अधर में लटकी जिले में बस स्टेशन की आस
Santkabir-nagar News - संतकबीरनगर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 1515 करोड़ की 528 परियोजनाओं का उद्घाटन किया। हालांकि, बस डिपो की जनता की उम्मीदें अधूरी रहीं। मीरगंज में पहले से आवंटित जमीन पर निर्माण कार्य अभी तक शुरू...

हिन्दुस्तान टीम, संतकबीरनगर। जनपदवासियों की बस डिपो की आस अभी भी अधूरी है। सोमवार को जिले के तामेश्वरनाथ धाम में आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 1515 करोड़ की 528 परियोजनाओं की सौगात दिया। सभी को उम्मीद थी कि इसमें बस डिपो भी शामिल होगा। लेकिन ऐसा नहीं हो सका। एक बार फिर लोग निराश हो गए। बस डिपो के लिए हाईवे के किनारे मीरगंज में जमीन काफी पहले ही आवंटित हो चुकी है। लेकिन अभी निर्माण का रास्ता साफ नहीं हो सका है। इस कारण इस भीषण गर्मी में भी लोगों को धूप में खड़े होकर मेंहदावल बाईपास पर बसों का इंतजार करना पड़ रहा है।
शहर के मेंहदावल बाईपास से ही लखनऊ, दिल्ली के लिए बसें मिलती हैं। रोड के दोनों तरफ बस स्टैंड है। लेकिन यात्रियों के लिए यहां पर कोई सुविधा नहीं है। साथ ही यात्रियों के लिए बैठने तक का इंतजाम नहीं है। प्रतिदिन लोगों को दुश्वारियां झेलनी पड़ रही हैं। जिले का सृजन हुए करीब 27 साल गुजर गए, लेकिन अभी तक बस डिपो नहीं मिल सका। इस कारण लोगों को न तो बसों की जानकारी हो पाती है और न ही बैठने की कोई व्यवस्था है। रोडवेज के कर्मचारी चाय की दुकान पर बैठकर काम करते हैं। इस भीषण गर्मी में 43 डिग्री सेल्सियस तक तापमान के बीच यात्रियों को खुले आसमान के नीचे बसों व अन्य वाहनों का इंतजार करना पड़ रहा है। इसके चलते यात्रियों को दुर्दशा झेलनी पड़ रही है। जो लोग परिवार के साथ यात्रा करते हैं उन्हें तो और समस्या होती है। यहां पर बैठने के लिए न तो बेंच की व्यवस्था है और न ही छाजन बनाया गया है। धूप से परेशान लोग चाय की दुकानों अथवा ओवरब्रिज का सहारा लेते हैं। लेकिन ओवर ब्रिज के नीचे जाने के बाद कई बार बस छूट जाती है। इस कारण लोगों को खुले आसमान के नीचे ही खड़ा रहना पड़ता है। खलीलाबाद के विधायक अंकुरराज तिवारी ने कहा बस डिपो की स्थापना के लिए मीरगंज में जमीन चिन्हित हुई है। जिला प्रशासन ने चिन्हित जमीन को रोडवेज बस अड्डा के नाम खतौनी में दर्ज करा दिया है। स्वीकृति भी मिल गई है। मैं इसके लिए लगातार प्रयासरत हूं। जल्द ही टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद शिलान्यास होगा और कार्य शुरू होगा। बस स्टेशन के लिए मीरगंज में चिन्हित हुई जमीन जिला बनने के 27 साल बाद भी बस डिपो की स्थापना नहीं हो पाई। हालांकि परिवहन निगम के बस स्टेशन के लिए लंबे समय से नि:शुल्क जमीन की तलाश हो रही थी, लेकिन व्यवस्था नहीं हो पा रही थी। ड्रेनेज खंड दो के परिसर में रोडवेज बस स्टेशन बनाए जाने की कवायद हुई, लेकिन शासन स्तर से अनुमति नहीं मिल पाने से मामला अटक गया। तत्कालीन जिलाधिकारी महेंद्र सिंह तंवर ने इसे गम्भीरता से लिया। जमीन की तलाश करते हुए मीरगंज में इसके लिए जमीन को चिन्हित किया। भूमि को बस डिपो के नाम खतौनी में दर्ज कर दिया गया है। इसका प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है। लेकिन अभी तक स्थापना नहीं हो सकी है।
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