किसानों को क्रय केन्द्र से ज्यादा दाम दे रहे हैं व्यापारी
Santkabir-nagar News - संतकबीरनगर जिले में गेहूं खरीद की रफ्तार धीमी है, जहां 24 हजार मीट्रिक टन का लक्ष्य है। अब तक 229 किसानों से केवल 1048 मीट्रिक टन खरीद हुई है। व्यापारी किसानों के घर से ही गेहूं खरीद रहे हैं, जिससे...
संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। संतकबीरनगर जिले में गेहूं खरीद की रफ्तार अभी काफी धीमी दिख रही है। शासन से 24 हजार मीट्रिक टन खरीद का लक्ष्य रखा गया है। अभी तक 229 किसानों से 1048 मीट्रिक टन खरीद की गई है। जो लक्ष्य का 4.96 प्रतिशत है। गत वर्ष इसी अवधि में 1.36 प्रतिशत खरीद हुई है। यानि पिछले साल की अपेक्षा लगभग तीन गुना अधिक खरीद हुई है।
जबकि लगभग 50 प्रतिशत गेहूं की कटाई हो चुकी है। सहालग का सीजन भी शुरू हो चुका है लेकिन किसान क्रय केन्द्रों पर काफी कम आ रहे हैं। इसके पीछे बताया जा रहा है कि व्यापारी किसानों के घर से ही गेहूं की खरीद कर ले रहे हैं। जिले में किसानों की जरूरत व उपलब्धता के अनुसार 2400 रुपए से लेकर 2470 रुपए कुंटल तक गेहूं की व्यापारी खरीद कर रहे हैं। वहीं किसानों का कहना है कि क्रय केन्द्र पर ले जाने के लिए पहले ढुलाई करानी पड़ती है। वहां पहुंचने पर छनाई होती है। फिर गेहूं में नमी के नाम पर कटौती हो जाती है। व्यापारी को देने पर इन समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है। कुछ किसान ऐसे हैं जिन्हें तत्काल धन की जरूरत नहीं है वे इस उम्मीद में गेहूं नहीं बेच रहे हैं कि अभी और दाम बढ़ेंगे।
वहीं आढ़तियों ने बताया कि इस समय फ्लोर मिलर गेहूं का रेट लगभग 2600 रुपये से अधिक दे रहे हैं। तो हम लोग भी किसानों के गेहूं का दाम सरकारी मूल्य से अधिक देकर खरीद रहे हैं। इससे किसान और हम लोगों को भी लाभ मिल जा रहा है। जिन किसानों को तत्काल रुपए की जरूरत नहीं है। उनका गेहूं एक या दो माह के लिए और अधिक मूल्य पर उधार लेते हैं। तय समय पर रकम चुका दी जाती है। तब तक बाजार का रेट और चढ़ जाता है। इससे घाटा नहीं लगने पाता है।
किसानों को गेहूं कीमत और बढ़ने की उम्मीदें
मेंहदावल क्षेत्र के सरकारी क्रय केंद्रों पर किसान इक्का दुक्का ही दिख रहे हैं। अभी कुछ किसानों की कटिया होनी है। वही जिनकी कटाई हो गई है वे शादी विवाह आदि कार्यों के आवश्यकतानुसार ही गेहूं बेच रहे हैं। क्योंकि आने वाले दिनों में किसानों को इसकी कीमत और बढ़ने की संभावना है। क्रय केंद्रों पर जहां गेहूं की कीमत 2425 रुपया है वहीं आढ़तिया 2470 रुपए की दर पर गेहूं खरीद रहे हैं। बड़े किसान अभी गेहूं को घर पर ही रख रहे है। उन्हें कीमत और बढ़ने का उम्मीद है। किसानों को एक सहूलियत आढ़तियों से यह भी है कि वह उनके घर या खेत में ही जा कर खरीद ले रहे हैं। क्रय केंद्र के अधिकारी अजय प्रकाश सिंह का कहना है कि किसानों से गेहूं लेने के लिए हर सम्भव प्रयास किया जा रहा है। कुछ किसानों के घर से भी खरीद की गई है। जिसके तहत करीब नौ सौ कुन्तल गेहूं खरीदा जा चुका है। कुछ किसान केंद्र पर आकर रेट पूछकर चले जा रहे हैं। किसान रेट और बढ़ने के चक्कर मे अभी गेहूं बेचने को तैयार नहीं हैं।
आढ़तिये खरीद रहे हैं 2450 रुपया कुन्तल
नाथनगर क्षेत्र के हाट शाखा हरिहरपुर को छोड़कर अन्य गेहूं क्रय केंद्रों पर सन्नाटा पसरा है। सरकारी दर से अधिक पैसा देकर आढ़तिये सीधे किसान के घर से गेहूं खरीद ले रहे हैं। जिससे किसानों को समय के साथ दिक्कतों से निजात मिल जा रही है। किसान हरीश कुमार, शिवेंद्र, प्रशांत दूबे, इनामुल्लाह, शफीक अहमद, शिव कुमार आदि ने बताया कि क्रय केंद्र पर सरकारी रेट 2425 रुपया है। साथ में साफ-सुथरे होने के साथ नमी मुक्त गेहूं की मांग की जाती है। जबकि आढ़तिया सीधे घर पहुंचकर साढ़े चौबीस रुपये से अधिक में खरीद ले रहे हैं। जब घर पर ही आसानी से खरीद हो जा रही है तब केंद्र पर पहुंचने की समस्या क्यों झेलनी पड़े। जबकि हाट शाखा हरिहरपुर में किसान पहुंचे थे। कुछ किसानों से खरीद हो रही थी। प्रभारी हरिप्रकाश पाठक खुद खड़े होकर तौल कराते दिखे। यहां पर किसान की रुचि देखी गई।
क्रय केंद्र पर कम नजर आ रहे किसान
विकास खण्ड सेमरियावां क्षेत्र में सरकारी क्रय केंद्रों पर गेहूं की खरीदारी न के बराबर होती जा रही है। सरकारी गेहूं क्रय केंद्रों पर इस वर्ष सन्नाटा पसरा हुआ है। किसान गेहूं की बिक्री के लिए गेहूं क्रय केंद्र के बजाय बाहरी व्यापारियों को गेहूं की बिक्री कर रहे हैं। कारण जिस दाम में क्रय केंद्र पर खरीददारी हो रही है उसी दाम में व्यापारी किसान के घर जाकर खरीद रहे हैं जिससे किसान क्रय केंद्र का चक्कर लगाने से बच जा रहे हैं। किसान को आढ़तियों से 2400 सौ से लेकर 2470 तक रुपया मिल जा रहा है। यही वजह है किसान क्रय केंद्र ले जाने के लिए ट्रैक्टर ट्राली करना पड़ेगा जिसका किराया हजार रुपया देना पड़ता है। दिन भर समय क्रय केंद्र पर देना पड़ता है तब जाकर तौल हो रही है। यही कारण है इन सब से बचने के लिए किसान घर बैठे ही आढ़तियों से बेचकर छुटकारा पा ले रहे हैं। किसानों का कहना है कि अगर कुछ कम दाम में ही इन सारी समस्याओं से छुट्टी मिल जा रही है तो भी व्यापारी को देने में फायदा है।
क्रय केंद्रों नहीं पहुंच रहे किसान
क्षेत्र में बारिश में भीगी फसल सूखने के बाद अब गेहूं की कटाई-मड़ाई फिर शुरू हो गई है। लेकिन क्रय केंद्रों पर किसान गेहूं लेकर नहीं पहुंच रहे हैं। जबकि सरकार द्वारा क्षेत्र में संचालित गेहूं क्रय केन्द्रों पर एक अप्रैल से गेहूं खरीदारी शुरू हो गई है। हाट शाखा प्रभारी निहैला आनन्द कुमार दूबे ने बताया कि अब तक 500 कुन्तल गेहूँ की खरीद की गई है। किसानों से लगातार संपर्क बनाया जा रहा है। वही साधन सहकारी समित मड़पौना में संचालित क्रय केन्द्र के प्रभारी मोतीलाल यादव ने बताया कि अब तक केवल 50 कुन्तल गेहूं खरीदा गया। वहीं गेहूं क्रय केन्द्र शनिचरा बाजार के प्रभारी राघवेन्द्र सिंह ने बताया कि अभी तक केवल 10 कुन्तल कि खरीद की गई है। कोई प्रतिबन्ध न होने से अढ़ाती सरकारी मूल्य से अधिक मूल्य दे किसानों का गेहूँ खरीद ले रहे हैं। कुछ लोगों ने बताया कि केवल हाट शाखा प्रभारी सरकार के निर्देशानुसार किसानों के यहां डोर टू डोर संपर्क कर रहे हैं। बाकी प्रभारी भाग्य भरोसे केन्द्र पर बैठ कर किसानो का इन्ताजार कर रहे हैं।
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