बोले सहारनपुर : कसेरान बाजार : 200 साल पुरानी विरासत बचाने में जुटे कारोबारी
Saharanpur News - सहारनपुर का कसेरान (बर्तन) बाजार, जो 1825 में स्थापित हुआ था, अपनी ऐतिहासिक पहचान और सांस्कृतिक धरोहर को सहेजे हुए है। लेकिन यहां संकरी गलियों, गंदगी, बिजली के तारों के जंजाल और शौचालय की कमी जैसी...

सहारनपुर के दिल में बसा कसेरान (बर्तन) बाजार एक ऐतिहासिक पहचान रखता है। पूरे बाजार की गलियों में बिजली के तारों का भारी जंजाल फैला हुआ है। कहीं-कहीं तो तार इतने नीचे लटकते हैं। बाजार की गलियां संकरी हैं और वहां नियमित सफाई नहीं होती। कूड़े का ढेर जगह-जगह जमा रहता है, जिससे बदबू और मच्छरों की समस्या बनी रहती है। कसेरान(बर्तन) बाजार वर्ष 1825 में स्थापित हुआ था और तब से यह सहारनपुर की व्यापारिक गतिविधियों का अहम केंद्र रहा है। करीब 200 वर्षों का इतिहास समेटे यह बाजार आज भी अपनी विरासत को सहेजे हुए है। यहां लगभग 60 दुकानों का संचालन होता है, जिनमें हलवाई और बर्तन और अन्य जरूरत की सामग्री की दुकानें शामिल हैं।
यह बाजार पुराने शहर की आत्मा कहा जा सकता है, जहां आज भी परंपराओं की गूंज और ग्राहकों की चहल-पहल नजर आती है। सबसे प्राचीन बाजार में सुविधाओं की कमी है। कुछ दुकानदार तो इतना निराश है कि उनका कहना है कि जैसा अंग्रेज छोड़कर गए थे, आज भी बाजार उसी स्थिति में है। कसेरान बाजार अपने छोटे आकार में बड़ी पहचान रखता है। यहां आने वाले ग्राहक सिर्फ खरीदारी करने नहीं आते, बल्कि वे इस बाजार की आत्मीयता और पुरानेपन में बसी संस्कृति को भी अनुभव करते हैं। यहां के हलवाई आज भी परंपरागत मिठाइयों का स्वाद बरकरार रखे हुए हैं। बर्तन और घरेलू सामान की दुकानों पर वर्षों से एक ही परिवार की पीढ़ियां काम कर रही हैं। बाजार की गलियों में घूमते हुए एक अलग ही जीवंतता महसूस होती है। लेकिन, इन सबके बीच कुछ समस्याएं ऐसी हैं, जो इस ऐतिहासिक बाजार की गरिमा को धुंधला कर रही हैं। पूरे बाजार की गलियों में बिजली के तारों का भारी जंजाल फैला हुआ है। कहीं-कहीं तो तार इतने नीचे लटकते हैं कि लोगों को सिर झुकाकर निकलना पड़ता है। यह स्थिति न केवल असुविधाजनक है, बल्कि खतरनाक भी है। बरसात के मौसम में यह खतरा और बढ़ जाता है, जब तारों से करंट लगने का डर बना रहता है। बाजार की गलियां संकरी हैं और वहां नियमित सफाई नहीं होती। कूड़े का ढेर जगह-जगह जमा रहता है, जिससे बदबू और मच्छरों की समस्या बनी रहती है। खासकर हलवाई की दुकानों के आसपास सफाई न होने से स्वच्छता पर भी सवाल उठते हैं। पूरे बाजार में कोई सार्वजनिक शौचालय उपलब्ध नहीं है। इससे दुकानदारों और आने वाले ग्राहकों, खासकर महिलाओं को खासी दिक्कत होती है। शौच के लिए दूसरे बाजारों का सहारा लेना पड़ता है। सीवर की उचित व्यवस्था न होने के कारण बारिश में जलभराव और बदबू की समस्या रहती है। पूरी बाजार में एक बेहतर ड्रेनेज सिस्टम बिछाया जाना चाहिए। बाजार में न तो पीने के पानी की कोई सुविधा है और न ही किसी तरह का वाटर कूलर उपलब्ध है। गर्मियों में यह समस्या और भी विकराल हो जाती है। दुकानदारों और ग्राहकों को पानी खरीदकर पीना पड़ता है या आसपास की दुकानों से मांगना पड़ता है। दुकानदारों का सुझाव है कि बाजार में दो-तीन स्थानों पर वाटर कूलर लगाए जाएं ताकि आने-जाने वालों को ठंडा और स्वच्छ पानी मिल सके। इससे स्वास्थ्य की दृष्टि से भी लाभ होगा। कसेरान बाजार सिर्फ एक खरीदारी स्थल नहीं, बल्कि सहारनपुर की ऐतिहासिक धरोहर है। यह बाजार न केवल आर्थिक दृष्टि से, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसके कायाकल्प की सख्त जरूरत है। नगर निगम, जनप्रतिनिधि और प्रशासन को मिलकर यहां मूलभूत सुविधाएं बहाल करनी चाहिए ताकि यह 200 साल पुराना बाजार आने वाले वर्षों में और मजबूती से खड़ा रह सके। ------- कर स्मार्ट सिटी वाले और सुविधाएं अंग्रेजों के जमाने वाली कसेरान बाजार के व्यापारी नगर निगम की कार्यशैली से खासा निराश हैं। उनका कहना है कि नगर निगम ने संपत्ति कर तो कई गुना बढ़ा दिया है, लेकिन सुविधाएं वहीं हैं जो अंग्रेजों के काल में थी। शहर को स्मार्ट बनाने में करोड़ों रुपये खर्च किए, लेकिन इस बाजार की ओर ध्यान नहीं दिया। व्यापारियों की मांग है कि महापौर और अधिकारी बाजार में आकर निरीक्षण करें। जिस अनुपात में टैक्स बढ़ाया है उसी अनुपात में सुविधाएं भी दी जाएं। ------------------- शौचालय की कमी करेसान बाजार में उत्तराखंड, हरियाणा और आसपास के शहर व ग्रामीण इलाकों से व्यापारी खरीदारी के लिए आते हैं। लेकिन पूरे बाजार में कोई सार्वजनिक शौचालय उपलब्ध नहीं है। इससे दुकानदारों और आने वाले ग्राहकों, खासकर महिलाओं को खासी दिक्कत होती है। कई बार लोगों को आसपास के घरों या दुकानों में शौच की अनुमति मांगनी पड़ती है, जो व्यावहारिक नहीं है। --------- बाजार की गलियां संकरी, नियमित सफाई भी नहीं होती बाजार की गलियां संकरी हैं और वहां नियमित सफाई नहीं होती। कूड़े का ढेर जगह-जगह जमा रहता है, जिससे बदबू और मच्छरों की समस्या बनी रहती है। खासकर हलवाई की दुकानों के आसपास सफाई न होने से स्वच्छता पर भी सवाल उठते हैं। व्यापारियों की मांग है कि बाजार में नियमित सफाई की जाए और बाजार के लिए अलग से सफाईकर्मियों की नियुक्ति की जाए। ------------------------------ समस्याए एवं सुझाव -तारों का जंजाल -गंदगी की समस्या -शौचालय की समस्या -सीवर की समस्या -पीने के पानी की समस्या सुझाव शौचालय का निर्माण कराया जाए नियमित सफाई कराई जाए सड़क निर्माण कराया जाए सीवर लाइन बिछाई जाए वाटर कूलर की व्यवस्था की जाए ---------------------------- प्रतिक्रियाएं वर्जन नगर निगम ने संपत्ति कर तो कई गुना बढ़ा दिया है, लेकिन सुविधाएं नहीं बढ़ाई। जिस हाल में अंग्रेज बाजार को छोड़कर गए, आज भी बाजार उसी हालत में है। कोई बदलाव नहीं हुआ। राकेश मक्कड़ आजादी से पहले से हमारी मिठाई की दुकान है। आज भी वही सुविधाएं हैं जो आज से करीब 75 साल पहले थी। स्मार्ट सिटी में करोड़ों रुपये खर्च हुए लेकिन हमारे बााजर की अनदेखी की गई है। -शिवेंद्र कपूर पूरे बाजार की गलियों में बिजली के तारों का भारी जंजाल फैला हुआ है। इन तारों को व्यवस्थित करने की आवश्यकता है। छोटी सी लापरवाही बड़ी दुर्घटना का कारण बन जाती है। -दीपक जैन बाजार में न तो पीने के पानी की कोई सुविधा है और न ही किसी तरह का वाटर कूलर उपलब्ध है। गर्मियों में यह समस्या और भी विकराल हो जाती है। रमित बिंदल सीवर लाइन नहीं होने के कारण बारिश के दिनों में बाजार में पानी भर जाता है। दुकान के सामने जलभराव हो जाता है, जिससे ग्राहक आना बंद कर देते हैं। यह स्थिति व्यापार पर भी असर डालती है। -अनुज कसेरान बाजार में दूसरे बाजार के मुकाबले सस्ता सामान मिलता है, लेकिन बाजार की समस्याओं को देखकर मन में निराशा होती है। सुविधाओं के मामले में यह बाजार काफी पीछे है। -धर्मवीर करीब 200 साल पुराना बाजार है। पहले इस बाजार को बियातियान बाजार के नाम से जाना जाता था। बदलते समय के साथ बाजार का नाम तो बदला, लेकिन तस्वीर नहीं बदली। -विजय मेहता बाजार में दो-तीन स्थानों पर वाटर कूलर लगाए जाएं ताकि आने-जाने वालों को ठंडा और स्वच्छ पानी मिल सके। इससे स्वास्थ्य की दृष्टि से भी लाभ होगा। विष्णु नगर निगम और जनप्रतिनिधियों को मिलकर यहां मूलभूत सुविधाएं बहाल करनी चाहिए ताकि यह 200 साल पुराना बाजार आने वाले वर्षों में और मजबूती से खड़ा रह सके। -अश्विनी मेहता कसेरान बाजार सिर्फ एक खरीदारी स्थल नहीं, बल्कि सहारनपुर की ऐतिहासिक धरोहर है। यह बाजार न केवल आर्थिक दृष्टि से, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसके कायाकल्प की सख्त जरूरत है। -आनंद मेहता बाजार की सड़कें जर्जर हालत में हैं। जगह-जगह गड्ढे हैं और बारिश में कीचड़ फैल जाता है। सड़क का पुनर्निर्माण किया जाना जरूरी है ताकि बाजार में चलना फिरना आसान हो सके। -उमेश रोहिल्ला नगर निगम को यहां नियमित सफाई व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए। इसके लिए सफाई कर्मचारी की स्थायी नियुक्ति होनी चाहिए, जो प्रतिदिन बाजार की सफाई करे। -शलभ सिंघल गर्मी में पानी की सबसे ज्यादा दिक्कत होती है। न पीने का इंतजाम है, न शौचालय। कई ग्राहक इसी वजह से जल्दी चले जाते हैं। यदि सुविधा हो तो कारोबार में और बढ़ोतरी होगी। -नरेंद्र गोयल बाजार में शौचालय की सुविधा नहीं है। बाजार में एक सार्वजनिक शौचालय का निर्माण जरूरी है। यह दुकानदारों के साथ-साथ ग्राहकों के लिए भी बड़ी राहत का काम करेगा। -वासु गोयल सीवर की उचित व्यवस्था न होने के कारण बारिश में जलभराव और बदबू की समस्या रहती है। पूरी बाजार में एक बेहतर ड्रेनेज सिस्टम बिछाया जाना चाहिए। -मुकेश कंटेंट-मनोज नरुला/फोटो-एच.शंकर शुक्ल
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