सीएम योगी के दौरे के दो दिन पहले बहराइच में विस्फोटकों का जखीरा बरामद, 70 हिरासत में
सीएम योगी के दौरे के दो दिन पहले बहराइच में विस्फोटकों का जखीरा बरामद किया गया है। विस्फोटक अमोनियम नाइट्रेट का जखीरा मिला है। पुलिस ने जब्त कर करीब 70 लोगों को हिरासत में लिया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मंगलवार (10 जून) को बहराइच जिला भ्रमण से दो दिन प रविवार को विस्फोटक अमोनियम नाइट्रेट का जखीरा मिलने से हड़कम्प मच गया। पुलिस ने इसे फिलहाल जब्त कर करीब 70 लोगों को हिरासत में लिया है। महसी के विधायक सुरेश्वर सिंह ने मुख्यमंत्री का दौरा रद्द करने के लिए उच्चाधिकारियों से बात की है।
मामला महसी के हरदी थाने के सिकंदरपुर गांव का है। यहां कई गांवों में 20 से अधिक जगहों पर कुछ बाहरी लोग जो कंपनी के बताए जा रहे हैं, बोरिंग कर कुछ सामान डालकर तार बिछा रहे थे। ग्रामीणों के पूछने पर बताया कि यहां विस्फोट होगा फिर तेल का पता चलेगा। ग्रामीणों को आशंका हुई तो विधायक को सूचना दी। विधायक ने जानकारी ली तो पता चला कि अल्फा जिओ इंडिया लिमिटेड कंपनी ने बिना पूर्व सूचना तेल खोजने के लिए कई गांवों में बोरिंग कर अमोनियम नाइट्रेट डाला है। धमाके का समय शाम चार बजे था। सिकंदरपुर पहुंचे विधायक सुरेश्वर सिंह ने प्रशासन से अनुमति की जानकारी ली तो पता चला कि प्रशासन को पता ही नहीं है। कंपनी की गाड़ियों में पांच सौ किलो अमोनियम नाइट्रेट भी मिला है। लोगों ने एक पत्र दिखाया जो आयल इंडिया लिमिटेड द्वारा अल्फा जिओ इंडिया लिमिटेड को यह काम करने के लिए दिया गया था। बिना पूर्व सूचना विस्फोटक मिलने से हड़कंप मच गया।
पुलिस ने माना, कंपनी ने नहीं दी जानकारी
देर रात पुलिस अधीक्षक मीडिया प्रकोष्ठ की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि भारतीय पेट्रोलियम, नेचुरल गैस मंत्रालय द्वारा गंगा पंजाब बेसिन में हाइड्रोकार्बन संसाधनों की खोज को मिशन अन्वेषण के अंतर्गत आयल इंडिया लिमिटेड को अधिकृत किया गया है। सर्वे के लिए अल्फा इंडिया लिमिटेड को अधिकृत किया गया है। कंपनी को बहराइच आदि जिलों में सर्वे का कार्य दिया गया। ग्रामीणों को पता चला कि यहां धमाका होगा तो शंका करते हुए विरोध किया। सूचना पर पुलिस-प्रशासन के लोग पहुंचे और कंपनी के सभी कर्मियों को सुरक्षित वहां से निकाला गया। कंपनी ने स्थानीय पुलिस-प्रशासन को कार्य शुरू करने से पहले सूचना देने और सुरक्षा के लिए पुलिस बल प्राप्त करने की गाइडलाइन नहीं मानी गई। इससे असहज स्थिति उत्पन्न हुई। जांच जारी है।
अपर जिलाधिकारी गौरव रंजन श्रीवास्तव ने बताया कि तेल कंपनी द्वारा यहां सर्वे का काम किए जाने की जानकारी पहले नहीं दी गई थी। मामला प्रकाश में आते ही जांच के सभी दस्तावेज मंगाए गए हैं।
एसएचओ संजय सिंह ने बताया कि कंपनी में काम करने वाले 50 से अधिक लोगों से पूछताछ हो रही है। कंपनी ने कार्य रोक दिया है। जांच की जा रही है। कोई प्रतिकूल तथ्य प्रकाश में नहीं आए हैं।