SC ST court sentenced two culprits to death in Hathras double murder case हाथरस डबल मर्डर केस: मासूम बहनों की हत्या के दोषियों को मौत की सजा, SC/ST कोर्ट का बड़ा फैसला, Uttar-pradesh Hindi News - Hindustan
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हाथरस डबल मर्डर केस: मासूम बहनों की हत्या के दोषियों को मौत की सजा, SC/ST कोर्ट का बड़ा फैसला

हाथरस की एक विशेष एससी/एसटी अदालत ने बुधवार को दो नाबालिग लड़कियों की हत्या के दो आरोपियों को दोषी करार देते हुए मृत्युदंड की सजा सुनाई है। दरअसल ये हत्याकांड दुबई में रह रहे चचेरे भाई ने संपत्ति के लिए कराया था।

Pawan Kumar Sharma कार्यालय संवाददाता, हाथरसWed, 28 May 2025 07:29 PM
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हाथरस डबल मर्डर केस: मासूम बहनों की हत्या के दोषियों को मौत की सजा, SC/ST कोर्ट का बड़ा फैसला

हाथरस में बुधवार को विशेष न्यायाधीश (एससी एसटी एक्ट) रामप्रताप सिंह ने दो मासूम सगी बहनों की सोते समय गला रेतकर हत्या करने के दो दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है। कोर्ट ने अभियुक्तों पर अर्थदण्ड भी लगाया है। अपने आदेश में कोर्ट ने कहा कि अभियुक्तों ने रिश्तों और विश्वास की हत्या की है। सिर्फ कुछ रुपए के लालच में अबोध बच्चियों की बर्बर तरीके से हत्या कर दी गई।

एडीजीसी दिनेश यादव के मुताबिक, 23 जनवरी 2025 की रात आगरा रोड स्थित आशीर्वाद धाम कॉलोनी में दोषी विकास और लालू पाल ने 7 साल की विधि और 13 साल की सृष्टि की हत्या करने के बाद उनके शिक्षक पिता छोटेलाल और मां वीरांगना को भी हमला करके घायल कर दिया था। शिक्षक के दुबई में रह रहे सगे भतीजे सोनेलाल ने 2 लाख रुपए में मासूम बच्चियों की हत्या की सुपारी दी थी।

कोर्ट ने इस जघन्य वारदात के मामले में सिर्फ 4 महीने 6 दिन में अपना फैसला सुना दिया। इस दौरान 29 मार्च को विकास और लालूपाल के खिलाफ न्यायालय में चार्जशीट लगाई गई थी। कुल 12 लोगों ने गवाही दी। कोर्ट ने विकास और लालू पाल को 26 मई को ही दोषी मान लिया था। इस मामले में 28 मई को कोर्ट में सजा पर सुनवाई हुई। सिर्फ 10 मिनट के अंदर कोर्ट ने दोषियों को मौत की सजा सुना दी। कोर्ट ने अपने आदेश में लिखा है कि अभियुक्तों को गर्दन में फांसी लगाकर फंदे पर तब तक लटकाया जाए जब तक उनकी मृत्यु न हो जाए। अभियोजन पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता यज्ञ दत्त गौतम ने भी पैरवी की।

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एडीजीसी के मुताबिक, मृत बच्चियों के पिता छोटेलाल मूल रूप से किशनुपर थाना जहानाबाद जनपद फतेहपुर के रहने वाले हैं। हाथरस के जवाहर इंटर कॉलेज मीतई में प्रवक्ता पद पर कार्यरत हैं। आशीर्वाद धाम कॉलोनी में वह अपना मकान बनाकर पत्नी और दो बच्चियों के साथ रहते हैं। दो साल पहले उन्हें पैरालाइसिस और ब्रेन हेमरेज हो गया, तब से वह चारपाई से नहीं उठ पाते।

यूं अंजाम दिया था घटनाक्रम

23 जनवरी 2025 की रात करीब साढ़े दस बजे छोटेलाल का रिश्ते का भतीजा विकास पुत्र ओमप्रकाश अपने पड़ोसी गांव के दोस्त लालूपाल उर्फ लल्लूपाल पुत्र कल्लूपाल निवासी गांव कापिल थाना जहानाबाद जिला फतेहपुर को लेकर आया था। विकास को छोटेलाल के सगे भतीजे सोनेलाल ने जोकि सऊदी अरब में रहता है, ने दो लाख रुपये में अपने सगे चाचा छोटेलाल और उनके पूरे परिवार को खत्म करने की सुपारी दी। सोनेलाल ने उसे दस हजार रुपये एडवांस भी दिये।

विकास ने दो लाख रुपये के लालच में 23 जनवरी की रात करीब डेढ़ बजे छोटेलाल पर चाकू से जानलेवा हमला बोल दिया। पास में उनकी 12 साल की बेटी सृष्टि और छह साल की बेटी विधि सो रही थी। हमलावरों ने दोनों मासूम बहनों को चाकू से ताबड़तोड़ प्रहार कर मार डाला। जब बच्चियों की मां वीरांगना चीख पुकार सुनकर दौड़ीं तो हमलावरों ने उनकी गर्दन पर चाकू से कई प्रहार किए। उसके बाद घर से मोबाइल और पर्स लेकर फरार हो गए। पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान दोनों अभियुक्तों को दबोच लिया और जेल भेज दिया।

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मेरे परिवार को जान का खतरा

मृत बच्चियों सृष्टि और विधि की मां वीरांगना सिंह ने कहा-कोर्ट ने मेरी दोनों बेटियों के हत्यारे को फांसी की सजा सुनाई है। मैं कोर्ट के फैसले का सम्मान करती हूं। इस पूरे हत्याकांड की साजिश मेरे पति के भतीजे सोनेलाल ने दुबई में बैठकर रची थी। वह अभी भी दुबई में है। पुलिस अब तक उसे भारत नहीं ला पाई है। मैं मांग करती हूं कि उसे जल्द से जल्द गिरफ्तार कर भारत लाया जाए। वीरांगना सिंह ने कहा कि अभी भी मुझे और मेरे परिवार को जान का खतरा है। मुझे और मेरे परिवार को सुरक्षा दी जाए। उन्होंने भावुक होते हुए कहा कि बच्चियों का दर्द मैं ताउम्र नहीं भूल सकती। मेरे पति बीमार हैं और बिस्तर पर हैं।

अपराध रेयरेस्ट ऑफ रेयर की कैटेगरी में

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि दोनों अभियुक्तों ने कम उम्र के होने के बावजूद पैसे के लालच में फतेहपुर से हाथरस आकर इस जघन्य कृत्य को अंजाम दिया। अभियुक्तों ने ऐसा कोई तर्क पेश नहीं किया, जिससे विश्वास किया जा सके कि वे भविष्य में फिर पैसों के लालच में इस प्रकार की संगीन घटना को अंजाम नहीं देंगे। कोर्ट ने यह भी साफ किया कि अभियुक्तों की कम उम्र उनके लिए सजा में रियायत का आधार नहीं बन सकती। यह अपराध रेयरेस्ट ऑफ रेयर की कैटेगरी में आता है।

पारिवारिक संपत्ति हड़पने का विवाद

मूलरूप से फतेहपुर जिले के जहानाबाद निवासी छोटेलाल की करीब 20 साल पहले नियुक्ति हाथरस के नेहरू स्मारक इंटर कॉलेज, मीतई में हुई थी। इसके बाद उन्होंने आशीर्वाद धाम कॉलोनी में घर बना लिया था। पारिवारिक संपत्ति हड़पने की नीयत से छोटेलाल के भतीजे सोनेलाल ने पूरी साजिश रचते हुए विकास और लालूराम से हत्या करवाई थी। योजना थी कि छोटेलाल, उनकी पत्नी और दोनों बेटियों की मौत के बाद गांव और हाथरस स्थित संपत्ति पर वह कब्जा कर लेगा।

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30 घंटे के अंदर की थी गिरफ्तारी

पुलिस ने आरोपियों की तलाश में तीन टीमें लगाई थीं। दो बेटियों के मर्डर के बाद मौके पर पहुंचे पुलिस अफसरों ने परिजनों और आस-पड़ोस में रहने वाले लोगों पूछताछ की थी। डॉग स्क्वायड और फोरेंसिक टीम ने भी मौके पर पहुंचकर सबूत जुटाए थे। पुलिस विकास और लालू पाल की लोकेशन ट्रेस करने लगी थी। पापरी रोड पर पुलिस ने घेराबंदी कर वारदात के 30 घंटे के अंदर दोनों को गिरफ्तार लिया था। पुलिस ने उनके पास से हत्याकांड में इस्तेमाल चाकू के अलावा दो तमंचे, कारतूस और खून से सने कपड़े भी बरामद किए थे।

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