पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखना आज की महत्ती आवश्यकता
Siddhart-nagar News - 07 एसआईडीडी 38: सिद्धार्थ विश्वविद्यालय में शुक्रवार को पर्यावरण परिवर्तन, सततता, प्रौद्योगिकी और नवाचार विषय पर आयोजित संगोष्ठी में कुलपति प्रो.कविता

सिद्धार्थनगर, हिटी। सिद्धार्थ विश्वविद्यालय में शुक्रवार को पर्यावरण परिवर्तन, सततता, प्रौद्योगिकी और नवाचार विषय पर एकदिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें 70 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। कुलपति प्रो. कविता शाह ने कहा कि पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखना आज की महत्ती आवश्यकता है। इसके लिए शैक्षणिक संस्थानों को अनुसंधान एवं नवाचार के क्षेत्र में विशेष योगदान देना होगा।
उन्होंने कहा कि स्थाई विकास केवल सामूहिक प्रयासों से ही संभव है और विश्वविद्यालय इस दिशा में निरंतर प्रयासरत है। उपविभागीय वन अधिकारी वीना तिवारी ने वनों के संरक्षण, जलवायु परिवर्तन से निपटने की रणनीति और प्राकृतिक संसाधनों के सतत उपयोग पर बल दिया। बीएचयू, वाराणसी पर्यावरण एवं सतत विकास संस्थान निदेशक प्रो.वीरेंद्र कुमार मिश्र ने निर्मित वेटलैंड को एक प्राकृतिक, सतत और किफायती समाधान बताते हुए इसके विभिन्न अनुप्रयोगों पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम समन्वयक डॉ. आशुतोष वर्मा ने कहा कि वैज्ञानिक ज्ञान और वास्तविक जीवन की चुनौतियों का समावेश कर पर्यावरणीय समस्याओं का समाधान किया जा सकता है। इसके बाद संगोष्ठी में पोस्टर और मौखिक प्रस्तुति सत्र आयोजित किए गए। इसमें विभिन्न शोधकर्ताओं और विद्यार्थियों ने अपने शोध कार्य प्रस्तुत किए।
इसमें मौखिक प्रस्तुति के लिए अनुराधा त्रिपाठी को प्रथम स्थान, हर्षिता सिंह को द्वितीय स्थान, कविता चौधरी को तृतीय स्थान जबकि पोस्टर प्रस्तुति के लिए श्वेता भट्ट को प्रथम स्थान, वर्तिका द्विवेदी को द्वितीय व एकता सिंह को तृतीय स्थान प्रदान किया गया। इस अवसर पर डॉ.अंकिता श्रीवास्तव, प्रो. प्रकृति राय, डॉ. कौशलेंद्र चतुर्वेदी, डॉ. जितेंद्र कुमार सिंह आदि मौजूद रहे।
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