2030 तक मलेरिया का खात्मा, आज मनेगा विश्व मलेरिया दिवस: सीएस
गिरिडीह में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 2030 तक मलेरिया के खात्मे के लिए डेटलाइन तय की है। 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाएगा, जिसका थीम 'मलेरिया का अंत हमारे साथ' है। 2017 से मलेरिया के मामलों...

गिरिडीह। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पूरे विश्व में 2030 तक मलेरिया के खात्मे की डेटलाइन तैयार की गई है। जिस पर तेजी से कार्य हो रहे हैं। गुरुवार को अपने कार्यालय कक्ष में सिविल सर्जन डॉ. शिवप्रसाद मिश्रा ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि प्रतिवर्ष 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष विश्व मलेरिया दिवस का थीम मलेरिया का अंत हमारे साथ पुनर्निवेश, पुनर्कल्पना, पुनर्जीवन है। जिसका उद्देशय मलेरिया के खिलाफ लड़ाई में आवश्यक तथा तत्काल कार्रवाई के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। मलेरिया उन्मूलन के लिए कार्य करना है जिससे ग्राम स्तर पर मलेरिया मुक्त किया जा सके। मौके पर प्रभारी पदाधिकारी डॉ. कमलेश्वर प्रसाद, डॉ. अरविंद कुमार और डॉ. रवि महर्षि थे। कहा कि मलेरिया दिवस का उद्देश्य जनसमुदाय को इससे सुरक्षा, बचाव के प्रति जागरूक करना व बेहतर स्वास्थ्य के लिए व्यवहार परिर्वतन करना है। जिले को मलेरिया मुक्त बनाने का संकल्प लें एवं भविष्य को मलेरिया से सुरक्षित बनायें। इस पर प्रखंड स्तर पर ग्राम सभा, विद्यालय जागरूकता कार्यक्रम व प्रभात फेरी होगी। प्रखंड और जिला स्तर पर कार्यशाला एवं मलेरिया समाप्ति हेतु शपथ ग्रहण कार्यक्रम होगा।
2017 से अबतक अच्छी सफलता
सीएस ने कहा कि 2017 की तुलना में संक्रमण में कमी आई है। एक तरह से कहे कि इसके परिणाम अबतक काफी अच्छे हैं। जिले ने सफलता पाई है। 2017 में 7276 मलेरिया संक्रमित रोगी थे, जब अब 2024 में 204 रह गए हैं। 2020 में 464, 2021 में 393, 2022 में 349, 2023 में 219 मलेरिया संक्रमित रोगी पाए गए थे। 2024 में 204 संक्रमित मिले। इसकी सफलता में स्वास्थ्य विभाग के हर कर्मी, पदाधिकारी, जनप्रतिनिधि और प्रशासन का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
डुमरी प्रखंड रिस्क जोन से बाहर
2024 में गावां प्रखंड के स्वास्थ्य उपकेन्द्र बरमसिया व जमदार, तिसरी प्रखंड के तिसरो, खटपोक, गुमगी और भंडारी आदि मलेरिया प्रभावित क्षेत्र पाए गए, वहीं मलेरिया रोगियों की संख्या में सबसे अधिक गिरावट डुमरी प्रखंड में दर्ज की गई। सीएस ने कहा कि मलेरिया प्रभावित क्षेत्रों में इसके बचाव व रोकथाम के लिए 2025-26 में बिरनी, गांडेय, तिसरी, गावां और पीरटांड़ में कीटनाशक युक्त दवा का छिड़काव कराया जाना राज्य स्तर पर प्रस्तावित है।
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