आशा के साथ मारपीट के चार आरोपी दोषसिद्ध
Santkabir-nagar News - संतकबीरनगर जिले में एक आशा बहू के साथ गाली देकर मारपीट करने के चार आरोपियों को कोर्ट ने दोषी ठहराया। मां-बेटे समेत चारों आरोपियों को छह माह की परिवीक्षा पर छोड़ा गया, साथ ही उन्हें 4000 रुपए की...
संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। संतकबीरनगर जिले की आशा बहू के साथ गाली देकर मारपीट करने के मां बेटे समेत चार आरोपियों को एडीजे व विशेष न्यायाधीश एससीएसटी एक्ट भूपेन्द्र राय की कोर्ट ने दोष द्ध करार देते हुए सशर्त छह माह के परिवीक्षा पर छोड़ने का फैसला सुनाया। आरोपी बेटा अरमान, मां सायरा बानो, इमरान व मुफीद को सदाचरण बनाए रखने की शर्त पर 25-25 हजार रुपए के व्यक्तिगत बंधपत्र व समान धनराशि के दो जमानतनामा पर एससीएसटी एक्ट की कोर्ट ने रिहा किया। परिवीक्षाकाल के दौरान कोई अपराध कारित करने पर दण्डादेश के बिन्दु पर आदेश पारित करने का भी फैसला दिया।
इसके साथ ही कोर्ट ने प्रत्येक आरोपी को एक-एक हजार कुल चार हजार रुपए क्षतिपूर्ति के रूप में वादिनी मुकदमा को देने का भी फैसला दिया। प्रकरण में पुलिस ने अंतिम रिपोर्ट लगाया था। परिवाद के रूप में मुकदमे का विचारण हुआ। कोर्ट ने आरोपियों को छेड़छाड़ व एससीएसटी एक्ट के आरोप में दोषमुक्त करने का भी फैसला दिया। विशेष लोक अभियोजक एससीएसटी एक्ट आशीष प्रसाद पांडेय ने बताया कि प्रकरण में अनुसूचित जाति की आशा बहू बिन्दू भारती ने अभियोग पंजीकृत कराया था। पीड़िता का आरोप था कि पचपोखरी बाजार थाना दुधारा में मकान बना कर रहती है। दिनांक 16 मार्च 2014 को समय लगभग सात बजे शाम को मोबाइल पर फोन आया कि हमारे घर की औरत प्रसव पीड़ा से परेशान है। फोन करने वाले ने अपना नाम अब्दुल कादिर बताया। वादिनी उनके घर पंहुची तो पुरानी रंजिश को लेकर अपमानित करने की नीयत से जाति सूचक गाली देने लगे। गाली देने से मना करने पर अब्दुल कादिर, अरमान पुत्र अब्दुल कादिर, सायरा बानो पत्नी अब्दुल कादिर, इमरान पुत्र इनामुद्दीन व मुफीद पुत्र अब्दुल लतीफ लात-मूका व डण्डा से मारने लगे। तेजाब डालकर जलाने का प्रयास किया। पीड़िता के भाई अजय भारती ने बोतल छीन लिया। आरोपियों ने भाई को भी गाली देते हुए मारा पीटा। आरोपियों के मारने से वादिनी बेहोश हो गई। पुलिस ने छेड़छाड़, मारपीट व जाति सूचक गाली देने के मामले में एससीएसटी एक्ट का अभियोग पंजीकृत किया। मामले में आरोपियों के दबाव में पुलिस क्षेत्राधिकारी ने अंतिम रिपोर्ट लगा दिया था। पीड़िता द्वारा कोर्ट में फरियाद करने पर कोर्ट ने परिवाद के रूप में आरोपियों का विचारण किया। विशेष लोक अभियोजक एससीएसटी एक्ट आशीष प्रसाद पांडेय ने बताया कि अभियोजन ने कुल चार साक्षी न्यायालय में प्रस्तुत किया। एडीजे व विशेष न्यायाधीश एससीएसटी एक्ट भूपेन्द्र राय की कोर्ट ने सुनवाई के पश्चात आरोपियों को दोषसिद्ध करार देते हुए छह माह के परिवीक्षा पर छोड़ने का फैसला सुनाया।
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