जिस भाई ने बहन को किया था विदा, अब दुनिया से हो गया अलविदा
Sambhal News - जियानगला गांव में एक दुखद घटना में, सोनू बाल्मीकि की मौत एक तेज रफ्तार वाहन की टक्कर से हुई, जब उसने अपनी बहन को विदा किया। सोनू परिवार का सहारा था और उसकी जिम्मेदारियों का बोझ उसके कंधों पर था।...

जियानगला गांव में शनिवार सुबह ऐसा मातम पसरा कि खुशियों से भरा आंगन कुछ ही घंटों में शोक में बदल गया। शुक्रवार को बहन की डोली उठी थी और शनिवार को उसी भाई की अर्थी उठ गई, जिसने आंखों में आंसू लिए अपनी बहन को विदा किया था। 25 वर्षीय सोनू बाल्मीकि अपने परिवार का सहारा था। तीन भाइयों में मंझला था और सबसे अधिक जिम्मेदारी उसी के कंधों पर थी। उसके पिता वीरपाल खेतों में मजदूरी करते हैं, और मां सुनीता देवी घर संभालती हैं। परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर है, लेकिन सोनू ने कभी किसी बात की शिकायत नहीं की।
शादी के एक दिन बाद वह अपने मामा को उनके गांव छोड़कर वापस लौट रहा था कि गुन्नौर-हीरापुर के पास एक तेज रफ्तार वाहन ने उसकी बाइक को टक्कर मार दी। सिर पर हेलमेट नहीं होने के कारण मौके पर ही उसकी मौत हो गई। सबसे दुखद बात यह रही कि सड़क से गुजर रहे लोग मदद करने के बजाय मोबाइल से वीडियो बनाते रहे। परिवार ने प्रशासन से आर्थिक सहायता और उचित कार्रवाई की मांग की है। पुलिस ने मामला दर्ज कर सीसीटीवी फुटेज खंगालने की बात कही है और आरोपी की जल्द गिरफ्तारी का आश्वासन दिया है। बहन को विदा किया, लेकिन खुद नहीं लौटा सोनू की बहन गौरी की बारात गुरुवार को आई थी। परिवार में शादी की खुशी का माहौल था। सोनू ने ही अपनी बहन को डोली में बैठाकर ससुराल विदा किया था। लेकिन जब भाई की मौत की खबर पहुंची, तो गौरी बिना विदा लिए ही मायके लौट आई। उसकी आंखों से आंसू थम नहीं रहे थे। वह बार-बार यही कहती रही भैया ने हाथों से विदा किया था, अब कौन रक्षाबंधन पर मेरी कलाई सजाएगा? संघर्ष में बीता जीवन, सपना था बहन की पढ़ाई और विवाह सोनू मेहनती और जिम्मेदार बेटा था। उसने आधा दिन खेतों में काम किया और आधा दिन मजदूरी, ताकि बहन की शादी अच्छे से हो सके। उसका सपना था कि छोटी बहन को भी पढ़ाए और भाई को नौकरी लगवाए। लेकिन एक झटके में सारे सपने अधूरे रह गए।
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