रेलवे पर जबरदस्ती जमीन कब्जा का आरोप लगा किया प्रदर्शन
Sonbhadra News - सोनभद्र में किसानों ने रेलवे विभाग के खिलाफ प्रदर्शन किया। किसानों का आरोप है कि रेलवे उनकी पुश्तैनी जमीनों को अपनी बताकर जबरदस्ती कब्जा कर रहा है। चकबंदी प्रक्रिया के तहत सर्वे किया जा रहा है, लेकिन...
सोनभद्र, संवाददाता। रेलवे विभाग की तरफ से किसानों की जमीन को अपना बताकर जबरदस्ती कब्जा करते हुए पक्का निर्माण कराए जाने को लेकर आक्रोश देखा जा रहा है। इसके विरोध में मंगलवार को राबर्ट्सगंज ब्लाक के ग्राम पंचायत मारकुंडी के राजस्व गांव अवई के किसानों ने रेलवे विभाग पर उत्पीड़न किए जाने का आरोप लगाते हुए कलक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने कहा कि ग्राम पंचायत मारकुंडी में चकबंदी प्रक्रिया चल रही है। जिसके तहत सर्वे व तरमीम का कार्य किया जा रहा है। चकबंदी सर्वे रेल विभाग के अधिकारियों की तरफ से आजादी के महज सात साल बाद वर्ष 1954 का हस्तलेखीय नक्शा लेकर चकबंदी प्राधिकारियों के साथ रेलवे की जमीनों की शिनाख्त कराई जा रही है, जो राजस्व विभाग के वर्तमान अभिलेखों के बिल्कुल भिन्न है।
स्थिति यह है कि हम ग्रामीणों के पुश्तैनी जमीनों पर कई पीढ़ियों से खेती-बारी होती चली आ रही हैं, उन्हें भी रेलवे विभाग द्वारा अपनी जमीन के रूप में शिनाख्त किया जा रहा है। इसका विरोध करने पर रेलवे विभाग के अधिकारियों क तरफ से हम किसानों को धमकी दी जा रही है और जबरिया हम किसानों की जमीन को बलपूर्वक अपना बताते हुए घेरा जा रहा है। इतना ही नहीं रेलवे विभाग के संबंधित अधिकारीगण जल्दबाजी में जमीन में पक्का निर्माण करने के लिए दिन-रात जेसीबी से कहीं गड्ढा तो कहीं पक्की बाउण्ड्रीवाल बनाने के लिए निर्माण सामग्री गिरायी जा रही है। इसके अलावा ग्राम पंचायत के विभिन्न पुश्तैनी रास्ते को भी घेरकर बंद किया जा रहा है। चकबंदी, बिना बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी की अनुमति से कोई पक्का/स्थाई निर्माण नहीं कराया जा सकता है। इसके विपरीत रेलवे विभाग के संबंधित अधिकारी मनमानेपूर्ण तरीके से नियमों व कानूनों को ताक पर रखकर पक्का निर्माण कराने के लिए गड्ढा आदि खोदा जा रहा है। जिससे कालांतर में हम किसानों को वाद बाहुलता का सामना करना पड़ सकता है। ऐसी जमीनों को भी रेलवे विभाग कब्जा कर घेरने की फिराक में पड़ा है। जबकि नियमानुसार जब तक चकबंदी प्रक्रिया पूर्ण नहीं हो जाती है और मिनजुमला गाटों का विधिक विभाजन नहीं हो जाता, रेलवे विभाग को किसी भी भूखंड को घेरा जाना कत्तई न्यायोचित नहीं है। इस मौके पर हरिगोविंद, संजय, महेन्द्र, बृजेश, दीपक वर्मा, हेमनाथ, भोला, गुलाब, मनीष यादव, सूर्यकांत यादव, किशुन आदि रहे।
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