच की मांग की गई है।
पीडब्ल्यूडी में टेंडर संबंधी सारी प्रक्रियाएं आनलाइन हैं। आनलाइन ही टेंडर खुलते हैं। टेंडर खुलने के बाद जिस फर्म की कम लागत होती है और उसको टेंडर दे दिया जाता है। इसमें किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी होने की गुंजाइश नहीं है।
-इंजी.कृष्णवीर सिंह, एक्सईएन पीडब्ल्यूडी प्रांतीय खंड।
-जनता की लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि सड़कों के निर्माण में गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा जा रहा। मुख्यमंत्री जी की प्राथमिकता वाले गड्ढा मुक्त अभियान में भी घपलेबाजी की शिकायतें मिलीं, जिस पर जिलाधिकारी को पत्र लिखा गया है। इस पूरे मामले में गंभीरता के साथ जांच कर दोषियों पर कार्रवाई होनी चाहिए।
-आकाश सक्सेना, शहर विधायक
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वायरल खबर एक्सईएन की ठेकेदार के साथ सांठगांठ और शहर विधायक द्वारा भी सड़कों को गड्ढा मुक्त करने में लापरवाही बरतने एवं शासकीय धन का अपव्यय करने को लेकर जांच कराए जाने की अपेक्षा की गई है, जिसके चलते सीडीओ की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच टीम गठित कर तीन दिन में जांच आख्या तलब की गई है।
-जोगिंदर सिंह, जिलाधिकारी
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