Retired headmaster taking classes in Bareilly Govt school since one year no teacher posted स्कूल सरकारी लेकिन टीचर एक भी नहीं, रिटायरमेंट के बाद भी यूपी में एक साल से पढ़ा रहे हैं अहमद, Uttar-pradesh Hindi News - Hindustan
Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Retired headmaster taking classes in Bareilly Govt school since one year no teacher posted

स्कूल सरकारी लेकिन टीचर एक भी नहीं, रिटायरमेंट के बाद भी यूपी में एक साल से पढ़ा रहे हैं अहमद

  • बरेली के एक सरकारी स्कूल में रिटायरमेंट के एक साल बाद भी हेडमास्टर रोज परिषदीय विद्यालय जाते हैं और बच्चों को पढ़ाते हैं। मोहम्मद अहमद के रिटायर होने के बाद भी यहां एक भी शिक्षक की पोस्टिंग नहीं हो पाई है।

Ritesh Verma आशीष दीक्षित, बरेलीThu, 10 April 2025 05:24 PM
share Share
Follow Us on
स्कूल सरकारी लेकिन टीचर एक भी नहीं, रिटायरमेंट के बाद भी यूपी में एक साल से पढ़ा रहे हैं अहमद

उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों पर पठन-पाठन में लापरवाही के आरोप तो अक्सर लगते रहते हैं। लेकिन मोहम्मद अहमद जैसे शिक्षक भी हैं जो रिटायरमेंट के बाद भी एक साल से उस सरकारी स्कूल में जाकर रोज बच्चों को पढ़ाते हैं जहां उनकी सेवानिवृत्ति के बाद सरकार के नियमों के कारण एक भी टीचर की पोस्टिंग नहीं हो पाई है। बरेली के सिठौरा प्राथमिक विद्यालय में 2015 में ट्रांसफर होकर आए मोहम्मद अहमद 31 मार्च 2024 को हेडमास्टर पद से रिटायर हो गए। स्कूल में वो अकेले शिक्षक थे। स्कूल में दूसरे टीचर को ट्रांसफर नहीं करने से पढ़ाई का काम ना रुके, इसके लिए वो आज भी नियमित रूप से वहां जाकर बच्चों को पढ़ाते हैं।

बरेली नगर क्षेत्र के सिठौरा प्राथमिक स्कूल में अहमद 2015 में आए थे। उस समय भी यह एकल स्कूल ही था। अहमद तभी से प्रधानाध्यापक की भूमिका निभा रहे थे। स्कूल की हालत बेहद खराब थी। छात्रों की संख्या भी कम थी। अहमद ने आस-पास के अभिभावकों से संपर्क किया और उन्हें पढ़ाई का महत्व समझाया। असर धीरे-धीरे हुआ और बच्चों की संख्या 100 के पार हो गई। शहर के अच्छे स्कूलों में सिठौरा की भी गिनती होने लगी।

यूपी के 50% प्राइमरी स्कूल के लिए योगी सरकार का ये होगा रोडमैप, बेसिक शिक्षा विभाग को मिले निर्देश

31 मार्च 2024 को अहमद सेवानिवृत्त हो गए। उनके बाद स्कूल शिक्षकविहीन हो गया। अहमद ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को इसकी जानकारी दी। लेकिन अधिकारियों ने सरकारी आदेश के चलते नगर क्षेत्र के स्कूल में स्थाई शिक्षक की तैनाती से मना कर दिया। इस बात से अहमद बेचैन हो गए। उन्हें अपने छात्र-छात्राओं की पढ़ाई, उनके करियर की चिंता सताने लगी। आखिर उन्होंने खुद ही स्कूल में शिक्षण कार्य जारी रखने का फैसला किया।

जब तक शरीर दे रहा साथ, स्कूल आता-पढ़ाता रहूंगा: अहमद

मोहम्मद अहमद बरेली के ही काजी टोला मोहल्ले में रहते हैं। उनका घर स्कूल से छह किलोमीटर दूर है। वह रोज स्कूल जाते हैं और बारी-बारी से सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों को पढ़ाते हैं। अहमद बच्चों को पढ़ाई के साथ विभिन्न एक्टिविटी कराते हैं और जीवन में आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करते हैं। अहमद बताते हैं कि नगर क्षेत्र में नई नियुक्ति का प्रावधान नहीं है, इसलिए शिक्षक की कमी है। उन्होंने कहा कि जब तक वो शारीरिक रूप से स्वस्थ हैं, तब तक स्कूल में आते-पढ़ाते रहेंगे।

ये भी पढ़ें:आरटीई का हनन करने वाले अफसरों पर क्यों न करें कार्रवाई : हाई कोर्ट
ये भी पढ़ें:शिक्षा विभाग ने रिक्शा चालक को भेजा 51 लाख की रिकवरी नोटिस, परिवार के उड़े होश
Sithaura Primary School Bareilly