Struggling for Basic Amenities Residents of Chhoti Kelabadi Munger Demand Urgent Attention बोले मुंगेर : बारिश में सड़कों पर होता है कमर भर पानी, निकासी की नहीं है व्यवस्था, Bhagalpur Hindi News - Hindustan
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बोले मुंगेर : बारिश में सड़कों पर होता है कमर भर पानी, निकासी की नहीं है व्यवस्था

मुंगेर का छोटी केलाबाड़ी मोहल्ला, जिसकी आबादी लगभग 15,000 है, बुनियादी सुविधाओं के अभाव में जूझ रहा है। नल-जल, सड़क, जल निकासी, और सीवरेज की समस्याएं लोगों के जीवन को कठिन बना रही हैं। बरसात में...

Newswrap हिन्दुस्तान, भागलपुरThu, 29 May 2025 10:36 PM
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बोले मुंगेर : बारिश में सड़कों पर होता है कमर भर पानी, निकासी की नहीं है व्यवस्था

मुंगेर का छोटी केलाबाड़ी मोहल्ला, जिसकी आबादी लगभग 15,000 है, आज भी बुनियादी सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रहा है। नल-जल योजना, सड़क निर्माण, जल निकासी, सीवरेज और स्ट्रीट लाइट जैसी आवश्यक सेवाओं की बदहाली ने इस क्षेत्र के लोगों का जीवन कठिन बना दिया है। बरसात के दिनों में जलजमाव, बाढ़, मुआवजा वितरण में अनियमितता और सरकारी योजनाओं की असफलता, ये सभी मिलकर इस मोहल्ले की उपेक्षा की कहानी बयां करते हैं। हिन्दुस्तान के साथ संवाद के दौरान यहां के निवासियों ने अपनी समस्या बताई। साथ ही प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की। 15 हजार है छोटी केलाबाड़ी की आबादी 06 हजार है यहां मतदाताओं की संख्या 05 सौ घरों में नल-जल कनेक्शन नहीं संवाद में लोगों ने बताया कि छोटी केलाबाड़ी की आबादी करीब 15,000 है और यहां मतदाताओं की संख्या लगभग 6,000 है।

ये आंकड़े तो बड़े लगते हैं, लेकिन हकीकत यह है कि हमारा मोहल्ला और हम लोग आज भी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सबसे बड़ी परेशानी नल-जल योजना से जुड़ी है। सरकार ने कहा था कि हर घर में नल से जल पहुंचेगा, लेकिन इस मोहल्ले में करीब 500 घरों में अब तक कनेक्शन ही नहीं हुआ। जहां कनेक्शन हुआ भी है, वहां पानी नहीं आ रहा है। दो वर्षों से पाइप डाले हुए हैं, जिनमें अब तो जंग भी लग चुका है। यह योजना एक सपना था, जो अब भ्रष्टाचार की नींव में दफन होता जा रहा है। नगर निगम में शिकायत करने पर भी समस्या का समाधान नहीं होता है। घर घुस आता है बरसात का पानी : उन्होंने बताया कि बरसात के समय हमारी जिंदगी रुक सी जाती है। सड़कों पर कमर भर पानी भर जाता है, गलियों में गंदा पानी भरा रहता है और कई बार तो घरों में भी घुस जाता है। बाढ़ आती है, लोग परेशान होते हैं, घरों में पानी घुसता है, लेकिन मुआवजा उन्हें ही मिलता है जिनके घर सूखे रहते हैं। जिनके घर सच में डूबते हैं, उन्हें तो कोई पूछता तक नहीं है। मोहल्ले में नाले-नालियों का निर्माण आज तक नहीं हुआ है। कुछ सड़कें ऐसी हैं जिनके किनारे से पानी निकलने का कोई रास्ता ही नहीं है। गंदगी जमा रहती है, मच्छर पनपते हैं, बीमारियां फैलती हैं और लोग परेशान होते हैं। ऊपर से सीवरेज की हालत यह है कि कहीं कनेक्शन नहीं हुआ है, तो कहीं लीकेज हो रहा है। सड़कों एवं गलियों की स्थिति भी दयनीय है। अधिकांश सड़कें और गलियां जर्जर हो चुकी हैं, इनके पुनर्निर्माण की ओर किसी का ध्यान नहीं है। सुरक्षा के लिए नहीं लगे हैं सीसीटीवी कैमरे: यहां की अधिकांश स्ट्रीट लाइटें भी महीनों से बंद हैं। रात में अंधेरा रहता है। अंधेरे का फायदा चोर उठाते हैं और चोरी की घटनाएं हो जाती हैं। हम लोग हमेशा चोरी होने के भय के साए में जीते हैं। शिकायत के लिए नंबर दिया गया है, लेकिन फोन न तो लगता है और न ही कोई जवाब मिलता है। हमें देखने-सुनने वाला कोई नहीं है। अपराध पर निगरानी के लिए कहीं सीसीटीवी कैमरा भी नहीं लगा है। सुरक्षा तंत्र पूरी तरह से नदारद है। हम थक चुके हैं। चुनाव के वक्त नेता आते हैं, वादे करते हैं, पर काम कोई नहीं करता। हम पूछते हैं कि क्या हम इंसान नहीं हैं? क्या हमारे मोहल्ले की तकलीफें किसी को नहीं दिखतीं? हम सरकार से, नगर निगम प्रशासन से, और समाज से सिर्फ यही कहना चाहते हैं कि हम छोटी केलाबाड़ी के निवासी हैं, लेकिन हमारी तकलीफें बहुत बड़ी हैं। कृपया हमें नजरअंदाज न करें। छोटी केलाबाड़ी के निवासियों के साथ हुए संवाद से स्पष्ट होता है कि यह मोहल्ला आज भी विकास की दौड़ में पीछे छूटता जा रहा है। सरकारी योजनाएं जमीनी स्तर पर केवल नाम मात्र की रह गई हैं। ऐसे में, योजनाओं में पारदर्शिता, जवाबदेही और नागरिक भागीदारी की सख्त आवश्यकता है। यह केवल छोटी केलाबाड़ी की नहीं, बल्कि उन सभी उपेक्षित इलाकों की कहानी है जो अभी भी ‘विकास की परिभाषा से कोसों दूर हैं। शिकायत 1. मोहल्ले में लगभग 500 घरों में नल-जल योजना का कनेक्शन नहीं हुआ है, और जहां हुआ है, वहां पानी की आपूर्ति नहीं हो रही है। 2. बारिश और बाढ़ के दिनों में कमर तक पानी भर जाता है, गलियों और घरों में पानी घुस जाता है, पर मुआवजा नहीं मिलता। 3. मोहल्ले की कई सड़कों के किनारे अब तक नाले नहीं बने हैं, जिससे पानी जमा रहता है और रास्ते खराब हो जाते हैं। 4. कई घरों में सीवरेज का कनेक्शन नहीं है, और जहां है, वहां लीकेज एवं ओवरफ्लो की समस्या बनी हुई है। 5. मोहल्ले में करीब 10 स्ट्रीट लाइटें बंद हैं, जिससे रात में अंधेरा और असुरक्षा का माहौल बन जाता है। सुझाव 1. सभी घरों में नल-जल योजना का कनेक्शन दिया जाए और जहां कनेक्शन है वहां नियमित पानी की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। 2. जल निकासी की मजबूत व्यवस्था, नियमित नाले की सफाई और बाढ़ग्रस्त परिवारों को सही सर्वे के बाद मुआवजा दिया जाए। 3. जहां अब तक नाले और सड़कें नहीं बनी हैं, वहां तुरंत निर्माण कार्य शुरू कराया जाए ताकि जलजमाव की स्थिति न हो। 4. सभी घरों में सही ढंग से सीवरेज कनेक्शन दिया जाए और लीकेज की मरम्मत की जाए, ताकि गंदगी और बीमारी से बचाव हो। 5. बंद पड़ी स्ट्रीट लाइटों को तुरंत चालू किया जाए और नियमित निरीक्षण की व्यवस्था हो ताकि रात में सुरक्षा बनी रहे। हमारी भी सुनें बाढ़ के समय मोहल्ले में कमर भर पानी भर जाता है और घरों में पानी घुस जाता है। लेकिन मुआवजा नहीं मिलता, उल्टा जिनके घर में पानी नहीं घुसता, उन्हें मुआवजा दिया जाता है। -शंभू यादव कई घरों में नल-जल योजना का कनेक्शन अब तक नहीं पहुंचा है। जिन घरों में कनेक्शन है, वहां भी पानी नहीं आ रहा है और समझ नहीं आता शिकायत कहां करें। -शंकर कुमार नल-जल और सीवरेज का कनेक्शन किया गया है, लेकिन लीकेज के कारण पानी सड़कों पर बहता है। इससे रास्ते गंदे और फिसलन भरे हो जाते हैं। -उदय कुमार हमारे घर में नल-जल कनेक्शन है, लेकिन पानी नहीं आता और बुडको का टोल फ्री नंबर भी नहीं पता। समझ में नहीं आता कि आखिर शिकायत कहां और किससे करें। -दिनेश सिंह राशन कार्ड पर राशन लेने जाते हैं तो पूरा राशन नहीं दिया जाता, बल्कि काटकर दिया जाता है। शिकायत कहां करें और कौन सुनेगा, यह किसी को नहीं पता। -किरण देवी मोहल्ले में कई जगह अब तक नाले का निर्माण नहीं हुआ है। बरसात में छोटे नालों के कारण जलजमाव की गंभीर समस्या हो जाती है। -मो. सैजाद डीलर द्वारा राशन कम दिया जाता है और कभी-कभी दो लोगों का राशन भी नहीं मिलता। जरूरतमंदों को राशन नहीं मिल पाता, लेकिन जिन्हें जरूरत नहीं है, उन्हें मिलता है। -उदय कुमार साव हम जीविका में काम करते हैं, साहब लोगों के घरों में खाना बनाकर घर चलाते हैं। सरकार की ऋण योजनाओं की कोई जानकारी नहीं मिल पाती। -सुनीता देवी पानी की भारी किल्लत है, घर से बाहर सरकारी चापाकल से पानी लाना पड़ता है। हमारे घर में नल-जल योजना का कनेक्शन भी नहीं हुआ है। -गीता देवी सड़क और नाले की सफाई होती है, लेकिन कुछ गलियों में आज तक नाला नहीं बना। इससे बरसात में पानी सड़क पर बहता रहता है। -धतिया देवी पानी की बहुत दिक्कत है और कुछ दबंगों ने हमारे घरों पर कब्जा कर लिया है। पुलिस आती तो है, लेकिन देखकर चली जाती है और कोई कार्रवाई नहीं होती। -उषा केसरी नाला खुला रहता है, जिससे शाम को मच्छर बहुत परेशान करते हैं। पानी भी नहीं मिलता और निगम छिड़काव भी नहीं कराता है। -अजय रजक नल-जल का कनेक्शन कुछ घरों में हुआ है, लेकिन पानी नहीं आता और कई घरों में कनेक्शन ही नहीं है। योजना अधूरी और बेअसर साबित हो रही है। -संजीव नाला जाम रहता है और सफाई नहीं होती है, जिससे गंदगी फैलती है। नल-जल और सीवरेज योजना भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है। -राजीव रंजन मोहल्ले में दर्जनों स्ट्रीट लाइटें खराब पड़ी हैं, जिससे रात में गलियों में अंधेरा रहता है। इससे डर और असुरक्षा का माहौल बन जाता है। -पंकज कुमार छोटी केलाबाड़ी से मछली तालाब तक की सड़क काफी जर्जर हो चुकी है। बाहर से आने वाले लोग घूमने आते हैं, लेकिन उन्हें काफी कठिनाइयां होती हैं। -नयन कुमार बोले समाजसेवी छोटी केलाबाड़ी वार्ड नंबर 11 में कई गंभीर समस्याएं हैं, जिन पर मेयर साहिबा को ध्यान देने की आवश्यकता है। यहां की सड़क 12 वर्षों से जर्जर है, लोगों के घरों तक पानी नहीं पहुंच रहा है, और नाले जाम पड़े हैं। स्थानीय लोग इन समस्याओं से बेहद परेशान हैं और जागरूक भी नजर आ रहे हैं। इन सभी समस्याओं से जिलाधिकारी को आवेदन देकर अवगत कराया जाएगा। -कुंवर चंद्रेश बोले जिम्मेदार: नल-जल की समस्या को लेकर कंट्रोल रूम बनाया गया है, जिसका टोल फ्री नंबर- 1800-123-1121 है। जिनके घरों तक पानी नहीं पहुंच रहा है, वे इस नंबर पर संपर्क कर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। जहां-जहां मरम्मत की आवश्यकता है, वहां कार्य कराया जा रहा है। सभी संवेदकों के साथ बैठक भी की गई है और जल्द ही पानी से जुड़ी समस्याएं दूर कर दी जाएंगी। जहां तक सफाई और स्ट्रीट लाइट की शिकायत है, उसकी जांच करवाई जा रही है। -शिवाक्षी दीक्षित, नगर आयुक्त, मुंगेर बोले मुंगेर फॉलोअप मुंगेर के मूर्तिकारों की नहीं सुधरी स्थिति मुंगेर, एक संवाददाता। आधुनिकता की तेज रफ्तार और बदलते सामाजिक परिवेश में मुंगेर के परंपरागत मूर्तिकारों का व्यवसाय आज संकट के दौर से गुजर रहा है। कभी समाज में विशेष स्थान रखने वाले लगभग 200 से अधिक मूर्तिकार आज मिट्टी की अनुपलब्धता, लागत में बढ़ोतरी, स्थायी बाजार की कमी और सरकारी उपेक्षा के कारण अपने पुश्तैनी पेशे को छोड़ने को मजबूर हो गए हैं। इनकी समस्याओं को बीते 12 अप्रैल को हिन्दुस्तान समाचार-पत्र ने बोले मुंगेर अभियान के तहत प्रमुखता से प्रकाशित की थी। इस संबंध में जिलाधिकारी ने आश्वासन दिया था कि शीघ्र ही उनकी समस्याओं का समाधान किया जाएगा। इसके लिए उन्हें आकर हमें आवेदन देना होगा। अब एक महीने से अधिक समय बीत जाने के बाद स्थिति यह है कि मूर्तिकार मांग तो कर रहे हैं, लेकिन इसके लिए आवेदन जिलाधिकारी को देने में पीछे रह रहे हैं। मिली जानकारी के अनुसार अभी तक मूर्तिकारों ने जिलाधिकारी को आवेदन नहीं दिया है। ऐसे में उनकी समस्याएं जस-की-तस पड़ी हुई हैं। अभी तक उनका समाधान नहीं हुआ है। जिलाधिकारी को स्वयं संज्ञान लेकर मूर्तिकारों की समस्या दूर करने की पहल करनी चाहिए।

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