आपसी सहयोग से शिक्षकों की टीम ने 20 परिवारों की मदद की
Sambhal News - उत्तर प्रदेश के शिक्षकों की टीम 'टीचर सेल्फ केयर टीम' ने संकट में फंसे शिक्षकों के परिवारों की मदद की है। इस टीम ने बिना किसी सरकारी सहायता के, आपसी सहयोग से 20 परिवारों को 9.60 करोड़ रुपए की आर्थिक...

अक्सर मदद के लिए सरकार की ओर टकटकी लगाए बैठे समाज में अगर कोई बिना अपेक्षा के किसी का संबल बन जाए, तो वह सेवा नहीं बल्कि सच्ची श्रद्धा बन जाती है। उत्तर प्रदेश के हजारों शिक्षकों की टीम ने ‘टीचर सेल्फ केयर टीम के रूप में ऐसा ही एक प्रेरक उदाहरण पेश किया है। यह टीम न तो किसी संस्था से अनुदान लेती है और न ही सरकारी सहायता की मोहताज है, बल्कि आपसी सहयोग से जरूरतमंद शिक्षकों के परिवारों का सहारा बनती है। शिक्षक अब सिर्फ कक्षा में ज्ञान नहीं बांट रहे, बल्कि संकट की घड़ी में साथ खड़े होकर साथी को कभी अकेला न छोड़ने का संकल्प भी निभा रहे हैं।
यही वजह है कि प्रदेश के हर जिले में यह टीम अपनी सेवा और सहयोग के लिए मिसाल बन चुकी है। अप्रैल माह में असमोली ब्लॉक के चंदवार की मढैया गांव के प्राथमिक विद्यालय में नियुक्त शिक्षामित्र संजीव कुमार के निधन के बाद जब परिवार पर विपत्तियों का पहाड़ टूटा, तब 'टीचर सेल्फ केयर टीम' ने परिवार को 49 लाख रुपए की आर्थिक सहायता पहुंचाई। यह सहयोग उस समय आया जब उम्मीदें लगभग टूट चुकी थीं। टीएससीटी के जिला सह संयोजक नईमउद्दीन अली ने बताया कि अप्रैल महीने में पूरे प्रदेश में 20 शिक्षक परिवारों को कुल 9.60 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता दी गई। यह सहायता किसी संस्था या सरकार की ओर से नहीं, बल्कि शिक्षकों के आपसी विश्वास और सहयोग का परिणाम है। यह आंकड़ा केवल आर्थिक मदद का नहीं, बल्कि संवेदना और एकजुटता का प्रतीक है। हम मदद नहीं, दायित्व निभा रहे: जिला सह संयोजक टीएसीटी के जिला सह संयोजक ने बताया, यह केवल एक टीम नहीं, बल्कि जीवन का सच्चा सुरक्षा कवच है। हम किसी पर एहसान नहीं कर रहे, बल्कि शिक्षक समुदाय के प्रति अपना उत्तरदायित्व निभा रहे हैं। यह पहल इस बात का प्रमाण है कि जब समाज का बौद्धिक वर्ग संगठित होकर पहल करता है, तो वह न केवल बदलाव लाता है, बल्कि उम्मीदों का नया सूरज भी उगाता है। शिक्षक अब केवल पाठशालाओं तक सीमित नहीं, बल्कि संकट में साथी के साथ खड़े होकर एक नई सामाजिक क्रांति के वाहक बन रहे हैं। यह टीम न केवल शिक्षकों की सुरक्षा बन चुकी है, बल्कि समाज को भी यह संदेश दे रही है कि सेवा, सहयोग और समर्पण मिलकर वह कर सकते हैं, जो किसी योजना या अनुदान से संभव नहीं। जिले के इतने शिक्षक व कर्मचारियों ने किया सहयोग ब्लॉक सहयोग संभल - 502 असमोली - 440 बनियाखेड़ा - 424 पंवासा - 360 जुनावई - 308 रजपुरा - 306 गुन्नौर - 270 बहजोई - 253 कुल - 2863
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