अभी 63 हजार को खाते में धन आने का इंतजार
Santkabir-nagar News - संतकबीरनगर जिले के परिषदीय स्कूलों में 1 लाख 3 हजार 886 बच्चों का नामांकन हुआ है। डीबीटी के माध्यम से 40 हजार 886 बच्चों के खातों में 1200 रुपये भेजे गए, जबकि 63 हजार बच्चों को अब तक धनराशि नहीं मिली...
संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। संतकबीरनगर जिले के परिषदीय स्कूलों में 1 लाख 3 हजार 886 बच्चों का नामांकन किया गया है। इन छात्रों को डीबीटी के माध्यम से खोते में 12- 12 सौ रूपये भेजे जाने हैं। इनमें से 40 हजार 886 छात्रों के खाते में सोमवार को पैसा जा चुका है। वहीं करीब 63 हजार छात्रों के खाते में यह धनराशि नहीं पहुंच सकी है। इसके लिए उन्हें अभी इंतजार करना पड़ सकता है। ऐसे बच्चों को परेशानी उठानी पड़ रही है। इन्हे ड्रेस और जूते-मोजे खरीदने के लिए इंतजार करना पड़ पड़ेगा। अधिकांश छात्रों के अभिभावकों के खाते आधार से लिंक न होने के कारण भी पैसा न पहुंचने का कारण बना हुआ है।
जिले के परिषदीय विद्यालयों में 1 लाख 3 हजार 886 बच्चों का नामांकन किया गया है। नए सत्र के संचालन के बाद से लाखों बच्चों और उनके अभिभावकों को डीबीटी की धनराशि का इंतजार था, ताकि वे इस धनराशि से बच्चों के लिए ड्रेस, जूता-मोजा आदि सामग्री खरीद सकें। नए सत्र सोमवार को शासन की ओर से प्रदेश के सभी जिलों के बच्चों के लिए धनराशि भेजी गई। इसके तहत जिले के करीब 40 हजार 886 बच्चों के अभिभावकों के खाते में 1200 रुपये प्रति छात्र की दर से डीबीटी की धनराशि भेजी गई। करीब 63 हजार बच्चों को अभी तक डीबीटी का पैसा नहीं मिला पाया है। इन छात्रों को इस योजना के लाभ के लिए अभी लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। इन छात्रों का वेरीफिकेशन व आधार सीडिंग का काम बाकी है। काफी संख्या में नए छात्रों का विद्यालयों में नामांकन तो हुआ है, मगर वे पोर्टल पर दर्ज नहीं हैं। जिले के परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले जिन बच्चों के अभिभावकों के खातों में डीबीटी का पैसा भेजा गया है। अब उन बच्चों के प्रति शिक्षकों की जिम्मेदारी बढ़ गई है। विभाग डीबीटी के पैसे के सदुपयोग के लिए अभिभावकों को प्रेरित करना है। हालांकि अब शिक्षक परेशान है। जिन बच्चों के अभिभावकों के खाते आधार से लिंक नहीं हैं उन्हें लिंक कराना है। डीबीटी के जानकारी सीड करानी। जो अभी वंचित हैं उन छात्रों को जूते मोजे खरीदने के लिए अगल-बगल झांकने पड़ेंगे। बीएसए अमित कुमार सिंह ने बताया कि सभी प्रधानाध्यापकों को निर्देश दिया गया है कि बचे हुए छात्रों के अभिभावकों के खातों को आधार से लिंक कराएं। डीबीटी की फीडिंग पूरी करें जिससे जल्द से जल्द सभी के खातों में धनराशि भेजी जा सके।
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