करोड़ों खर्च करने के बाद भी नहीं सुधर रही बिजली व्यवस्था
Siddhart-nagar News - संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। संतकबीरनगर जिले में जैसे-जैसे गर्मी तेज होती है वैसे-वैसे जिले की बिजली व्यवस्था चौपट होती चली जाती है। कहीं पर लो वोल
संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। संतकबीरनगर जिले में जैसे-जैसे गर्मी तेज होती है वैसे-वैसे जिले की बिजली व्यवस्था चौपट होती चली जाती है। कहीं पर लो वोल्टेज तो कहीं पर बार-बार फाल्ट होने की समस्या बन रह रही है। समय से बिजली न मिलने के कारण उपभोक्ताओं रतजगा करने को मजबूर हो रहे हैं। हर वर्ष विभाग का दावा रहता है कि इस वर्ष गर्मी में बिजली व्यवस्था को चाक-चौबंद किया जाएगा लेकिन विभाग के सभी दावे हवाई ही साबित हो रहे हैं। यह समस्या सबसे अधिक शहरी क्षेत्रों में हो रही है। जिले में 3.13 लाख बिजली उपभोक्ता हैं। इन उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली मुहैया कराने के लिए 17 सब स्टेशन बनाए गए हैं।
इसके अलावा 132 केवी के चार बड़े बिजली स्टेशन हैं। इनमें मनवापुर, दुल्हीपार, खलीलाबाद व नाथनगर शामिल हैं। वहीं उपभोक्ताओं को बिजली संबंधित समस्याओं के निदान के लिए जिले को दो डिवीजन में बांटा गया है जिसमें खलीलाबाद व मेंहदावल डिवीजन शामिल हैं। वही 326 संविदा कर्मियों के साथ ही सैकड़ों विभागीय कर्मी काम में लगे हुए है। इतने बड़े संसाधन होने के बावजूद जैसे-जैसे गर्मी अपने चरम पर पहुंचने लगती है वैसे ही बिजली आपूर्ति की हालत बदहाल होती चल जाती है। कहीं पर लो वोल्टेज तो कहीं पर बार-बार ट्रिपिंग की खराबी होने की समस्या आने लगती है। जिससे कि लोगों को निर्बाध बिजली नही मिल पाती है। बिजली विभाग के कामों को ठेकेदारों से कराया जा रहा है। यदि ठेकेदारों के द्वारा कराए गए कार्यों का मूल्यांकन किसी अन्य विभाग के अवर अभियंता से कराया जाय तो सच्चाई सामने आ जाएगी। ------------------------------------ हर वर्ष लाइनों को ठीक करने में करोड़ों रुपये का होता है व्यय बदहाल हालत में पहुंच चुकी लाइनों के पुराने तारों को बदलने व मेंटीनेंस के नाम पर बिजली विभाग में हर वर्ष करोड़ों रुपये का खर्च किया जाता है। इन कार्यों के लिए विभाग के द्वारा एक ही फर्म को लगातार कई वर्षों से टेंडर दे कर कार्य करवाने की सहमति दी जाती है। एक ही फर्म को लगातार काम मिलने के कारण पुराने तारों को बदलने व मेंटीनेंस का काम पूरी पारदर्शिता से नहीं किया जाता है। शहरी क्षेत्रों में साल भर से अधिक से पुराने तारों को हटाकर एबीसी केबल में बदलने का काम चल रहा है। इसके लिए अब तक लाखों रूपये का बजट खर्च किया जा चुका है। इतना सब होने के बावजूद गर्मी शुरू होते ही सभी व्यवस्था धड़ाम हो जा रही है। ------------------------------------------ शहरी क्षेत्रों में सबसे अधिक हो रही समस्याएं बिजली की मार सबसे अधिक शहरी क्षेत्रों के लोग झेल रहे हैं। कभी लाइन मेंटीनेंस के नाम पर घोषित कटौती की जाती है तो कभी अघोषित कटौती हो रही है। इससे उपभोक्ताओं को हर समय इस विभाग की कार्यशैली की मार झेलनी पड़ती है। यदि हम चालू वर्ष की बात करें तो जनवरी माह से लेकर अप्रैल माह तक तीन सौ घंटे की कटौती विभाग के द्वारा घोषित तौर पर की गई है। इसमें विभाग के द्वारा उपभोक्ताओं को सूचना दी गई कि एबीसी केबल बदलने व पुराने तारों को बदलकर नए तार को लगाने का कार्य किया जाना शामिल रहा। अधिकांश क्षेत्रों में तो ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि करने के कार्य भी शामिल हैं। ------------------------------------------ नपा सीमा विस्तार में 16 नए गांवों को किया गया शामिल, सुविधा नदारद चार वर्ष पूर्व खलीलाबाद नगर पालिका क्षेत्र का सीमा विस्तार किया गया। जिसमें 16 नए गांवों को शामिल किया गया है। इसमें गौसपुर, बनियाबारी, सरैया, कटबंध, मिश्रौलिया, पटखौली, बड़गो, नेदुला, सरौली, मोहद्दीनपुर, मैलानी, बेलवनिया, डीघा, उरदहवा, धौरहरा, विधियानी गांव शामिल है। लेकिन इन गांवों में अब भी ग्रामीण क्षेत्र की बिजली आपूर्ति मिल रही है। शहर के जो नए मोहल्ले विकसित हो रहे हैं, उनकी हालत बदहाल है। इन कालोनियों में लोग पांच सौ मीटर से अधिक दूरी तक केबल से लाइन लेकर कार्य चला रहे हैं। हर बार उपभोक्ताओं को यही आश्वासन मिलता है कि इस बार गर्मी में सभी को शहरी क्षेत्र की आपूर्ति होने लगेगी, लेकिन ये सभी दावें केवल हवाई ही रहते हैं। -------------------------------------------------- लाखों रुपये होता है खर्च, पर समय से नहीं हो पाता काम विभाग के द्वारा शहरी क्षेत्र के लोगों को बेहतर बिजली मिले इसके लिए कार्य योजना बनाकर करोड़ों रूपये का बजट स्वीकृत कराया जाता है। इन कार्यों को करने के लिए विभाग के द्वारा ई-टेंडर के माध्यम से संबंधित फर्म को कार्य कराने का आदेश निर्गत किया जाता है। जिस पर वे कार्य तो कराते हैं। लेकिन ठेकेदारों व विभागीय कर्मियों की उदासीनता के कारण ये कार्य समयानुसार नहीं हो पा रहे हैं। जिसका खामियाजा उपभोक्ताओं को झेलना पड़ रहा है। जानकारी के अनुसार इस विभाग में जो फर्में कार्य कर रही हैं वे विगत कई वर्षों से कार्य कर रही हैं। इससे कहीं न कहीं विभाग की कार्य प्रणाली पर भी लोग उंगली उठाना शुरू कर दिए हैं। लोगों का कहना है कि क्या एक ही फर्म कई वर्ष से कार्य करवाया जा सकता है। विभाग के जिम्मेदारों की सेटिंग के कारण दूसरे फर्म कार्य करवाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। अधिशासी अभियंता, खलीलाबाद रमेश प्रजापति ने कहा कि लोगों को बेहतर बिजली मिले, इसके लिए विभाग हर समय कार्य कर रहा है। शहरी क्षेत्रों में अब लोग एसी, कूलर, पंखा समेत अन्य संसाधनों का प्रयोग कर रहे हैं। जिससे कभी कभार ट्रिंपिंग की समस्या हो जाती है। लाइनों को दुरुस्त किया जा रहा है। शहरी क्षेत्रों में चौबीस घंटे आपूर्ति की जा रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी शेड्यूल के अनुसार बेहतर बिजली आपूर्ति हो रही है। अधीक्षण अभियंता संजय सिंह ने कहा कि इस वर्ष बिजली के क्षेत्र में बेतर कार्य कराए गए हैं। ठेकेदारों को समय से कार्य करने के लिए लिखित बांड भराया जाता है। जो कि करते भी हैं, कुछ ऐसे ठेकेदार हैं जो कि समय से अपने कार्यों को पूरा नहीं कर पाते हैं। ऐसे लोगों को नोटिस दी जा रही है। गर्मी अधिक पड़ रही है जिससे बिजली की खपत अधिक होने लगी है। जल्द ही सभी जगहों पर आपूर्ति और बेहतर मिलने लगेगी।
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