अब राजतंत्र नहीं लोकतंत्र है, संविधान के अनुसार ही देश चलेगा, संभल पर बोलीं सपा सांसद इकरा हसन
समाजवादी पार्टी की सांसद इकरा हसन ने संभल में हो रहे एक्शन पर यूपी की भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। इकरा ने कहा कि इन सब चीजों की कोई जरूरत नहीं है। हमारे देश का जो कानून है उसे सभी को पालन करना है।

समाजवादी पार्टी की सांसद इकरा हसन ने संभल में हो रहे एक्शन पर यूपी की भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। इकरा ने कहा कि इन सब चीजों की कोई जरूरत नहीं है। हमारे देश का जो कानून है उसे सभी को पालन करना है। प्लेसेस ऑफ वर्सिप एक्ट है। पहले जो राजा होता था उसके अनुसार व्यवस्थाएं बदल जाती थीं। अब देश में राजतंत्र नहीं लोकतंत्र है। एक्ट इसलिए ही लाया गया था कि 1947 में जो भी मंदिर, मस्जिद, गिरजाघर जैसे थे वैसे ही रहेंगे। अब संविधान में जो लिखा गया है उसी के अनुसार सभी को चलना पड़ेगा। अब यहां पर किसी का राज नहीं है किसी की तानाशाही नहीं है। संविधान में प्लेसेस ऑफ वर्सिप एक्ट है तो उसी के हिसाब से चलना होगा।
इकरा हसन सोमवार को सपा प्रतिनिधिमंडल के सााथ संभल में हिंसा प्रभावित परिवारों से मिलने पहुंची थीं। इसी दौरान मीडिया से बातचीत में इकरा हसन ने कहा कि संभल में जो कुछ हुआ है वह काला धब्बा है। हम लोगों ने पहले भी यहां आने की कोशिश की थी लेकिन प्रशासन ने आने नहीं दिया था। अब आने का मौका मिला है तो पार्टी की तरफ से छोटी से मदद पीड़ित परिवारों को दी गई है और उनका दुख बांटने की कोशिश की गई है।
संभल सांसद जियाउर्रहमान पर आजम खान की तरह एक्शन की चेतावनी वाले सवाल पर कहा कि राज्य सरकार लगातार धमकी देने का काम कर रही है। विपक्ष के नेताओं पर लगातार कार्रवाई की जा रही है।
इस अवसर पर संभल सांसद जियाउर्रहमान ने कहा कि यहां जो कुछ हुआ है उससे पूरा देश शर्मसार हुआ है। उन्होंने कहा कि यह हकीकत है कि 29 साल से यहां कोई हिंदू मुस्लिम दंगा नहीं हुआ है। यहां हिंसा में पांच लोगों की जान गई है। इस हिंसा को हम लोगों ने विधानसभा से लेकर संसद तक उठाया गया है। कहा कि अफसोस यह है कि हमारे लोगों की हत्या हुई और हम लोगों के खिलाफ ही एफआईआर दर्ज हुई है। यह कैसा इंसाफ है। हमें कानून और संविधान पर भरोसा है।
कहा कि हमें उम्मीद है कि सरकार से भले ही हमें न्याय नहीं मिला है लेकिन न्यायलय से हमें न्याय जरूर मिलेगा। इसकी लड़ाई हमने विधानसभा और संसद में मजबूती से लड़ी है। इस लड़ाई का खामियाजा भले ही मुझे भुगतना पड़ा है। मेरे खिलाफ, मेरे पिता के खिलाफ, हमारे विधायक के बेटे के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। यह जाहिर करता है कि पुलिस प्रशासन अपनी नाकामी छिपाना चाहता है। हम चाहते हैं कि हमारे लोगों को इंसाफ मिलना चाहिए। वह भी इस देश के नागरिक हैं।
पांच पीड़ितों के परिजनों को सौंपे पांच-पांच लाख के चेक
संभल। शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान 24 नवंबर को हुई हिंसा में मारे गए पांच लोगों के परिजनों से समाजवादी पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को मुलाकात की। सपा नेताओं ने पीडब्लूडी गेस्ट हाउस में आयोजित कार्यक्रम में परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये की सहायता राशि के चेक भी सौंपे। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व नेता विरोधी दल विधान सभा माता प्रसाद पांडेय और नेता विरोधी दल विधान परिषद लाल बिहारी यादव ने किया। साथ ही सांसद हरेंद्र मलिक, इकरा हसन, रुचि वीरा, जियाउर्रहमान बर्क, विधायक नवाब इकबाल महमूद, पिंकी यादव ने भी परिजनों से मुलाकात की और उन्हें सांत्वना दी।
कार्यक्रम के दौरान सपा नेताओं ने सरकार और पुलिस प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए। नेता विरोधी दल विधान सभा माता प्रसाद पांडेय ने कहा कि पुलिस ने जानबूझकर हिंसा के दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की और मामले को सही तरीके से नहीं संभाला। उन्होंने यह भी कहा कि हिंसा के बाद पुलिस और प्रशासन ने संवेदनहीनता का परिचय दिया। सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने कहा कि इस घटना ने केवल संभल को ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश को सहमा दिया है।
सपा नेताओं ने हिंसा में मारे गए पांच लोगों के परिवारों को न्याय दिलाने की बात कही। आरोप लगाया कि सरकार मुस्लिम समुदाय के प्रति संवेदनशील नहीं है। सांसद जियाउर्रहमान ने भी अपने खिलाफ दर्ज किए गए झूठे मुकदमे का विरोध किया। सभी नेताओं ने मांग की कि पुलिस पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। सपा नेताओं ने यह भी कहा कि पुलिस की भूमिका पर सवाल उठते हैं, और यह जरूरी है कि संवेदनशील मुद्दों पर न्याय दिलाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। इसके बाद सपा प्रतिनिधिमंडल ने डीएम डा. राजेंद्र पैंसिया व एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने करीब तीन घंटे बंद कमरे में वार्ता की।