रामजी लाल सुमन का सिर कलम पर 51 लाख इनाम, राणा सांगा विवाद में कूदी क्षत्रिय सेना
समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन पर अब क्षत्रिय सेना भी उतर गई है। क्षत्रिय सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने राणा सांगा विवाद में सुमन का सिर कलम करने पर 51 लाख इनाम का ऐलान किया है।

राणा सांगा को लेकर टिप्पणी का मामला गरमाता ही जा रहा है। राज्यसभा में समाजवादी पार्टी के सांसद रामजी लाल सुमन के खिलाफ करणी सेना ने पहले से मोर्चा खोला हुआ है। उनके आगरा स्थित घर पर हमला भी किया गया। इसे लेकर पूरी समाजवादी पार्टी रामजी लाल सुमन के पक्ष में खड़ी भी हो गई है। इस बीच मंगलवार को अखिल भारतीय क्षत्रिय सेना भी रामजी लाल सुमन के खिलाफ मैदान में उतर गई। अखिल भारतीय क्षत्रिय सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर गौरव सिंह राणा ने वीडियो जारी कर सपा और रामजी लाल सुमन पर हमला बोलते हुए सपा सांसद का सिर कलम करने पर 51 लाख रुपए इनाम की घोषणा की है। सपा सांसद के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का भी इस्तेमाल किया गया है।
अपने वीडियो में गौरव सिंह ने दावा किया कि वह अखिल भारतीय क्षत्रिय सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और उनका संगठन 12 राज्यों में फैला हुआ है। गौरव ने कहा कि समाजवादी पार्टी के सांसद रामजी लाल सुमन ने हमारे महापुरुषों पर अभद्र टिप्पणी की है। उनकी टिप्पणी देशद्रोह है। समाजवादी पार्टी भी उनका समर्थन कर रही है। सपा सांसद के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए गौरव ने कहा कि अखिल भारतीय क्षत्रिय सेना की तरफ से रामजी लाल सुमन का सिर कलम करने पर 51 लाख रुपए का इनाम दिया जाएगा।
सांस सुमन के समर्थन में उतरी अंबेडकर वाहिनी सेना
एक तरफ करणी सेना और क्षत्रिय सेना रामजी लाल सुमन के खिलाफ मैदान में उतरी है तो वहीं अंबेडकर वाहिनी सेना सपा सांसद के समर्थन में उतर गई है। अंबेडकर वाहिनी सेना ने करणी सेना की ईंट से ईंट बजा देने जैसी धमकी भी दे दी है। अंबेडकर वाहिनी सेना ने कहा है कि 4 करोड़ से ज्यादा दलित राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन के साथ हैं। अंबेडकर वाहिनी सेना ने अलीगढ़ में डीएम को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन भी सौंपा।
समाजवादी बाबा साहब अंबेडकर वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष संतोष कुमार जाटव के नेतृत्व में दिए गए ज्ञापन कहा गया है कि रामजीलाल सुमन ने पहले ही कह दिया था कि उनका मकसद किसी की भावना को ठोस पहुंचाना नहीं है अथवा किसी महापुरुष का अपमान करना नहीं था। इसके बाद भी उनके घर पर हमला किया गया। लोग हिंसा पर उतारू हो गए हैं। ज्ञापन में उत्तर प्रदेश में दलित, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों और महिलाओं पर हो रहे अत्याचार को रोक की मांग करते हुए सशक्त कदम उठाने की मांग की गई है।