Blast at Firecracker Factory in Saharanpur Kills Three Workers जिले में पहले भी जिंदगी लील चुकी पटाखा फैक्ट्री, Saharanpur Hindi News - Hindustan
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जिले में पहले भी जिंदगी लील चुकी पटाखा फैक्ट्री

Saharanpur News - सहारनपुर के देवबंद क्षेत्र में जड़ौदा जट्ट गांव की एक पटाखा फैक्ट्री में शनिवार को विस्फोट हुआ, जिसमें तीन मजदूरों की मौत हो गई। फैक्ट्री में क्षमता से अधिक बारूद रखा गया था और सुरक्षा मानकों की...

Newswrap हिन्दुस्तान, सहारनपुरMon, 28 April 2025 11:56 PM
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जिले में पहले भी जिंदगी लील चुकी पटाखा फैक्ट्री

सहारनपुर। कोतवाली देवबंद क्षेत्र के गांव जड़ौदा जट्ट में शनिवार को पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट में तीन मजदूरों की मौत हो चुकी है। जिले में पहले भी कई बार पटाखा फैक्ट्री कहर बरपा चुकी हैं। खासकर पटाखा फैक्टरियों के संचालकों द्वारा ज्यादा मुनाफा कमाने के लालच की वजह से भी हादसे हुए हैं। इन फैक्ट्रियों की नियमित चेकिंग हो तो आए दिन हो वाले हादसों से बचा जा सकता है। वहीं, सहारनपुर में कई बार अवैध पटाखा फैक्टरी भी पकड़ी जा चुकी हैं। गांव जड़ौदा जट्ट में स्टेट हाईवे के किनारे स्थित चल रही पटाखा फैक्ट्री में क्षमता से अधिक बारूद रखा हुआ था। रोजाना 15 किलो बारूद से फुलझड़ी और अनार बनाने की अनुमति थी, लेकिन फैक्ट्री संचालकों के ज्यादा मुनाफे के चक्कर में मानकों की अनदेखी करते हुए बुलेट बम भी तैयार किए जा रहे थे। इसी वजह से शनिवार को हुए विस्फोट में तीन मजदूरों की जान चली गई। धमाका इतना जबरदस्त था कि तीनों मजदूरों के शरीर के चीथड़े हो गए थे।

इसी तरह जनपद में पहले भी कई बार पटाखा फैक्ट्रियां जीवन के लिए खतरा बन चुकी हैं। इसको लेकर दमकल विभाग द्वारा अभियान चलाकर चेकिंग भी की जाती रही है। इसके बाद भी अवैध रूप से पटाखा फैक्ट्री संचालित होने के मामले आए दिन सामने आते हैं। शहर के एकता कॉलोनी, चिलकाना रोड के अलावा देहात क्षेत्र में नकुड़ और गंगोह क्षेत्र में कई बार अवैध पटाखा फैक्ट्री पकड़ी जा चुकीं हैं। वहीं, सहारनपुर में 80 लाइसेंसी पटाखा फैक्ट्रियां हैं। कई जगहों पर मानकों को पूरा नहीं किया जा रहा है तो कहीं लापरवाही भी बरती जा रही है। इसका खुलासा दमकल विभाग की कार्रवाई में हो चुका है। विभाग की ओर से चेकिंग अभियान चलाने के बाद लापरवाही बरतने वाले पटाखा फैक्ट्रियों के स्वामियों को नोटिस भी भेजे जा चुके है। खासकर दीपावली, दशहरा और शादियों के सीजन में आतिशबाजी की मांग बढ़ जाती है। तभी दमकल विभाग जागता है और चेकिंग करता है। अगर समय-समय पर चेकिंग की जाए तो हादसों से बचा जा सकता है।

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इन मानकों को करना होता है पूरा

- फैक्ट्री में बिजली का कनेक्शन न हो

- आग बुझाने के लिए हर समय मिट्टी-बालू की व्यवस्था रहे

- फैक्ट्री परिसर में पानी के लिए हौज बना हो

- 18 वर्ष की उम्र से कम कोई श्रमिक कार्य न करता हो

- फैक्ट्री आबादी से दूर हो और अग्निशमन यंत्र लगे हों

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जिले में हुई प्रमुख घटनाएं

- सरसावा के गांव गोविंदपुर में पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट होने से पांच लोगों की मौत हुई थी।

- एकता कॉलोनी में अवैध रूप से घर में बनाए जा रहे सुतली बमों में आग लगने से तीन लोग झुलसे थे।

- मानकमऊ अवैध रूप से बनाए जा रहे आतिशबाजी में आग लगने से दो लोगों की मौत हुई थी।

- मोहल्ला आतिशबाजान में घर में आतिशबाजी बनाते समय धमाका हुआ था और तीन लोगों की जान गई थी।

- बिहारीगढ़ क्षेत्र के गांव सतपुरा में पटाखा फैक्टरी में तीन बार हादसे हो चुके हैं।

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वर्जन:-

जिले भर में पटाखा फैक्ट्रियों के खिलाफ अभियान चलाकर चेकिंग की जाती है। कई बार कार्रवाई भी की जा चुकी है। कोई पटाखा फैक्ट्री संचालक मानकों की अनदेखी करता मिला तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। ऐसे संचालकों के लाइसेंस भी निरस्त कर दिए जाएंगे। -प्रताप सिंह, सीएफओ

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