विकसित भारत का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र में बिजली आवश्यक
Santkabir-nagar News - संतकबीरनगर में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने निजीकरण के खिलाफ धरना दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का विकसित भारत का लक्ष्य बिजली को सार्वजनिक क्षेत्र में बनाए रखते हुए पूरा किया जा सकता...

संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। संतकबीरनगर जिले के अधीक्षण अभियंता कार्यालय परिसर में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने निजीकरण को लेकर धरना दिया। इस दौरान ऊर्जा मंत्री के वक्तव्य पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री का विकसित भारत का लक्ष्य बिजली को सार्वजनिक क्षेत्र में बनाए रखते हुए ही पूरा किया जा सकता है। बिजली आपूर्ति का हर दिन नया कीर्तिमान सार्वजनिक क्षेत्र में ही बिजली कर्मी बना रहे हैं। यदि कोई विफलता है तो प्रबंधन की है, और प्रबंधन की विफलता निजीकरण का आधार नहीं बन सकती। अध्यक्षता कर रहे इं. राजेश कुमार ने कहा है कि किसानों, उपभोक्ताओं और बिजली कर्मियों की आगामी 22 जून को लखनऊ में होने वाली बिजली महापंचायत में प्रधानमंत्री के विकसित भारत का लक्ष्य और सार्वजनिक क्षेत्र में बिजली यह एक महत्वपूर्ण विषय होगा।
बिजली महापंचायत का खुला निमंत्रण ऊर्जा मंत्री को है। ऊर्जा मंत्री बिजली महापंचायत में आमंत्रित हैं। वह बयान देने के बजाय बिजली महापंचायत में आकर बताएं कि बिजली के निजीकरण से किस प्रकार किसानों, उपभोक्ताओं और बिजली कर्मचारियों का भला होने जा रहा है। इं. बेचन प्रसाद ने ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा के इस वक्तव्य पर कि निजी क्षेत्र के पास बेहतर तकनीक और प्रबंध कौशल है, अतः बिजली के निजीकरण का निर्णय लिया गया है, पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि प्रबंध कौशल में कोई कमी है तो वह प्रबंधन की है अतः प्रबंधन की कमी के आधार पर उत्तर प्रदेश के बेहद गरीब 42 जनपदों पर बिजली का निजीकरण क्यों थोपा जा रहा है। झूठे आंकड़े और बिजली कर्मियों को धमकी देकर निजीकरण नहीं किया जा सकताहै। प्रदुम्न कुमार ने कहा कि ऊर्जा मंत्री कह रहे हैं कि निजीकरण की प्रक्रिया पारदर्शी है और जनता, उपभोक्ता फोरम और कर्मचारी संगठनों से बातचीत की जा रही है और सभी पक्षों की राय को महत्व दिया जा रहा है।
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